इनके कारनामे कर देंगे हैरान, पलक झपकते झारखंड के ये बहादुर जवान बचाएंगे अब आपकी जान
राज्य का अपना एसडीआरएफ बन रहा सशक्त छह सप्ताह का बेसिक प्रशिक्षण पूरा। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने दिया छह सप्ताह का प्रशिक्षण अब एडवांस कोर्स की दी जाएगी ट्रेनिंग। एसडीआरएफ का पूरा नाम स्टेट डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स है। इसका हिन्दी में नाम होगा- राज्य आपदा मोचन बल।
रांची, (राज्य ब्यूरो)। झारखंड में अब कहीं भी कोई आपदा आती है तो इसके लिए केंद्र की ओर देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। झारखंड का अपना राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) सशक्त होने जा रहा है। यहां झारखंड सशस्त्र बल की विभिन्न बटालियन से चयनित 63 जवानों ने छह सप्ताह का अपना बेसिक प्रशिक्षण एक दिन पहले ही पूरा कर लिया है।
अब एडवांस कोर्स की दी जा रही जानकारी
अब इन्हें एडवांस कोर्स कराया जाएगा, ताकि ये हर तरह किसी भी तरह की आपदा से निपटने को लेकर सक्षम हो सकें। राज्य में सबसे ज्यादा सड़क हादसे व नदी-तालाबों में डूबने की घटनाएं होती हैं और उसे ध्यान में रखकर ही राज्य आपदा मोचन बल के जवानों केा तैयार किया जा रहा है, ताकि वे बेहतर तरीके से अपने कार्य को अंजाम दे सकें।
कुल 63 जवानों की दो यूनिट बनाई गई है
मिली जानकारी के अनुसार एसडीआरएफ में तैनात सभी 63 जवानों की दो यूनिट बनी है। इन जवानों को अब तक मेडिकल इमर्जेंसी में प्राथमिक उपचार देने की जानकारी दी जा चुकी है। अगर कोई भवन ध्वस्त होता है तो उसमें फंसे लोगों को निकालने में क्या सावधानी बरतनी है और कैसे उन्हें रेस्क्यू करना है, इसकी जानकारी दी जा चुकी है।
गैस या केमिकल रिसाव नियंत्रित करने का ले रहे प्रशिक्षण
बताया जा रहा कि इसी तरह एसडीआरएफ को नदी-तालाबों में डूब रहे लोगों को बचाने के लिए बोट रस्क्यू का भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब गैस या केमिकल रिसाव वाले स्थानों पर रेस्क्यू से संबंधित जानकारी एसडीआरएफ के इन जवानों को दी जा रही है, ताकि इस तरह के आपदा को नियंत्रित कर सकें।
हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद तेज हुई है कवायद
मालूम हो कि राज्य आपदा मोचन बल को सशक्त बनाने की पहल हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद ही तेज हुई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार का गठन हुआ। हेमंत सोरेन की सरकार में आपदा प्रबंधन प्रभाग को अलग पहचान दिलाने की कोशिश हुई। बन्ना गुप्ता को आपदा प्रबंधन विभाग का मंत्री बनाया गया। मंत्री बन्ना गुप्ता ने राज्य आपदा मोचन बल को मजबूत बनाने की दिशा में पहल की। इसके बाद बल का चयन किया गया और फिर उनका प्रशिक्षण शुरू किया गया है।