बंदी में भी उद्यमियों पर बिजली की मार
लॉकडाउन में बिजली बिल ने राज्य के उद्यमियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है।
विक्रम गिरि, राची
लॉकडाउन में बिजली बिल ने राज्य के उद्यमियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। उद्योग के पूरी तरह बंद रहने के बाद भी इन्हें लाखों रुपये का बिजली बिल चुकाना होगा। यह बिल है उनके फिक्स चार्ज कनेक्शन का, जो उद्योग चले या न चले कनेक्शन लेने पर उद्यमी को चुकाना ही पड़ता है। उद्यमी इसे बिजली की मार बता रहे हैं। वह सरकार से इसे माफ करने की गुहार लगा रहे हैं।
उद्यमियों का कहना है कि एक तो बंदी में उन्हें मजदूरों के वेतन का भुगतान करना पड़ रहा है ऊपर से यह अतिरिक्त भार उन्हें आर्थिक रूप से तोड़ कर रख देगा। इधर, विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों की दलील है कि अगर फिक्स चार्ज में छूट दी जाती है तो विभाग को करोड़ों के राजस्व का नुकसान होगा।
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350 रुपये प्रति केवीए की दर से देना होता है शुल्क
दरअसल, राची में लगभग 510 हाइटेंशन उपभोक्ता हैं। इनमें 100 केवीए से लेकर पाच सौ केवीए क्षमता तक के उपभोक्ता हैं। वर्तमान में बिजली विभाग द्वारा इन उपभोक्ताओं से 350 रुपये प्रति केवीए फिक्स चार्ज लिया जाता है। इस हिसाब से इन उद्यमियों को न्यूनतम 35 हजार और अधिकतम एक लाख 75 हजार रुपये बिना उद्योग चलाए देने होंगे। जिसे लेकर अब इनकी परेशानी बढ़ गई है।
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क्या कहते हैं उद्यमी
ऐसी परिस्थिति बनी है जिसमें उद्यमी का कोई कसूर नहीं है। इसलिए सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
अंजय पचेरीवाल, महासचिव, जेसिया
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फिक्स चार्ज में राहत मिलनी ही चाहिए। बिना बिजली उपयोग किए और फैक्ट्री बंद रहने के बाद इसका भुगतान करना आसान नहीं है।
सुरेंद्र सिंह, अध्यक्ष, तुपुदाना इंडस्ट्रीयल एरिया,
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यह हम सभी उद्यमियों के लिए बड़ी परेशानी का विषय हैं। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। लॉकडाउन में राहत जरूर दी गई है, लेकिन अब भी हालात सामान्य होने में वक्त लगेगा। ऐसे में सरकार को फिक्स चार्ज को माफ करे। जिससे उद्योग धंधे भी जिंदा रह पाए।
बिनोद तुलस्यान, कोषाध्यक्ष, तुपुदाना इंडस्ट्रीयल ------------------------
कोरोना के चलते जो परेशानी हो रही उस पर वितरण निगम प्रस्ताव तैयार कर रहा है। हमारा सारा लेखा जोखा विद्युत नियामक आयोग तय करता है। लॉकडाउन की स्थिति में सभी जगह आशिक रूप से काम हो रहा है।
केके वर्मा, कार्यकारी निदेशक, जेबीवीएनएल