स्मूथ ट्रैफिक के लिए सड़क की बायीं लेन हो फ्री : हाई कोर्ट
झारखंड हाई कोर्ट ने राजधानी रांची के प्रमुख चौराहों की बायीं लेन को मुक्त रखने को कहा है।
राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने राजधानी रांची के प्रमुख चौराहों की बायीं लेन को रोके जाने पर आपत्ति जताई और ट्रैफिक एसपी को इसे ग्रीन रखने का निर्देश दिया है। जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि चौक के बायीं ओर जाने वाली सड़क का सिग्नल रेड रखने का कोई औचित्य नहीं है। बायीं लेन को हमेशा गतिशील रखा जाना चाहिए। इससे प्रतीत होता है कि ट्रैफिक पुलिस सही तरीके से काम नहीं कर रही है और व्यवस्था लागू करने से पहले सटीक तैयारी नहीं की गई है।
अदालत ने कहा कि अगर बायीं लेन खाली रहेगी तो वहां से भी एंबुलेंस को रास्ता दिया जा सकता है, जिससे बीच में ट्रैफिक को ज्यादा देर तक रोकने की जरूरत नहीं पडे़गी। हाई कोर्ट में स्वत: संज्ञान से लिए मामले की सुनवाई हो रही थी। इस दौरान रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग भी अदालत में मौजूद थे।
सुनवाई को दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रमुख चौराहों पर बायीं लेन की अधिकतर जमीन सरकारी है, ऐसे में उसका अधिग्रहण कर उसे चौड़ा करें, ताकि बायीं ओर का ट्रैफिक चलता रहे। बायीं ओर जाने वाली सड़क पर ग्रीन ट्रैक बनाएं और इसे हमेशा खाली रखें। चालकों को दें प्रशिक्षण
अदालत ने कहा कि शहर के ऑटो, ई-रिक्शा और एंबुलेंस चालकों को प्रशिक्षण देने की जरूरत है। उन्हें वाहन चलाने और पार्क करने के बारे में बताना चाहिए, क्योंकि चालक ही ट्रैफिक का बेसिक कंट्रोलर होता है। कोर्ट ने कहा कि सभी चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लाइट के लिए एक ही स्टैंडर्ड समय लागू नहीं किया जा सकता है। ट्रैफिक पुलिस को डाटा तैयार कर सभी चौक से गुजरने वाले वाहनों के बारे में पता लगाना होगा। चौक के जिस सड़क से वाहन कम आते हैं और जहां वाहनों का बोझ अधिक है उसके लिए अलग-अलग समय निर्धारित करने की जरूरत है। डिवाइडर के पास लगे लाइट
कोर्ट ने कहा कि शहर के कई चौराहों पर सड़क पार करते ही डिवाइडर आ जाता है। रात में डिवाइडर दिखाई नहीं देता। इस वजह से हमेशा दुर्घटना होने की आशका बनी रहती है। पुलिस को यहां पर लाइट व साइन बोर्ड लगाना चाहिए।