जानें, क्या है पत्थलगड़ी विवाद और कौन दे रहा है बढ़ावा
डीजीपी डीके पांडेय ने बताया है कि कोचांग का पोस्टमास्टर पत्थलगड़ी को प्रोत्साहित कर रहा है और इससे जुड़े लोगों को सरकार के प्रति भड़का रहा है।
रांची, दिलीप कुमार। पत्थलगड़ी समर्थकों को सहयोग और ग्रामीणों को सरकार के प्रति भड़काने का आरोप सरकारी व अर्धसरकारी कर्मियों पर भी लगा है। डीजीपी डीके पांडेय ने सरकार को इससे संबंधित पत्रचार भी किया है और ऐसे कर्मियों की सेवा समाप्त करने की अनुशंसा की है।
उन्होंने बताया है कि कोचांग का पोस्टमास्टर पत्थलगड़ी को प्रोत्साहित कर रहा है और इससे जुड़े लोगों को सरकार के प्रति भड़का रहा है। अड़की के तोतकारा का पारा टीचर पतरस गुड़िया, खूंटी के सलगाडीह का पारा टीचर सनिका टुटी व बुंडू के बेड़ा निवासी पारा टीचर पौलुस टुटी भी सरकार विरोधी ताकतों को प्रोत्साहित करने में जुटे हैं।
डीजीपी ने अनुशंसा पत्र में लिखा है कि वर्तमान में खूंटी जिले में संविधान की गलत व्याख्या कर पत्थलगड़ी की जा रही है। जो जिले के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है। इन क्षेत्रों में पदस्थापित कुछ सरकारी कर्मी इसमें सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और सरकार विरोधी कार्यो को बढ़वा दे रहे हैं। इनकी सेवा समाप्त करना अत्यंत आवश्यक है।
ये हैं चार सरकारी/अर्धसरकारी कर्मी, जिनकी सेवा समाप्त करने की अनुशंसा की गई
सुखराम मुंडा: पिता सकुल मुंडा, ग्राम कोचांग, थाना अड़की, खूंटी। यह कोचांग में पोस्टमास्टर है। इस पर अड़की में 19 फरवरी, 21 फरवरी व 21 अप्रैल को पत्थलगड़ी समर्थकों के साथ मिलकर सरकारी कार्य में बाधा से संबंधित मामले दर्ज हैं।
पौलुस टुटी: पिता स्व. दयाल टुटी, ग्राम बेड़ा, थाना बुंडू, जिला रांची। यह उत्क्रमित प्रा. विद्यालय बेड़ा में पारा शिक्षक है। इस पर खूंटी थाने में 09 मार्च 2018 को सरकारी कार्य में बाधा, तोड़फोड़ मामले में प्राथमिकी दर्ज है।
पतरस गुड़िया: पिता हाविल गुड़िया, तोतकारा, अड़की, खूंटी। यह उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय तोतकारा में पारा शिक्षक है। इसपर अड़की में 19 फरवरी को सरकारी कार्य में बाधा, प्रशासन से दुर्व्यवहार का आरोप है।
सनिका टुटी: पिता बड़कामोलो मुंडा, ग्राम सलगाडीह, थाना मारंगहादा, खूंटी। यह उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय सलगाडीह में पारा शिक्षक है। इसपर खूंटी थाने में धारा 107 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई की गई है।
इस तरह आपसी अविश्वास की गहरी खाई बन गई
करीब तीन माह पूर्व खूंटी के कांकी में पुलिस को घेर कर ग्रामसभा की अनुमति लिए बगैर प्रवेश करने पर बेइज्जत किया गया। वहीं, अड़की के कुरूंगा में एसपी सहित 250 पुलिस जवानों को 24 घंटे तक बंधक बना कर रखा गया। प्रशासन और पुलिस ने ग्रामसभा के सामने समर्पण कर बंधकों को मुक्त तो कराया लेकिन आपसी अविश्वास की गहरी खाई बन गई। वहीं, पत्थलगड़ी गांवों से निकल थाना और शहर तक पहुंच गई।
इस तरह अगवा किए थे गार्ड
खूंटी में गत मंगलवार को पत्थलगड़ी समर्थक बेकाबू हो गए और सांसद कड़िया मुंडा के आवास पर हमला बोलते हुए तीन सुरक्षाकर्मियों का अपहरण कर लिया। उनके आवास से चार इंसास हथियार भी लूटते हुए लेकर चले गए। गनीमत था कि घटना के वक्त सांसद आवास में नहीं थे। खूंटी जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर घाघरा में हो रहे पत्थलगड़ी को रोकने व उनके नेता युसूफ पूर्ति को गिरफ्तार करने के लिए करीब 500 जवान घाघरा जा रहे थे। घाघरा से चार किलोमीटर पहले ही अनिगड़ा में पत्थलगड़ी समर्थकों से पुलिस की भिड़ंत हो गई।
पारंपरिक हथियार से लैस पत्थलगड़ी समर्थक जब हिंसा पर उतारू हो गए तो पुलिस ने भी लाठियां भांजनी शुरू कर दी। इसमें एक पत्थलगड़ी समर्थक जख्मी हुआ, पुलिस ने आधा दर्जन पत्थलगड़ी समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की जवाबी कार्रवाई के बाद भागने के क्रम में पत्थलगड़ी समर्थकों ने अनिगड़ा के समीप चांदीडीह स्थित सांसद कडि़या मुंडा के आवास पर हमला बोल दिया। करीब 300 की संख्या में पत्थलगड़ी समर्थक महिला-पुरुषों ने सांसद आवास के हाउसगार्ड के चार इंसास को लूट लिया और एक हवलदार सहित चार जवानों को घसीटते हुए ले जाने लगे। इसी बीच, मौका पाकर हवलदार बैजू उरांव तो पत्थलगड़ी समर्थकों के कब्जे से भाग निकला, लेकिन तीन जवानों को पत्थलगड़ी समर्थकों ने बंधक बना लिया है। जो जवान बंधक बने हैं, उनमें सुबोध कुजूर, विनोद केरकेट्टा व सियोन सोरेन शामिल हैं। कड़ी मशक्कत के बाद आज सुबह तीन गार्ड सहित चार जवानों को पुलिस ने मुक्त करा लिया है।