जरूरी खबर: झारखंड में एक रुपये में जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री बंद, महिलाओं को मिल रही छूट खत्म
Jharkhand. इससे 1238 करोड़ रुपये के राजस्व हानि का खुलासा किया था। शुक्रवार को भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग ने विधिवत इसे बंद करने की अधिसूचना जारी कर दी।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार ने महिलाओं को 50 लाख रुपये मूल्य तक की अचल संपत्ति की रजिस्ट्री एक रुपये में करने की योजना अधिकृत तौर पर बंद कर दी है। पूर्ववर्ती रघुवर दास की सरकार ने इस लोक लुभावन योजना को लागू किया था। हालांकि नए वित्तीय वर्ष के वार्षिक बजट में इस योजना के लिए कोई प्रावधान नहीं होने से ही इसे बंद करने की अटकलें लगाई जा रही थी। राज्य सरकार ने विधानसभा के बजट सत्र में वित्तीय स्थिति पर जारी श्वेतपत्र में भी इस योजना का जिक्र करते हुए इससे 1238 करोड़ रुपये के राजस्व हानि का खुलासा किया था। शुक्रवार को भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग ने विधिवत इसे बंद करने की अधिसूचना जारी कर दी।
रजिस्ट्री कार्यालयों के लिए नए नियम लागू
राज्य के समस्त रजिस्ट्री कार्यालयों में नई व्यवस्था कोरोना के मद्देनजर लागू की गई है। इसमें पक्षकारों की संख्या सीमित करते हुए रोजाना अधिकतम 40 दस्तावेज निबंधित किए जा सकेंगे। इसमें पूर्व से अनुमति प्राप्त गवाहों को ही प्रवेश मिलेगा। फेस मास्क, शारीरिक दूरी आदि शर्तों का पालन भी अनिवार्य होगा।
महिलाओं के नाम एक रुपये में रजिस्ट्री बंद होने से सरकार पर हमलावर हुई भाजपा
महिलाओं के नाम एक रुपये में जमीन व फ्लैट की रजिस्ट्री बंद किए जाने के सरकार के निर्णय को भाजपा ने महिला विरोधी करार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के बाद भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी इसे अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण कदम बताया है। भाजपा के तमाम शीर्ष नेताओं ने ट्वीटर पर इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती सिंह ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हेमंत सरकार को टैक्स के माध्यम से केवल धन बटोरने की चिंता है। मुख्यमंत्री को यह भी मालूम होना चाहिये कि टैक्स को भी लोक कल्याणकारी योजनाओं के लिए ही जुटाया जाता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के नाम 50 लाख तक की संपत्ति की रजिस्ट्री योजना महिला सशक्तीकरण की दिशा में रघुवर सरकार की अनूठी योजना थी, जिसका लाखों महिलाओं ने लाभ उठाया।