Lalu Yadav: छठ पर लालू यादव ने जताई खरना का प्रसाद पाने की इच्छा, महापर्व के नियमों का कर रहे पालन
Lalu Yadav News लालू प्रसाद रिम्स में छठ के नियमों का पालन कर रहे हैं। बिहार में धूमधाम से छठ महापर्व मनाने वाले लालू प्रसाद का तीन साल से सारा त्योहार जेल में मन रहा है। इस साल भी छठ में उन्हें राहत नहीं मिली है।
रांची, जासं। बिहार में अपने अंदाज में छठ महापर्व मनाने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इस वर्ष भी अपने घर से दूर हैं। चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता लालू रांची में रिम्स निदेशक के बंगले में रह रहे हैं और अपनी गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे हैं। उन्हें अंतिम बार पैरोल पर घर गए भी करीब ढाई साल बीत चुके है। ऐसे में उनका सारा त्योहार जेल में ही मन रहा है। पार्टी कार्यकर्ता व समर्थक हर त्योहार में प्रसाद लेकर उनके पास पहुंचते हैं।
छठ महापर्व बड़े श्रद्धा के साथ करने वाले लालू प्रसाद इस साल भी रिम्स में ही छठ के सारे नियमों को मान रहे हैं। उनके सेवकों ने बताया कि छठ महापर्व से पूर्व नहाय खाय को भी लालू प्रसाद ने निभाया। अपने करीबियों से उन्होंने कद्दू की सब्जी और चावल मंगवाकर खाया। इसके अलावा उन्होंने खरना का प्रसाद ग्रहण करने की भी इच्छा जताई है। बताया गया कि उनके सेवादार प्रसाद उन तक पहुंचाएंगे। कई पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रसाद पहुंचाने के लिए निर्देश भी दिया जा चुका है।
सेवादारों के अनुसार उनकी बिगड़ती सेहत के कारण इस साल राजद सुप्रीमो व्रत नहीं करेंगे, लेकिन पर्व के सारे नियम का पालन करेंगे। लालू प्रसाद के चाहने वाले राजद कार्यकर्ताओं ने कहा कि बिहार में हर त्योहार धूमधाम से मनाने वाले हमारे नेता लंबे समय से कैदी के रूप में हैं। सभी उनके जेल से जल्द बाहर आने की कामना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिहार में कोई भी ऐसा दुखिया नहीं होता था जिसे छठ करने की इच्छा हो और वह नहीं कर सके। लालू प्रसाद को जैसे ही जानकारी मिलती, वे सारी सामग्री उनके घर भिजवा देते थे।
सभी आस लगा रहे हैं कि इस बार छठी मईया सभी की कामना सुनेगी और आगामी 27 नवंबर को जमानत याचिका पर होने वाली सुनवाई में लालू प्रसाद को बेल मिलेगी। बताते चलें कि बीते दिनों लालू प्रसाद का इलाज कर रहे उनके चिकित्सक डा. उमेश प्रसाद ने बताया था कि उनके किडनी फंक्शनिंग में करीब 10 फीसद गिरावट हुई है। ब्लड शुगर लेवल में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। ऐसे में छठ का व्रत उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है। हालांकि यह लोक आस्था का पर्व है। लालू प्रसाद इसमें खुद ही तय करेंगे कि उन्हें क्या करना है।