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हाई कोर्ट की हिदायत दरकिनार, स्टेट गेस्ट हाउस में फिर सजा लालू यादव का दरबार

हाई कोर्ट की चेतावनी के बावजूद सरेंडर से पहले स्टेट गेस्ट हाउस में फिर से बिहार के पूर्व सीएम व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का दरबार सजा।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 03:12 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 06:44 PM (IST)
हाई कोर्ट की हिदायत दरकिनार, स्टेट गेस्ट हाउस में फिर सजा लालू यादव का दरबार
हाई कोर्ट की हिदायत दरकिनार, स्टेट गेस्ट हाउस में फिर सजा लालू यादव का दरबार

रांची, राज्य ब्यूरो। आखिकरकार लालू प्रसाद यादव गुरुवार को सीबीआइ कोर्ट में सरेंडर करने के बाद जेल भेज दिए गए। लेकिन फिर से एक बार उन्होंने स्टेट गेस्ट हाउस में अपना दरबार लगाया। इससे पहले हाई कोर्ट ने उन्हें प्रोविजनल बेल देते समय सख्त हिदायत दी थी कि वे किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम का हिस्सा न बनें और कोई राजनीतिक बयानबाजी न करें। अब जबकि बीते दिन हाई कोर्ट ने उनके प्रोविजनल बेल को आगे जारी रखने की सहमति नहीं दी, ऐसे में सरेंडर करने के पहले ही वे फिर से राजनीति में मशगूल हो गए।

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रांची में बृहस्पतिवार की सुबह स्टेट गेस्टहाउस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पहुंचे लालू से मिलने पहुंचे।

बिहार के पूर्व सीएम व राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने बुधवार की शाम भी सियासी दरबार सजाया। लाल रंग की हाफ टीशर्ट और धोती पहने लागू अपने पुराने रंग में दिखे। स्टेट गेस्ट हाउस में भीतर-बाहर नेताओं-कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा। मुलाकात करने वाले प्रमुख लोगों में पूर्व मुख्यमंत्री सह झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय प्रमुख थे। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी उपस्थिति दर्ज कराई। एक घंटे से ज्यादा वक्त तक सभी नेता बंद कमरे में रहे। बताते हैं कि इस दौरान भविष्य की राजनीति के साथ-साथ झारखंड में चुनावी तालमेल को लेकर चर्चा हुई।

पूर्व मुख्यमंत्री सह झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने स्टेट गेस्ट हाउस में लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की। दोनों के बीच लगभग 15 मिनट तक बातचीत हुई। उनसे मिलकर बाहर निकलने के बाद मरांडी ने कहा कि भाजपा सरकार दलित नेताओं को जानबूझकर परेशान कर रही है। कभी सीबीआइ द्वारा तो कभी आयकर छापा मरवाकर तंग किया जा रहा है। बुधवार को लालू के रांची पहुंचने के बाद हेमंत सोरेन और सुबोधकांत सहाय भी उनसे मिल चुके हैं। फिलहाल गुरुवार को भी स्टेट गेस्ट हाउस में राजनीतिक जमावड़ा लगा है। भारी संख्या में लालू समर्थक यहां पहुंचे। 

बुधवार को लालू से मिलने पहुंचे हेमंत सोरेन, सुबोधकांत सहाय व जीतन राम मांझी।

हेमंत संग खाई रोटी, दाल व आलू की भुजिया
लालू प्रसाद ने सबसे ज्यादा वक्त झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन संग बिताया। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के निकलने के बाद भी वे वहां जमे रहे। दोनों नेताओं ने साथ-साथ रात का भोजन भी लिया। लालू के लिए स्टेट गेस्ट हाउस की रसोई में रोटी, दाल व आलू की भुजिया बनाई गई थी।

बातचीत के दौरान लालू प्रसाद प्रफुल्लित नजर आ रहे थे। उन्होंने हेमंत सोरेन के साथ बातचीत में राज्य की राजनीतिक स्थिति के बारे में पूछा। यह भी कहा कि तालमेल कर चुनाव में जाना फायदेमंद होगा। भाजपा को हराने के लिए गोलंबद होना आवश्यक है। हेमंत सोरेन ने भी इसपर हामी भरी। कहा कि राज्य सरकार के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट हैं।

लालू की शान में सुबोधकांत ने पढ़े कसीदे
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद की जमकर तारीफ की। मुलाकात करने के बाद मीडिया से रूबरू सहाय ने कहा कि लालू प्रसाद अनवरत संघर्षरत हैं। कभी सांप्रदायिक शक्तियों से समझौता नहीं किया। आज सुविधा के मुताबिक लोगों की राजनीतिक सोच बदल जाती है लेकिन लालू कभी नहीं बदले। समान विचारों के कारण वे उनसे मुलाकात करने आए थे।

यह भी पढ़ेंः चारा घोटाले में लालू यादव का सीबीआइ कोर्ट में सरेंडर, जेल के बाद रिम्स पहुंचे
 


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