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लालू बोले, कई बीमारियां हैं; जज ने कहा भगवान हैं सब ठीक करेंगे

लालू ने जज से कहा कि हुजूर, हमको कई तरह की बीमारी है, देखिएगा। इस पर जज ने कहा भगवान है, सब ठीक करेंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 07:25 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 07:47 PM (IST)
लालू बोले, कई बीमारियां हैं; जज ने कहा भगवान हैं सब ठीक करेंगे
लालू बोले, कई बीमारियां हैं; जज ने कहा भगवान हैं सब ठीक करेंगे

रांची, जेएनएन। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने रांची की सीबीआइ की विशेष कोर्ट में गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया। चारा घोटाला के चाईबासा मामले में सीबीआइ जज एसएस प्रसाद के यहां व देवघर व दुमका मामले में उन्होंने एमपी मिश्रा की अदालत में आत्मसमर्पण किया। 

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हुजूर, हमको कई बीमारी है, देखिएगा
सरेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अधिवक्ता व समर्थक कोर्ट रूम से बाहर निकलने लगे। इस बीच लालू रुके और जज से बहुत धीमी आवाज में कहा कि हुजूर, हमको कई तरह की बीमारी है, देखिएगा। हमको फंसाया गया है, पूरा परिवार परेशान है। इस पर जज ने कहा भगवान है, सब ठीक करेंगे। इसके बाद लालू कोर्ट से निकल गए। इसके बाद लालू यादव अपने वकीलों के साथ जज एमपी मिश्र की अदालत में जाकर हाजिरी लगाई। इस दौरान लालू के अधिवक्ता ने डोरंडा कोषागार मामले में प्रोडक्शन वारंट के लिए कोर्ट से आग्रह किया। कोर्ट ने इसके लिए आवेदन देने का निर्देश दिया। सारी कार्यवाही पूरी होने के बाद लालू प्रसाद करीब 12.15 बजे होटवार जेल के लिए निकल गए।

मोबाइल पर दिखाया समन
लालू के वकील ने सीबीआइ जज को बताया कि ईडी के एक मामले में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें समन जारी कर शुक्रवार को उपस्थित होने को कहा है। इसलिए उन्हें आत्मसमर्पण का सर्टिफिकेट दिया जाए, ताकि उन्हें पटियाला कोर्ट में हाजिर होने से छूट मिल जाए। अदालत को बताया गया कि आवेदन करने के ही दिन आदेश की सत्यापित कॉपी नहीं मिल सकती। जिसके बाद लालू यादव की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट से जारी समन व शपथपत्र के साथ आवेदन दिया गया। उन्होंने सीबीआइ जज एसएस प्रसाद को अपने मोबाइल पर पटियाला कोर्ट से जारी समन की कॉपी भी दिखाई। जिस पर कोर्ट ने कहा कि ठीक है, आप इसे अपने पास ही रखें। फिर धीरे से उन्होंने कहा कि पत्नी, बेटा-बेटी सबको समन किया गया है। गुरुवार को ही सभी दिल्ली पहुंच गए हैं। इस पर कोर्ट ने लालू को सरेंडर सर्टिफिकेट जारी कर दिया।

लालू ने जज से कहा, हुजूर जेल में लगती है बहुत ठंड; जज बोले-तबला बजाओ 
इससे पहले इसी साल जनवरी में भी देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अपने पुराने अंदाज में दिखे थे। तब व्यंग्यात्मक अंदाज में बयान देने के लिए चर्चित लालू ने सीबीआइ की विशेष अदालत में भी कई ऐसी बातें कहीं थीं कि कोर्ट रूम में ठहाके लगे। कोर्ट में मौजूद अधिवक्ताओं के अनुसार, लालू प्रसाद की बातों पर जज ने मौखिक टिप्पणी से उन्हें उसी अंदाज में जवाब भी दिया।

लालू ने कहा, हुजूर जेल में बहुत ठंड लगती है। इस पर जज ने कहा, कोई बात नहीं हारमोनियम व तबला बजाएं और टेंशन मुक्त रहें। लालू ने कहा कि जेल में किसी से मिलने भी नहीं दिया जाता। इस पर जज ने कहा कि आपको कोर्ट में बुलाया जाता है, ताकि आप अपने लोगों से मिल सकें। लालू ने सजा कम करने को लेकर कहा कि जज साहब कूल माइंड से सोचिएगा। मैं बेगुनाह हूं। जज ने कहा कि उस समय मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री तो आप ही थे। आपका पूरा रिकॉर्ड पढ़ा है, विजिलेंस टाइट रहता तो ऐसा नहीं होता।

जस्टिस के लिए माहौल जरूरी

अदालत ने अभियुक्तों की पेशी के बाद मामले से जुड़े अधिवक्ताओं को ही रहने की बात कही। इस पर वहां मौजूद अन्य अधिवक्ताओं ने हंगामा शुरू करते हुए विरोध किया। जज ने सभी को शांत कराया और कहा कि जस्टिस के लिए माहौल होना चाहिए। जज ने लालू से भी कहा कि कोर्ट में नारेबाजी मत कराइए। लालू ने सशरीर उपस्थिति के बाद सजा सुनाए जाने का अनुरोध किया। कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग से सजा न सुनाएं।

लालू ने खुद को बताया वकील

लालू ने खुद को वकील होने की बात कही। इस पर अदालत ने उनसे सदस्यता का प्रमाण मांगा। कहा, इसका लाभ मिलेगा। उनके अधिवक्ता ने कहा कि लालू हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हैं। इस पर जज ने उन्हें और पढ़ने और जेल में रहने के दौरान डिग्री लेने की सलाह दी। जज ने कहा कि डिग्री लेकर अन्य लोगों के बीच मिसाल बनें।

सर, किन्नर पूछता है, शादी करोगे हमसे

लालू प्रसाद ने कहा कि सर, जेल में एक किन्नर भी बंद है। गलती से आ गया है। कहता है शादी करोगे हमसे। इस पर सभी हंस पड़े। जज बोले, आप हैं तो सब ठीक हो जाएगा।

दो जज भी हैं जेल में

लालू ने कहा कि दो जज भी हैं जेल में। उन्होंने अदालत से जजों को भी अपर डिवीजन सेल में रखने की गुजारिश की। इस पर अदालत ने कहा, हम आदेश नहीं दे सकते, क्योंकि उनका केस मेरे पास नहीं है। उन्होंने तीन आइएएस को भी अपर डिवीजन सेल में रखने व सुविधा देने की मांग उठाई। जज ने कहा कि सभी का सम्मान होना चाहिए और अधिकार मिलना चाहिए।

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