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चारा घोटाला: दुमका मामले में लालू यादव दोषी करार, जगन्नाथ मिश्र बरी

सीबीआइ की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के दुमका मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 11:24 AM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 06:22 PM (IST)
चारा घोटाला: दुमका मामले में लालू यादव दोषी करार, जगन्नाथ मिश्र बरी
चारा घोटाला: दुमका मामले में लालू यादव दोषी करार, जगन्नाथ मिश्र बरी

जागरण संवादादाता, रांची। चारा घोटाले के एक और मामले में सोमवार को फैसला आया। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 38ए/96 मामले में फैसला सुनाया। अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह तत्कालीन वित्त मंत्री व राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद सहित 19 अभियुक्तों को दोषी ठहराया। साथ ही, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्र सहित 12 आरोपितों को बरी कर दिया। 

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दोषी करार अभियुक्तों में राजनीतिक नेता, पशुपालन विभाग के अधिकारी और आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। अदालत ट्रायल फेस कर रहे 31 अभियुक्तों पर फैसला सुनाया गया। दोषी करार दिए जाने के बाद अदालत ने जमानत की सुविधा लेकर जेल से बाहर रह रहे अभियुक्तों को दुमका मामले में न्यायिक हिरासत में लेते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेजने का आदेश दिया। अदालत ने दोषियों के खिलाफ सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 21, 22 और 23 मार्च की तिथि निर्धारित की है। अदालत ने कहा है कि सजा के बिंदु पर सुनवाई वीडियो काफ्रेसिंग से होगी।

फैसले के दौरान कोर्ट रूप से लेकर कोर्ट परिसर में भारी भीड़ थी। बिहार व झारखंड के कई राजद नेता व कार्यकर्ता लालू प्रसाद का फैसला सुनने सीबीआइ कोर्ट परिसर पहुंचे थे। लालू प्रसाद, पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा, लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा सहित जेल में बंद अन्य अभियुक्तों को कड़ी सुरक्षा के बीच बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार से लाया गया था। न्यायिक हिरासत में लिए जाने के बाद सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया। वहीं, बरी किए गए आरोपित इस मामले से छुटकारा पा लिया।

अदालत ने अभियुक्तों को मुख्य रूप से सरकारी राशि का गबन करने, धोखाधड़ी करने, सरकारी पद का दुरूपयोग करने आदि भादवि व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाया है। 

लालू पर ये है आरोप

लालू यादव पर 96 फर्जी वाउचर के जरिए दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ की अवैध निकासी का आरोप है। ये पैसे जानवरों के खाने के सामान, दवाओं और कृषि उपकरण के वितरण के नाम पर निकाले गए थे। उस दौरान पैसे के आवंटन की सीमा अधिकतम एक लाख 50 हजार ही थी। जब यह निकासी हुई थी, लालू उस समय मुख्यमंत्री थे। काननू विशेषज्ञों की राय में लालू पर जिन धाराओं में आरोप लगे हैं, अगर दोष सिद्ध हो गया तो उन्‍हें 10 साल की सजा हो सकती है।

कोर्ट जाते लालू।

इन मामलों में सुनाई जा चुकी है सजा

लालू यादव चारा घोटाला में दर्ज मामलों में अब तक चार मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं। लालू को चाईबासा कोषागार के दो मामलों मामले में पांच-पांच साल तथा देवघर कोषागार मामले में साढ़े तीन साल की सजा मिल चुकी है। आज उन्हें दुमका मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया है। डोरंडा कोषागार से जुड़ा चारा घोटाले का पांचवां मामला सबसे बड़ा है, जिसमें करीब 139.35 करोड़ की अवैध निकासी का आरोप है।

जगन्नाथ मिश्र व्हील चेयर से कोर्ट पहुंचे।

जानिए क्या है मामला

यह मामला दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी को लेकर दर्ज हुआ था, जबकि मूल आवंटन 1.5 लाख रुपये था। 96 फेक वाउचर पर राशि की निकासी 1995 से 1996 के बीच हुई थी। मामले को लेकर सीबीआइ ने 11 अप्रैल, 1996 को 48 आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। जांच के क्रम में एक और नाम जुड़ा था। मामले में कुल 49 आरोपितों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर की गई थी। इसमें तीन सरकारी गवाह बन गए थे, जिसमें एक का निधन हो गया। एक आरोपी दुमका के तत्कालीन कमिश्नर एसएन दुबे पर लगे आरोप ऊपरी अदालत से निरस्त हो गए थे। ट्रायल के दौरान 14 आरोपियों का निधन हो गया। वर्तमान समय में लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्र सहित कुल 31 आरोपी अदालत में ट्रायल फेस कर रहे हैं।

इस मामले में दो बार फैसला टल चुका है। 15 मार्च को ही फैसला आना था, लेकिन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कोर्ट में याचिका डालकर इस मामले में तत्कालीन अकाउंटेंट जनरल को आरोपी बनाने की मांग की थी। जिसकी वजह से फैसला टल गया था, फिर 17 मार्च को फैसला होना था, लेकिन सीबीआई की विशेष अदालत के जज शिव पाल सिंह के ज्यूडिशियल एकेडमी में चल रहे कार्यक्रम में शामिल होने की वजह से फैसला टल गया था। इसी बीच, लालू की तबीयत खराब हो गई और उन्हें रिम्स में भर्ती किया गया था।

कोर्ट ने लालू सहित 19 को ठहराया दोषी,  जगन्नाथ मिश्र सहित 12 को किया बरी

1. लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री -दोषी 

2. डॉ. जगन्नाथ मिश्र, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री - बरी

3. अजीत कुमार वर्मा- दोषी 
4. विमल कांत दास। - दोषी 
5. बेक जूलियस - बरी 
6. बेनू झा। - बरी 
7. ध्रुव भगत। - बरी 
8. गोपी नाथ दास। -दोषी 
9. जगदीश शर्मा। - बरी 
10 अरूण कुमार सिंह - दोषी 
11. केके प्रसाद। -दोषी 
12. लाल मोहन प्रसाद- बरी 
13. अधीप चंद्र चौधरी - बरी 

14. मनोरंजन प्रसाद। -दोषी 
15. एमसी सुवर्णों - बरी 
16. महेश प्रसाद। - बरी 
17. एमएस बेदी। -दोषी 
18. नरेश प्रसाद। -दोषी 
19. नंद किशोर प्रसाद - दोषी 
20. ओपी दिवाकर। -दोषी 
21. पंकज मोहन भूई। -दोषी 
22. पितांबर झा। -दोषी 
23. फूलचंद सिंह। - दोषी 
24. रघुनंदन प्रसाद। -दोषी 
25. राधा मोहन मंडल। -दोषी 
26. डॉ. आरके राणा। -बरी 
27. राजकुमार शर्मा। -दोषी 
28. आरके बगेरिया। - दोषी 
29. एसके दास। - दोषी 
30. सरस्वती चंद्रा -बरी 
31. विद्या सागर निषाद - बरी 

जानें, किसने क्या कहा

भाजपा के साथ नहीं जाते तो नीतीश भी जेल में होते : तेजस्वी
रांची आए बिहार के पूर्व उपमुख्‍यमंत्री व लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्‍वी यादव ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार विरोधियों को निशाना बना रही है। लालूजी को परेशान कर रही है। लेकिन याद रहे वह हमें जितना सताएगी, हम ज्यादा मजबूत होकर निकलेंगे।

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जगन्‍नाथ को बेल, लालू को जेल, वाह रे पीएम मोदी का खेल।

-रघुवंश प्रसाद


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