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Lalu Yadav News: लालू यादव को नहीं मिली जमानत, CBI ने कोर्ट से कहा- जेल भेजें; 6 हफ्ते बाद सुनवाई

Lalu Yadav News सीबीआइ की ओर से कहा गया है कि लालू प्रसाद की तबीयत स्थिर है और फोन प्रकरण में उनके खिलाफ पटना में प्राथमिकी भी दर्ज हो गई है। उन्होंने जेल मैन्युअल का उल्लंघन किया है। ऐसे में उन्हें रिम्स से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज देना चाहिए।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 07:45 AM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 10:33 PM (IST)
Lalu Yadav News: लालू यादव को नहीं मिली जमानत, CBI ने कोर्ट से कहा- जेल भेजें; 6 हफ्ते बाद सुनवाई
Lalu Yadav News: झारखंड हाई कोर्ट में आज लालू प्रसाद यादव की जमानत पर सुनवाई होगी।

रांची, राज्य ब्यूरो। Lalu Yadav News चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत पर छह सप्ताह के लिए सुनवाई टल गई है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआइ के अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में समय दिया जाए, क्योंकि वरीय अधिवक्ता उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा लालू प्रसाद की ओर से इस मामले समय दिए जाने की बात कही गई है, जिसपर सीबीआइ ने कंसेंट दे दिया है। इस पर लालू के अधिवक्ता देवर्षि मंडल में अदालत से लालू प्रसाद की कस्टडी सत्यापन और सीबीआइ के शपथ पत्र पर जवाब दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय मांगा।

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इस दौरान उनकी ओर से इस मामले में सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तिथि निर्धारित करने की मांग की गई है, लेकिन अदालत ने कहा कि यह मामला छह सप्ताह बाद सुनवाई के लिए निर्धारित किया जाएगा। बता दें कि सीबीआइ ने शपथ पत्र दाखिल कर कहा है कि लालू की तबीयत ठीक है और स्थिर है। इसलिए उन्हें रिम्स से हटाकर जेल भेजा जाए। इसके पीछे फोन प्रकरण और जेल मैन्युअल उल्लंघन का हवाला दिया गया है।

लालू प्रसाद की ओर से इस पर अदालत में जवाब दाखिल किया जाएगा। साथ ही लालू प्रसाद के दुमका मामले में सीबीआइ की ओर से 34 माह कस्टडी में रहने के दावे पर भी जवाब दाखिल किया जाएगा। बता दें कि लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार मामले में सजा की आधी अवधि पूरी करने पर जमानत देने की गुहार लगाई है। इस मामले में सीबीआइ कोर्ट ने लालू प्रसाद को सात साल की सजा सुनाई है। लालू प्रसाद का दावा है कि उन्होंने इस मामले में 42 माह 19 दिन जेल में बिताए हैं, जो आधी सजा से ज्यादा है।

लालू प्रसाद को अगर जमानत की सुविधा मिलती तो वह जेल से बाहर निकल जाते। क्योंकि इससे पहले उन्हें तीन मामलों में जमानत मिल चुकी है। बता दें कि लालू प्रसाद यादव को दुमका कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है। उनका दावा है कि उन्होंने 42 माह से ज्यादा दिन जेल में बिताए हैं। जबकि सीबीआई का कहना है कि लालू यादव इस मामले में सिर्फ 34 माह ही जेल में रहे हैं। बहरहाल आज जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में लालू प्रसाद की जमानत पर सुनवाई हुई है। अब देखना है कि लालू प्रसाद यादव को अगली सुनवाई की तारीख पर जमानत की सुविधा मिलती है या फिर उन्हें और इंतजार करना पड़ेगा।

बता दें कि लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार मामले में सजा की आधी अवधि जेल में काटने, बढ़ती उम्र व बीमारियों का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई है। लालू प्रसाद को कुल चार मामलों में सजा मिली है। इसमें से चाईबासा के दो और देवघर से जुड़े  मामले में जमानत मिल चुकी है। अगर दुमका कोषागार वाले मामले में लालू प्रसाद को जमानत मिलती है तो वे जेल से बाहर निकल जाएंगे।


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