लालू यादव से कोर्ट ने पूछे 34 सवाल; यहां पढ़ें CBI जज एसके शशि और लालू के सवाल-जवाब
Fodder Scam Case चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में Lalu Prasad Yadav ने जज के अधिकतर सवालों का जवाब हां या न में दिया। यहां विस्तार से पढ़ें जज के सवाल-लालू के जवाब...
रांची, [जागरण स्पेशल]। Fodder Scam Case लंबे अरसे बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव गुरुवार को एक बार फिर रांची की सीबीआइ अदालत में पेश हुए। चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से जुड़े 139 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में आज लालू ने अपना बयान दर्ज कराया। करीब दो घंटे तक अदालत में रहे लालू से इस दौरान सीबीआइ के विशेष जज सुधांशु कुमार शशि ने एक-एक कर 34 सवाल पूछे। अब तक लालू को चारा घोटाले के चार मामलों में सजा मिल चुकी है। यह पांचवां मामला है, जिसमें लालू ने कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखा है। लालू फिलहाल रांची के रिम्स में अपनी बीमारियों के इलाज के लिए भर्ती हैं। वे बिरसा मुंडा जेल की अभिरक्षा में पेइंग वार्ड में अपना इलाज करा रहे हैं। यहां पढ़ें सीबीआइ जज के महत्वपूर्ण सवाल और लालू प्रसाद यादव का जवाब...
जज का सवाल 1. : आपने गवाहों का बयान सुना और समझा है।
लालू का जवाब : हां
जज का सवाल 2. : वर्ष 1990 से 1997 के बीच आप बिहार के मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री थे या नहीं।
लालू का जवाब : हां, यह सत्य है।
जज का सवाल 3. क्या आपने पशुपालन विभाग के अधिकारियों एवं अन्य के साथ मिलकर षड्यंत्र कर डोरंडा ट्रेजरी से 139 करोड़ रुपये कपटपूर्वक निकासी में सहायता पहुंचाई।
लालू का जवाब : ऐसा नहीं है।
जज का सवाल 4. आपको यह मालूम था रुपये का इस्तेमाल नेताओं पदाधिकारियों आदि की सुविधा के लिए, एयर टिकट खरीदने के लिए और होटल खर्च में किया गया।
लालू का जवाब : कोई जानकारी नहीं। ऐसा नहीं है। सीएम होने के नाते हम एयर टिकट क्यों लेंगे।
जज का सवाल 5. पांच अप्रैल 1990 को ही डिप्टी एकाउंटेंट जनरल ने कपटपूर्वक निकासी बताया था, जिसमें पशुओं को कार, स्कूटर, टेम्पो और जीप से ढोने की बात है।
लालू का जवाब : ऐसी बात नहीं है। हमने उचित जांच का आदेश दिया था।
जज का सवाल 6. उक्त अवैध ट्रांजेक्शन के संबंध में 34/90 दिनांक 9/8/90 को पशुपालन विभाग के अधिकारियों एवं आपूर्तिकर्ता के विरुद्ध केस रजिस्टर किया गया था। जिसकी जानकारी आपको थी लेकिन आपने रोकने का कोई कदम नहीं उठाया।
लालू का जवाब : इनकार किया और कहा उचित कार्रवाई का निर्देश दिया था।
जज का सवाल 7. आपके सचिवालय में विजिलेंस संबंधित इंक्वायरी की संचिका काफी दिनों तक पड़ी रही लेकिन आपने न निगरानी जांच को लिखा और न लोक लेखा समिति को मामला भेजा।
लालू का जवाब : लोक लेखा समिति से कोई मतलब नहीं।
जज का सवाल 8. फाइल घूमती रही लेकिन आपने कुछ नहीं किया
लालू का जवाब : उचित कार्रवाई की
जज का सवाल 9. राम जीवन सिंह तत्कालीन पशुपालन मंत्री ने डेंटल नॉट देकर 18.8.90 को ही पशुपालन घोटाला जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग की थी। लेकिन आपने सह अभियुक्त जगन्नाथ मिश्रा के साथ मिलकर सीबीआई जांच नहीं करवाई। बल्कि रीजनल डेवलेपमेंट ऑफिसर एमसी सुवर्ण को जांच के लिए लिखा। जबकि क्षेत्रीय निदेशक पशुपालन केएन झा जगन्नाथ मिश्रा के रिश्तेदार थे।
लालू का जवाब : ऐसा नहीं है। हमारे सचिव कमला प्रसाद ने बताया कि सीबीआई के डायरेक्टर ने ऐसे केस को लेने से इनकार किया था।
जज का सवाल 10. जब पशुपालन मंत्री रामजीवन सिंह ने सीबीआई जांच की मांग उठाई , तो आपने उनका विभाग बदल दिया।
लालू का जवाब : ऐसी बात नहीं है। कई विभागों के मंत्री बदलते रहते हैं। उसी क्रम में उनका विभाग बदला गया।
जज का सवाल 11. तत्कालीन चाईबासा पशु जिला पदाधिकारी बीएन शर्मा का तबादला किसके कहने पर रोकवा दिया। जबकि बीएन शर्मा का तबादला अवैध निकासी करने के लिए किया गया था।
लालू का जवाब : ऐसी बात नहीं। यह सत्य है कि राजू सिंह के लेटर पेड पर ही मैंने बीएन शर्मा के स्थानांतरण पर रोक लगाने को कहा था। उस संबंध में कोई संचिका मेरे पास नहीं आई थी। सरकार द्वारा पहले ही एक सर्कुलर जारी किया गया था। पीत पत्र पर दिए गए आदेश को आदेश न समझा जाये, जबतक वह संचिका में न आये।
जज का सवाल 12. आपने पशुपालन घोटाला के किंगपिन एसबी सिन्हा और आरपी दास का सर्विस एक्टेंशन किया। फाइनेंस डिपार्टमेंट के विरोध के वावजूद, विभागीय रोक के वावजूद सेवा विस्तार किया गया।
लालू का जवाब : ऐसी बात नहीं है। यह नियमतः किया गया है। इनका सेवा विस्तार जगन्नाथ मिश्रा की अनुशंसा पर किया गया है।
जज का सवाल 13. कई बार विधानपरिषद में विधानपरिषद के सदस्य कृपानंद पाठक, शत्रुघ्न प्रसाद और सुशील मोदी आदि के द्वारा पशुपालन विभाग में चल रहे घोटाला संबंधित प्रश्न पूछा गया लेकिन इसे यह कहकर टाल दिया गया कि इसकी जांच लोक लेखा समिति के द्वारा की जा रही है।
लालू का जवाब : लोक लेखा समिति संवैधानिक संस्था है जिसमें विरोधी दल के नेता अध्यक्ष होते हैं और अन्य पार्टियों के सदस्य होते हैं। लोक लेखा समिति से हमें कोई लेना देना नहीं है।
जज का सवाल 14. लोक लेखा समिति के मेल में आकर चारा घोटाला के जांच को रोका गया।
लालू का जवाब : ऐसी बात नहीं है। इनकार किया।
जज का सवाल 15. आपने जान बूझकर पशुपालन विभाग में चल रहे अवैध एवं कपटपूर्ण निकासी को रोकने का कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
लालू का जवाब : ऐसी बात नहीं है। हमको एजी या डीसी या वित्त विभाग ने कभी नहीं बताया कि पशुपालन विभाग में अवैध निकासी की जा रही है।
जज का सवाल 16. एसबी सिन्हा ने श्याम बिहारी सिन्हा के माध्यम से 5 लाख, फिर 1 लाख फिर एक करोड़ रुपये आरके राणा को विजय मल्लिक के जरिये दिया गया था। वह भी आपको दिया गया। 1996 में एसबी सिंह ने राणा के माध्यम से 10 करोड़ दिया।
लालू का जवाब : मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। इसका जवाब आरके राणा ही दे सकते हैं।
जज का सवाल 17. जब चारा घोटाला उजागर हो गया तो आपने हिचकिचाते हुए डीडीओ वाइज मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
लालू का जवाब : ऐसी बात नहीं है। ज्योंही ये बात प्रकाश में आई, वित्त विभाग द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया मैंने तुरंत केस करने का आदेश दिया।
जज का सवाल 18. अपनी सफाई में कोई गवाह देना है।
लालू का जवाब : जी, देना है।