Coronavirus Update: कोरोना से निपटने में वर्षों से लटकी बहालियां पड़ रही भारी
Coronavirus Update. पांच वर्षों से लटकी है पारामेडिकल कर्मियों की नियुक्ति। 2015 में परीक्षा रद होने के बाद नहीं हो पाई नियुक्ति। लैब तकनीशियन एएनएम फार्मासिस्ट की है भारी कमी
रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। कोरोना के वर्तमान संकट में लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट तथा एएनएम जैसे पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति का लटकना भारी पड़ रहा है। राज्य में इन पारा मेडिकल कर्मियों की भारी कमी है जो आनेवाले समय में परेशानी का भारी सबब बन सकती है। यदि राज्य में कोरोना का खतरा बढ़ता है और इसके मरीज मिलने शुरू होते हैं तो राज्य सरकार की परेशानी और बढ़ सकती है।
राज्य में पारा मेडिकल कर्मियों, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट, एएनएम आदि की नियुक्ति पांच साल से लटकी हुई है। स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा पर वर्ष 2015 में ही झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने इन पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाए थे, लेकिन नियुक्ति नियमावली में त्रुटि की बात सामने आने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया रद हो गई थी। उसके बाद से आज तक यह नियुक्ति नियमों के पेंच में फंसी हुई है।
एएनएम की नियुक्ति की बात करें तो झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने इन पदों पर बहाली के लिए आवेदन मंगा लिये हैं, लेकिन झारखंड हाईकोर्ट में नियोजन नीति पर अंतिम फैसला नहीं आने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया रुकी हुई है। दूसरी तरफ, आयोग ने फार्मासिस्ट नियुक्ति में आरक्षण के कुछ बिंदुओं पर त्रुटि होने के कारण स्वास्थ्य निदेशालय को नियुक्ति अनुशंसा वापस लौटा दी है।
लैब तकनीशियन की नियुक्ति के बारे में कहा जा रहा है कि पूर्व में अनुबंध पर कार्यरत लैब तकनीशियन का रजिस्ट्रेशन पारा मेडिकल काउंसिल में नहीं होने के कारण मामला फंसा हुआ है। इस पर यह तय हुआ है कि जो लैब तकनीशियन पहले से राज्य सरकार के अधीन कार्यरत अस्पतालों में अनुबंध पर काम कर रहे हैं, उन्हें छह माह का क्रैश कोर्स कराकर रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। इस कवायद में लैब तकनीशियन के पदों पर अभी तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।
किसके कितने पद रिक्त
लैब तकनीशियन : 500
फार्मासिस्ट : 412
एएनएम : 1698
नोट - ये रिक्त पद स्वीकृत बलों के अनुसार है, जबकि आइपीएच नॉर्म्स के अनुसार आवश्यक पद ही स्वीकृत नहीं है।
फैक्ट फ़ाइल
- राज्य के 100 पीएचसी में कोई लैब तकनीशियन नहीं है।
- 117 पीएचसी में कोई फार्मासिस्ट नहीं है।
- अभी कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने के लिए प्रत्येक जिले के एक-एक लैब तकनीशियन को प्रशिक्षित किया गया है। जानकार बताते हैं कि यह संख्या काफी कम है।