Hindalco Accident: श्रम विभाग ने शुरू की हादसे की जांच
Hindalco Accident. मुख्य कारखाना निरीक्षक के नेतृत्व में एक टीम ने जांच के दौरान कंपनी से डंपिंग कार्य में लगाए गए कर्मियों का पूरा ब्योरा मांगा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Hindalco Accident - श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने भी हिंडाल्को हादसे की जांच शुरू कर दी है। मुख्य सचिव डीके तिवारी तथा विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का के निर्देश पर मुख्य कारखाना निरीक्षक अरुण कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम ने घटना स्थल पर जाकर विस्तृत जांच की। मुख्य कारखाना निरीक्षक के अनुसार, यह हादसा फैक्ट्री परिसर के आधे से एक किमी की दूरी पर हुआ है, इसलिए यह फैक्ट्री एक्ट में नहीं आता।
इसके बावजूद इसकी विस्तृत जांच की जा रही है कि इसमें किसी कामगार या जानमाल की हानि तो नहीं हुई। इसे लेकर जांच की जा रही है कि उस दिन कितने हाइवा मलवा डंपिंग में लगाए गए थे। इसमें कितने स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई थी। मुख्य कारखाना निरीक्षण ने फैक्ट्री प्रबंधन से पिछले पंद्रह दिनों में डंपिंग कार्य में लगाए जानेवाले कामगारों तथा अन्य स्टाफ की पूरी जानकारी देने को कहा गया है। वहां कौन ठेकेदार काम कर रहा था, इसकी भी जानकारी मांगी गई है।
जांच में यह बात भी सामने आई कि इस कार्य के लिए जो सुपरवाइजर नियुक्त था, वह छुट्टी पर था। अब इसकी जांच की जा रही है कि उसकी जगह पर किसी अन्य की प्रतिनियुक्ति की गई थी या नहीं। टीम इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि वहां कोई अन्य गतिविधियां तो नहीं चल रही थीं। जांच टीम में रांची-1 के फैक्ट्री इंस्पेक्टर शिवानंद लाघुरी तथा रांची-2 के फैक्ट्री इंस्पेक्टर परमानंद प्रसाद भी शामिल थे।
रोज जमा होता था 1700 टन मलबा : बताया जाता है कि फैक्ट्री के कास्टिक तालाब में प्रतिदिन 1700 टन मलबा जमा होता था। इस कार्य में रोज आठ हाइवा लगाए जाते थे।