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रिम्स में नियुक्ति की टूटी आस तो पांच लैब टेक्नीशियनों ने छोड़ दी नौकरी

रिम्स में चयनित लैब टेक्नीशियनों को नियुक्ति पत्र मिलने की आस टूट गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 01:29 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 01:29 AM (IST)
रिम्स में नियुक्ति की टूटी आस तो पांच लैब टेक्नीशियनों ने छोड़ दी नौकरी
रिम्स में नियुक्ति की टूटी आस तो पांच लैब टेक्नीशियनों ने छोड़ दी नौकरी

जागरण संवाददाता, रांची : रिम्स में चयनित लैब टेक्नीशियनों को नियुक्ति पत्र मिलने की आस टूट गई है। नियुक्ति प्रक्रिया रद करने की बात सामने आने पर कोरोना के सैंपल लेने से लेकर जांच तक में अहम भूमिका निभानेवाले पांच लैब टेक्नीशियनों ने अपनी एजेंसी को इस्तीफा दे दिया है। वहीं, करीब एक दर्जन नौकरी छोड़ने की तैयारी में भी हैं।

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स्वास्थ्य मंत्री से बार-बार मिलता रहा आश्वासन, महीनों से डटे थे काम पर

लैब टेक्नीशियनों की नियुक्ति को लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से 10 से अधिक बार आश्वासन मिल चुका था। लिहाजा, ये सभी महीनों से काम में डटे थे। अब स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव सीके उरांव द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रक्रिया को रद करने की बात कही गई है। नियुक्ति प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू करने की बात सामने आ रही है। आक्रोशित रिम्स में कार्यरत आउटसोर्स लैब टेक्नीशियनों ने बुधवार को अपनी एजेंसी को इस्तीफा दे दिया है। पांच टेक्नीशियनों ने एक साथ इस्तीफा दिया है जबकि 12 और रिम्स छोड़ने की तैयारी में हैं।

2019 में शुरू हुई थी नियुक्ति प्रक्रिया, जारी हुई थी चयन सूची

रिम्स में टेक्नीशियनों की नियुक्ति प्रक्रिया 2019 में शुरू हुई थी। जनवरी में 33 टेक्नीशियनों की चयन सूची तक जारी कर दी गई थी। उसके बाद से ही उन्हें नियुक्ति पत्र देने को लेकर टालमटोल किया जा रहा था। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने चार बार फाइल अपने पास मंगवाई। कई बार नियुक्ति पत्र बांटने को लेकर मीडिया में बयान भी दिया। इसके बाद तीन दिन पूर्व अचानक नियुक्ति प्रक्रिया को रद करने की बात सामने आई तो उनका रोष काफी बढ़ गया। लैब टेक्नीशियन बसंत महतो, अनिता टोप्पो, हितेश, महेश कुमार व करण कुमार महतो ने इस्तीफा दिया है।

कोरोना के सैंपल लेने से लेकर जांच तक में अहम भूमिका

दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। देश भर में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नियुक्तियां की जा रही हैं। ऐसे में राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में फ्रंट लाइन वर्कर की भूमिका निभा रहे लैब टेक्नीशियनों की नियुक्ति की प्रक्रिया को ही रद कर दिया गया। कोरोना के सैंपल लेने से लेकर जांच तक में इनकी अहम भूमिका रही है। ऐसे में इनके रिम्स छोड़ने से प्रबंधन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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लैब टेक्नीशियनों के छोड़ने से कोविड-19 से जुड़े काम प्रभावित होंगे। पहले से ही यहा कर्मचारियों की कमी रही है। सरकार को इनकी माग को लेकर सारी जानकारी है। इसके बाद भी कोई पहल नहीं किए जाने से समस्या खड़ी हो सकती है।

-डॉ. डीके सिंह, निदेशक, रिम्स।


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