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Janmashtami 2020: जन्माष्टमी को लेकर सजे बाजार, केवल मेड इंडिया उत्पाद

Janmashtami 2020 कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बाजार में ग्राहकों का उत्साह दिख रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी पर चीन से माल नहीं आया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 10:21 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 08:10 AM (IST)
Janmashtami 2020: जन्माष्टमी को लेकर सजे बाजार, केवल मेड इंडिया उत्पाद
Janmashtami 2020: जन्माष्टमी को लेकर सजे बाजार, केवल मेड इंडिया उत्पाद

रांची, जासं। Janmashtami 2020 रक्षाबंधन के बाद बाजार पर जन्माष्टमी का रंग चढ़ रहा है। दुकानों पर लड्डू गोपाल सज गए हैं। राधाकृष्ण की प्रतिमाएं भी दिख रही हैं। छोटी-छोटी प्रतिमाएं देखने में बेहद आकर्षक लग रही है। राधाकृष्ण की पोशाक व मोर मुकुट की बिक्री भी शुरू हो गई है। इस बार जन्माष्टमी पर मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। लिहाजा महिलाएं घर के मंदिर सजाने के लिए रंग-बिरंगे कागज व अन्य सजावटी सामग्री की खरीदारी में जुट गई हैं।

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बाजार में नई तकनीक के झूले, बिस्तर तथा आकर्षक गुजराती परिधान देखकर आकर्षित हो रहे हैं। अपर बाजार की दुकानों में गोपाल के रंग-बिरंगे कपड़े बिक रहे हैं। इसके अलावा कडरू, अरगोड़ा, एचईसी सेक्टर मार्केट, हिनू, हरमू, रातु रोड, बरियातू, मोरहाबादी, बूटूी मोड़, कांटाटोली आदि इलाके में भी बाजार सज गए हैं। कोरोना संक्रमण के कारण बाजार में ग्राहक पहले से कम हैं। दुकानदारों को उम्मीद है कि ग्राहकों का उत्साह बिक्री को संतोषजनक स्थिति में पहुंचाएगा।

केवल मेड इंडिया उत्पाद

अपर बाजार के महावीर चौक के पास भगवान के झूले बेचने वाले व्यवसायी मोनू बताते हैं कि इस वर्ष मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। ऐसे में कृष्णभक्त घरों में ही पूजा करेंगे। लिहाजा गोपाल के झूले के सजावट के सारे सामानों की अच्छी मांग है। कृष्ण के लिए आकर्षक झूले आगरा, कोलकाता और दिल्ली से मंगाए गए हैं। लकड़ी के झूलों पर खूबसूरत  नक्काशी की गई है। मेटल के झूले भी बिक रहे हैं।

मुरादाबाद से पीतल के झूले, लड्डू गोपाल, दीया आदि मंगवाया गया है। उन्होंने बताया कि राखी की तरह ही कृष्ण जन्माष्टमी पर चीन का माल बाजार में नहीं आया है। इस बार की जन्माष्टमी मेड इंडिया उत्पादों से ही मनेगी। पहले रांची के बाजारों में कृष्ण की मूर्ति व साज-सज्जा के सामान में चीन से आने वाले माल की मात्रा सर्वाधिक होती थी। कृष्ण जन्माष्टमी पर भारतीय उत्पादकों को लाभ हुआ है।


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