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Special Classes for New Couples: ताकि शादी का लड्डू भी खा लें और पछताना भी न पड़े

Have A Happy Married Life. रांची के संत मरिया गिरजाघर में शादी से पूर्व स्पेशल क्लास में इस बार 82 जोड़ों को सफल दांपत्य जीवन का प्रशिक्षण दिया गया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 06:35 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 05:40 PM (IST)
Special Classes for New Couples: ताकि शादी का लड्डू भी खा लें और पछताना भी न पड़े
Special Classes for New Couples: ताकि शादी का लड्डू भी खा लें और पछताना भी न पड़े

रांची, [जागरण स्‍पेशल]। शादी का लड्डू जो खाये सो पछताये, जो ना खाये वो भी पछताये। वैवाहिक जीवन में बंधे लोगों के बीच यह बहुत ही आम कहावत है। हालांकि एक प्रयास ऐसा भी हो रहा है कि शादी का लड्डू खाएं तो पछताना न पड़े। यह संभव हो रहा है वर-वधु के लिए स्पेशल क्लास से। कैथोलिक चर्च की ओर से ऐसी विशेष कक्षाएं चलाई जाती हैैं। शादी के बंधन में बंधने को तैयार लोगों को दांपत्य जीवन की बारीकियां सिखाई जाती हैैं। शादी के बाद आपसी समन्वय, अपने पार्टनर के प्रति एक दूसरे के प्रति समझ, एक दूसरे की पसंद-नापसंद, विचार आदि में सामंजस्य बिठाई जाए इसके बारे में बताया जाता है। चर्च के इस प्रयास का असर भी पड़ता है।

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रांची के पुरुलिया रोड स्थित संत मरिया गिरजाघर में साल में दो बार अप्रैल और अक्टूबर-नवंबर माह में सप्ताह भर की कक्षाएं चलती हैैं। यह किसी सर्टिफिकेट कोर्स की ही तरह होता है। शुल्क के साथ रजिस्ट्रेशन फार्म भरे जाते हैं। पुरोहित जोड़ों को एक सप्ताह की ट्रेंनिंग दी जाती है। क्लास समाप्त होने के बाद पुरोहित सर्टिफिकेट भी प्रदान करते हैैं।

स्पेशल क्लास चलानेवाले प्रफुल्ल तिग्गा बताते हैैं कि शादी से पहले जोड़े को हर हाल में ये क्लास करना होता है। जब गिरजाघर में शादी होती है तो इन जोड़ों से इस सर्टिफिकेट की मांग की जाती है। एक तरह से यह अनिवार्य किया गया है। साल में दो बार अलग-अलग सेशन में सप्ताह भर की क्लास तो चलती ही है। अलग से भी जो जोड़े इच्छुक होते हैैं उनके लिए शादी से पहले पांच दिन की विशेष कक्षाएं चलायी जाती हैैं। 

 इस बार अप्रैल सेशन में 82 जोड़ों को दी गई शिक्षा 
प्रफुल्ल तिग्गा ने बताया कि मरिया गिरिजाघर में इस बार अप्रैल सेशन में 82 जोड़ों को सफल दांपत्य जीवन की शिक्षा दी गई। इसके लिए प्रति जोड़ा तीन हजार रुपया का शुल्क लिया गया। जबकि पिछले साल अक्टूबर और दिसंबर भी ऐसी कक्षाएं आयोजित की गईं थीं। अक्टूबर में 35 और दिसंबर में 150 जोड़ों ने ये कक्षाएं की थीं।

सात संस्कारों की मिलती है ट्रेनिंग 
स्पेशल क्लास में उन जोड़ों को वचनदत्त कराया जाता है जो शादी करने को तैयार हैैं। कैसे आदर्श पति-पत्नी बनें, माता-पिता बनें इसकी शिक्षा दी जाती है। धर्म के विषय में भी बताया जाता है। क्लास का संचालन रांची महाधर्म प्रांत विश्वास प्रशिक्षण दल द्वारा किया जाता है। प्रफुल्ल तिग्गा ने बताया कि शादी कैथोलिक चर्च के सात संस्कारों में से एक है। इनका निर्वहन करना अनिवार्य है।

क्या कहते हैं पुरोहित
मारिया गिरजाघर के पल्ली पुरोहित जेम्स भेंगड़ा ने बताया कि सिर्फ बालिग जोड़ों का ही रजिस्ट्रेशन होता है। लड़कियों के लिए 18 वर्ष, वहीं लड़कों के लिए रजिस्ट्रेशन की उम्र 21 वर्ष है। इसके लिए लड़का-लड़की दोनों को ही जन्म प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य होता है।


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