झारखंड के 2600 स्कूलों में बनकर तैयार होगा किचेन शेड, सरकार ने दिए 19 करोड़ रुपये, मेन्यू में भी होगा सुधार
पूरे राज्य में करीब 35 हजार स्कूलों में प्रतिदिन करीब 32 लाख बच्चों का भोजन तैयार होता है। इनकी सेहत का ख्याल रखते हुए वैसे सरकारी स्कूल जहां किचेन शेड पूरी तरह से ध्वस्त है या अर्द्धनिर्मित है उन्हें दुरुस्त किया जाएगा।
कुमार गौरव, रांची। राज्य में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना को गति दी जा रही है। योजना के अंतर्गत राज्य भर के 35,490 स्कूलों में पकने वाले मिड डे मील की गुणवत्ता के साथ-साथ साफ सफाई की दशा व दिशा को सुधारे जाने की योजना भी बनाई जा रही है। साथ ही जिन स्कूलों में किचेन शेड का निर्माण नहीं हो पाया है या फिर जर्जर हैं वैसे स्कूलों को चिन्हित कर इन्हें दुरुस्त करने का भी खाका तैयार किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो पहले चरण के लिए राज्य सरकार ने किचेन शेड की व्यवस्था को सुधारने के लिए विभाग को करीब 19 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस राशि से पूरे राज्य के 2600 स्कूलों में किचेन शेड का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है और पूरी उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में ही इस निर्माण कार्य को हरी झंडी दिखा दी जाएगी।
किचेन शेड के साथ लोकल फूड को दी जाएगी प्राथमिकता
विभागीय आंकड़ों की माने तो पूरे राज्य में करीब 35,490 स्कूलों में प्रतिदिन करीब 32 लाख बच्चों का भोजन तैयार होता है। इतने बच्चों के लिए पहले से तैयार मेन्यू के अनुसार प्रतिदिन स्कूलों में एमडीएम (मिड-डे-मील योजना साप्ताहिक आहार तालिका) का भोजन तैयार होता है। लेकिन अब कयास लगाए जा रहे हैं कि बच्चों को नए जायके यानि लोकल फूड से तैयार भोजन का भी स्वाद मिलेगा।
लोकल फूड में हमारी परंपरागत फसलें मडुआ या रागी, ज्वार, कंगनी, कुटकी, सावां समेत अन्य मोटे अनाज से तैयार भोज्य पदार्थों को शामिल किया जा सकता है। गत दिनों हुए कुकिंग कांप्टिशन में ही उच्च पदस्थों ने इसका संकेत दे दिया था। शहर के बीएमपी मध्य विद्यालय डोरंडा के प्रांगण में हुए कुकिंग कांप्टिशन के फाइनल मुकाबले में सभी 24 जिलों से आए रसोइयों ने मेन्यू के अनुसार भोजन तैयार करने के साथ-साथ लोकल रेसिपी से तैयार भोज्य पदार्थों को भी कांप्टिशन में शामिल किया था। जिसे काफी सराहना मिली है।
2600 स्कूलों का किचन शेड बनकर होगा तैयार
कमलेश कुमार पांडेय, समन्वयक, झारखंड राज्य एमडीएम प्राधिकरण, रांची ने कहा कि पूरे राज्य के वैसे सरकारी स्कूल जहां किचेन शेड पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है या अर्द्धनिर्मित है उसे दुरुस्त करने के लिए 19 करोड़ से अधिक की राशि प्रदान की गई है। इस राशि से पहले चरण में 2600 स्कूलों के किचेन शेड को तैयार किया जाएगा ताकि यहां रसोइये बेहतर तरीके से एमडीएम तैयार कर सके।
विशेषज्ञों की राय
अमित कुमार घाेष, न्यूट्रिशन डायट एक्सपर्ट, सीआईएनआई, रांची ने कहा कि कुकिंग कांप्टिशन में कई ऐसे भोजन तैयार किए गए, जो मेन्यू से बाहर थे और लोकल फूड यानि मोटे अनाज से बने थे। मोटे अनाजों की पाैष्टिकता को देखते हुए इसे भविष्य में मेन्यू में शामिल किया जा सकता है। मोटे अनाजों के सेवन से कई बीमारियों से निजात पाई जा सकती है।
मोटे अनाजों में पोषक तत्वों की अधिकता: डायटिशियन
मीनाक्षी कुमारी, डायटिशियन, रिम्स रांची ने कहा, मिलेट्स यानी मोटे अनाजों में कई मिनरल्स प्राकृतिक तौर पर पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इनमें कैल्शियम, आयरन, जिंक, मैग्नेशियम, विटामिन बी, विटामिन बी3, जरुरी अमिनो एसिड, प्रोटीन समेत सुपाच्य फाइबर पाए जाते हैं, जो कि बच्चों की सेहत के लिए रामबाण साबित हो सकते हैं। अन्य फसलों की तुलना में मिलेट्स में इन पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है।
यह भी पढ़ें- Jharkhand News: मिड डे मील में अब सलाद और पापड़ भी हुआ शामिल, हर दिन के लिए अलग-अलग मेन्यू तय; यहां देखें