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होम लोन लेने में आ रही है परेशानी, सिबिल स्कोर और लोन टू वैल्यू का रखें ध्यान; आसानी से मिलेगा लोन

कोरोना संक्रमण के बाद लोग अपने आप को व्यवस्थित करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में मध्यवर्गीय परिवार अपनी सबसे पहली जरूरत घर को पूरा करने में लग गया है। हाल के दिनों में कई लोगों ने बड़ी संख्या में होम लोन अप्लाई किया है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 08:53 AM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 08:53 AM (IST)
होम लोन लेने में आ रही है परेशानी, सिबिल स्कोर और लोन टू वैल्यू का रखें ध्यान; आसानी से मिलेगा लोन
होम लोन लेने में आ रही है परेशानी, सिबिल स्कोर और लोन टू वैल्यू का रखें ध्यान। जागरण

रांची, जासं। कोरोना संक्रमण के बाद लोग अपने आप को व्यवस्थित करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में मध्यवर्गीय परिवार अपनी सबसे पहली जरूरत घर को पूरा करने में लग गया है। हाल के दिनों में कई लोगों ने बड़ी संख्या में होम लोन अप्लाई किया है। फाइनेशियल एक्सपर्ट विनय चौधरी बताते हैं कि अगस्त से झारखंड में घर, फ्लैट और जमीन के दाम में बढ़ोत्तरी संभावित है। ऐसे में काफी लोग इस बीच में अपना घर खरीदने का सपना पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। मगर लोन के लिए अप्लाई करने से पहले छोटी-छोटी बातों का ध्यान नहीं रखने के कारण अक्सर लोगों के लोन रिजेक्ट हो जाते हैं। कुछ बाते ऐसी हैं जिनका ध्यान रखकर आसानी से होम लोन लिया जा सकता है।

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सिबिल स्कोर का रखें ध्यान

सिबिल स्कोर से किसी भी व्यक्ति के क्रेडिट हिस्ट्री का पता चलता है। लोन के मामले में बैंक आवेदक का सबसे पहले सिबिल स्कोर देखते हैं। ये क्रेडिट स्कोर कई खास क्रेडिट प्रोफाइलिंग कंपनियों की तरफ से तय किया जाता है। किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर रीपेमेंट हिस्ट्री, क्रेडिट इस्तेमाल का अनुपात, मौजूदा लोन और बिलों के समय पर पेमेंट से पता चलता है। ये स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। लेकिन 700 से उपर क्रेडिट स्कोर के लोगों को लोन मिलना आसान होता है।

ज्वाइंट होम लोन करें अप्लाई

होम लोन अकेले लेने के बजाए ज्वांइट अप्लाई करें। को-एप्‍लीकेंट जोड़ने से कर्ज देने वाली संस्‍थान का जोखिम कम हो जाता है। यह कोई ऐसा व्‍यक्ति हो सकता है जिनकी स्‍थायी इनकम हो और अच्‍छा क्रेडिट स्‍कोर हो। इसके साथ ही अगर को-एप्लीकेंट की कमाई अगर बेहतर होगी तो लोन की रकम भी बढ़ सकती है। इसके साथ ही ज्वाइंट एप्लीकेंट को आयकर में भी छूट मिलेगी।

हमेशा कम रकम की लोन करें अप्लाई

लोग जितनी की प्रोपर्टी खरीदते हैं उसका ज्यादातर हिस्सा लोन करा लेते हैं। ये तरीका गलत है। इससे लोन की एक्चुएल वैल्यू काफी ज्यादा बढ़ जाती है। क्योंकि इसमें होम का मोटा ब्याज भी जुड़ जाता है। इसका अर्थ ये है कि घर खरीदने में आपका कांट्रिब्यूशन ज्यादा रखें। कम लोन-टू-वैल्‍यू (एलटीवी) रेशियो आपके लिए लोन लेना आसान कर सकता है।

जहां हो एकाउंट वहीं करें अप्लाई

होम लोन के लिए बैंक का चुनाव करने के लिए आप स्वतंत्र हैं। मगर फिर भी अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है या आपकी इनकम स्थाई नहीं है तो हमेशा उसी बैंक में लोन अप्लाई करें जहां आपका अकाउंट या एफडी हो। इससे लोन मिलने में परेशानी काफी कम होगी। जबकि लोन मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी।


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