शुरू से ही प्रकृति पूजक रहा है आदिवासी समाज
राजधानी राची के करमटोली स्थित यंग हीरा नागपुर समिति द्वारा गुरुवार को करम पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। बारिश के बावजूद बहनों ने अपने भइायों की लंबी उम्र की कामना की।
जासं, राची : राजधानी राची के करमटोली स्थित यंग हीरा नागपुर समिति द्वारा गुरुवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्राकृतिक पर्व करम महोत्सव कार्यक्रम में बतौर अतिथि के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकात सहाय ,प्रदेश काग्रेस के पूर्व सचिव आदित्य विक्रम जायसवाल और प्रेम साही मुंडा उपस्थित हुए। इस अवसर पर आयोजन स्थल में करमा गीत नृत्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें लोगों ने मनोरम एवं उत्साह पूर्वक करमा पूजा व सास्कृतिक कार्यक्रम का आनंद उठाया।
इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री सुबोध कात सहाय जी ने कहा कि यही झारखंड है, जहा प्रकृति पेड़ ,पहाड़ ,नदी और प्राकृतिक चीजों की पूजा की जाती है, जिसके संरक्षण के लिए पूरा विश्व आगे आ रहा है। आदिवासी समाज इस कार्य को आदि काल से करता चला आ रहा है। अगर इन आदिवासियों को दरकिनार करके विकास किया जाएगा तो निश्चय ही विनाश हो जाएगा इसलिए इन की भागीदारी विकास में बहुत महत्वपूर्ण हैर।
इस मौके पर आदित्य विक्रम जायसवाल ने आयोजन समिति के सदस्यों को करमा पूजा की शुभकामना देते हुए कहा कि करमा महोत्सव का सीधा संबंध पर्यावरण संरक्षण से है। यह पर्व हमें गौरवशाली संस्कृति की याद दिलाता है। हमें प्रेरणा देती है कि प्रकृति की रक्षा करके ही हम जीव मात्र की रक्षा करने में समक्ष साबित हो सकते हैं। वृक्ष की पूजा कर इसे भाई बहन के रूप में पूजने का विधान है। हालाकि देश की अधिकाश पर्व प्रकृति पर ही आधारित है। प्रेम शाही मुंडा जी ने कहा करम महोत्सव एक प्राकृतिक पर्व है और यह महोत्सव कर्मा और धर्मा दो भाइयों का संघर्ष दिखाता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति व पर्यावरण को अक्षुण्ण रखने का संकल्प लेने की जरूरत है। पर्यावरण का मतलब सामाजिक वातावरण, जलवायु, जल, जंगल, जमीन आदि से है। इसकी रक्षा पर ही ब्रह्माड का अस्तित्व टिका हुआ है। इस मौके पर मुख्य रूप से श्री करमा होरो, माधव उरांव, सुरेश टीग्गा, सुभाष मुंडा महेश टोप्पो ,विजय पाहन, प्रदीप तिर्की, विनय सिन्हा दीपू जी्,कैलाश मुंडा, कुबना मुंडा, विकी खलको, ऋषभ चतुर्वेदी, आसिफ जियाउल आदि और गणमान्य लोग उपस्थित हुए।