रैयतों ने किया मार्च, आज बंद रहेंगी दुकानें
रांची : कांटाटोली फ्लाइओवर निर्माण के विरोध में रविवार को रैयतों व व्यवसायियों ने गढ़ा टोली से वाइएमसीए तक विरोध मार्च निकाला। घोषणा कि 28 मई को देानें बंद रखी जाएंगी।
रांची : कांटाटोली फ्लाइओवर निर्माण के विरोध में रविवार को रैयतों व व्यवसायियों ने गढ़ा टोली से वाइएमसीए तक विरोध मार्च किया। मार्च के क्रम में माइकिंग कर सभी दुकानदारों व व्यवसायियों से अपील की गई कि सोमवार को अपनी-अपनी दुकानें कर प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध करें।
इससे पूर्व गढ़ा टोली के समीप स्थित यूएनआइ हाइट्स कॉमर्शियल कांप्लेक्स में बैठक की अध्यक्षता करते हुए रैयत आसिफ अली ने कहा कि सोमवार को पूर्व मेयर इस मामले में मुख्य सचिव से वार्ता करेंगी। उनके साथ रैयतों का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होगा। बताया कि फ्लाईओवर निर्माण के विरोध में सोमवार को सभी रैयत कांटाटोली स्थित एसबीआइ बैंक के एटीम काउंटर के समीप एकत्रित होंगे और बंदी शांतिपूर्ण होगी। यदि इस दौरान प्रशासन की ओर से चिह्नित संरचनाओं को तोड़ने की कार्रवाई की गई तो सभी रैयत मानव श्रृंखला बनाकर प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध करेंगे। कहा, जमीन अधिग्रहण करने से पहले प्रशासनिक अधिकारी यह स्पष्ट करें कि संकल्प-4009 के तहत फ्लाईओवर की लंबाई 900 मीटर से 1250 मीटर कैसे कर दी गई। पहले सिस्टम बताएं फिर मापी कराएं अन्यथा प्रशासनिक कर्मियों को मापी या कोई काम नहीं करने देंगे। जमीन अधिग्रहण के नाम पर सीएनटी एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है। इस क्षेत्र के 70 फीसद रैयत आदिवासी हैं। सरकार सिर्फ निजी जमीन का अधिग्रहण कर सकती है और बदले में उन्हें उचित मुआवजा का भुगतान करना होगा।
कुछ रैयतों ने यह भी कहा कि एनएचएआइ की जमीन का अधिग्रहण सिर्फ माइनिंग, कृषि व उद्योग स्थापित करने के उद्देश्य से किया जा सकता है, फ्लाईओवर निर्माण के लिए नहीं।
टिंबर व्यवसायियों ने किया जमीन मापी का विरोध
रविवार को गढ़ा टोली के समीप पुल चौड़ीकरण का काम शुरू किया गया। इस क्रम में पुलिया के नीचे बह रहे गंदे पानी को डायवर्ट करने के लिए ह्यूंम पाइप बिछाए जा रहे थे। इसी क्रम में कार्यस्थल का निरीक्षण करने पहुंचे जुडको के इंजीनियर को रैयतों व टिंबर व्यवसायियों ने घेर लिया। रैयतों ने फ्लाईओवर निर्माण व जमीन अधिग्रहण को लेकर सवालों की बौछार कर दी। हालांकि जुडको के अधिकारी ने उनसे कहा कि वे इस योजना से जुड़े किसी बड़े अधिकारी से वार्ता करना चाहते हैं तो इस मसले पर उनसे बात की जाएगी। लेकिन, रैयतों ने उनसे स्पष्ट कहा कि वे किसी अधिकारी से वार्ता करने नहीं जाएंगे। रैयतों से बात करने के लिए अधिकारी सड़क पर उतरें। सिर्फ चेंबर में बैठकर जमीन अधिग्रहण करने व तोड़-फोड़ करने का आदेश न दें। रैयतों ने यह भी कहा कि वे किसी भी सूरत में प्रशासनिक कर्मियों को अपनी जमीन की मापी नहीं करने देंगे। हालांकि जुडको के अधिकारी ने रैयतों से अपील करते हुए कहा कि यदि उनकी जमीन की मापी नहीं हुई है तो वे उन्हें अपनी जमीन की मापी करने दें। इस कार्य में सहयोग करें।
संबंधित रैयत की जितनी जमीन फ्लाइओवर निर्माण के लिए अधिग्रहित की जाएगी, उसका उचित मुआवजा भी दिया जाएगा। इधर, अल्पसंख्य समुदाय के कुछ रैयतों ने कहा कि इस मामले में रमजान तक कार्रवाई करने पर रोक लगाएं। रमजान के बाद इस संबंध में उच्च अधिकारियों से पहले वार्ता कराएं और जमीन अधिग्रहण की स्थिति स्पष्ट करें।
बड़े अधिकारी कर रहे परहेज, छोटे कर्मियों के भरोसे करा रहे अधिग्रहण
कांटाटोली फ्लाईओवर निर्माण के तहत जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई में बड़े अधिकारी ऑनस्पॉट मौजूदगी से परहेज कर रहे हैं। जमीन अधिग्रहण के तहत तोड़-फोड़ की कार्रवाई के लिए बड़े अधिकारी सिर्फ पुलिस बल व मजिस्ट्रेट की नियुक्ति कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। छोटे कर्मियों को रैयतों के विरोध का प्रतिदिन सामना करना पड़ रहा है। रैयत छोटे कर्मियों में न सिर्फ हावी हो रहे हैं, बल्कि जमीन अधिग्रहण से संबंधित पूरी जानकारी मांग रहे हैं। रैयतों के इन सवालों का उनके पास कोई जवाब नहीं है। फिर भी जमीन अधिग्रहण के लिए इस योजना से जुड़े बड़े अधिकारी छोटे कर्मियों पर कार्रवाई करने का दबाव बना रहे हैं।