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झाविमो विधायक प्रदीप यादव की जमानत अर्जी खारिज

झाविमो विधायक प्रदीप को अडाणी पावर प्लांट के खिलाफ धरने पर बैठने के विरोध में गिरफ्तार किया गया था।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 11 May 2017 01:08 PM (IST)Updated: Thu, 11 May 2017 04:55 PM (IST)
झाविमो विधायक प्रदीप यादव की जमानत अर्जी खारिज
झाविमो विधायक प्रदीप यादव की जमानत अर्जी खारिज

गोड्डा, जेएनएन। जिला जज चतुर्थ डीसी मिश्रा की अदालत ने गुरुवार को पोड़ैयाहाट के झाविमो विधायक प्रदीप यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी। फिलहाल, विधायक दुमका केंद्रीय कारा में बंद हैं। यहां से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अब उनके हाईकोर्ट जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

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गौरतलब हो कि 22 अप्रैल से विधायक न्यायिक हिरासत में हैं। उन पर पांच मार्च को मोतिया में अडाणी पावर प्लांट के लिए हुई पर्यावरणीय जनसुनवाई की समाप्ति के बाद पुलिस पर पथराव करने के लिए लोगों को उकसाने का आरोप है। इस पथराव में मुख्यालय डीएसपी बबन सिंह सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। वहां तैनात दंडाधिकारी जयप्रकाश सिंह ने उन पर मुफस्सिल थाना में मामला दर्ज कराया था। इसके बाद सात अप्रैल को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने उनकी गिरफ्तारी का वारंट निर्गत किया था।

पुलिस विधायक को गिरफ्तार करना चाहती थी, लेकिन वे पकड़ में नहीं आए। 16 अप्रैल को वे पोड़ैयाहाट प्रखंड के गायघाट में अनशन पर बैठ गए थे, जहां से 22 अप्रैल को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि इस दौरान भी उन पर चार मामला दर्ज कराया गया था। वे गोड्डा मंडल कारा में बंद थे। इलाज के लिए उन्हें रांची भेजा गया। वहां से लौटने के बाद नौ मई को उन्हें दुमका केंद्रीय कारा भेज दिया गया। जहां वे बंद हैं।

इधर, सीजेएम के यहां से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने प्रधान जिला जज की अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे शनिवार को जिला जज चतुर्थ की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था। ⁠⁠⁠⁠

प्रदीप को अडाणी पावर प्लांट के खिलाफ धरने पर बैठने के विरोध में गिरफ्तार किया गया था। अभी कुछ दिन पहले उन्हें रिम्स से गोड्डा जेल भेजा गया था।

गोड्डा में प्रस्तावित अडाणी पावर प्लांट का विरोध कर रहे झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव व अन्य रैयतों पर दर्ज मुकदमों की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग पूर्व मुख्यमंत्री सह झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने गृह विभाग से की है।

मरांडी ने इस बाबत गृह विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेजा है, जिसमें मामले की जांच आइपीएस पदाधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम अथवा स्वतंत्र एजेंसी से कराने की अपील की गई है। बाबूलाल ने पत्र के माध्यम से आंदोलनकारियों पर दर्ज पांच मुकदमों की ओर विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया है। जिन अलग-अलग परिस्थितियों में आंदोलनकारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, मरांडी ने उसका पूरा ब्योरा भी पत्र में शामिल किया है।

पत्र में उन्होंने दर्ज मुकदमों में प्रशासन पर पक्षपात का आरोप मढ़ा है। उन्होंने कहा है कि रैयतों के हक में अपनी आवाज बुलंद कर रहे प्रदीप यादव पर झूठे मुकदमे दायर किए गए हैं। अडाणी को अनुचित लाभ पहुंचाने की कोशिश में जुटे प्रशासन की खिलाफत करने की सजा विधायक समेत अन्य रैयतों को दी गई है।

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