झाविमो के विलय को अभी तक मान्यता नहीं, बाबूलाल-प्रदीप व बंधु झाविमो के ही हैं विधायक Political Updates
Jharkhand. विधानसभा सचिवालय ने निर्वाचन आयोग को भेजी जानकारी। बाबूलाल मरांडी को नेता घोषित किया है भाजपा विधायक दल ने।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विकास मोर्चा के भाजपा और कांग्रेस में विलय के परस्पर दावे को विधानसभा सचिवालय ने फिलहाल मानने से इन्कार किया है। विधानसभा सचिवालय के मुताबिक भाजपा विधायक दल के घोषित नेता बाबूलाल मरांडी अभी भी झारखंड विकास मोर्चा के विधायक हैं। बाबूलाल मरांडी ने बीते 11 फरवरी को संगठन का विलय भाजपा में करने का निर्णय किया था।
उधर कांग्रेस में शामिल हो चुके पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव और मांडर के विधायक बंधु तिर्की भी विधानसभा सचिवालय की सूची में झारखंड विकास मोर्चा के विधायक हैं। चुनाव आयोग को भेजी गई विभिन्न राजनीतिक दलों की झारखंड विधानसभा में दलीय स्थिति में फिलहाल ये तीनों झारखंड विकास मोर्चा के विधायकों की सूची में शुमार हैं।
चुनाव आयोग ने मांगी थी जानकारी
चुनाव आयोग ने विधानसभा सचिवालय से इस बाबत जानकारी मांगी थी। यह भी स्पष्ट करने को कहा गया था कि झारखंड विकास मोर्चा के विधायकों की क्या स्थिति है और उनके विलय के परस्पर दावे को मान्यता दी गई है अथवा नहीं। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो का कहना है कि सभी कानूनी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद इस बाबत निर्णय किया जाएगा। इसमें जल्दबाजी नहीं की जाएगी।
विधानसभा में बैठने की पुरानी व्यवस्था
विलय के दावे पर विधानसभा के बजट सत्र में रस्साकशी चल रही है। भाजपा ने सूचित किया है कि बाबूलाल मरांडी पार्टी विधायक दल के नेता चुने गए हैैं, लिहाजा उन्हें नेता प्रतिपक्ष के लिए नियत जगह पर बैठने की अनुमति दी जाए। उधर प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने कांग्रेस में शामिल होने की सूचना दी है। दो दावा रहने के कारण यह मामला स्पीकर के पाले में है। फिलहाल बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की सीट आवंटित करने पर कोई फैसला नहीं हुआ है। प्रदीप यादव एवं बंधु तिर्की को भी पुरानी व्यवस्था के तहत सदन में बैठना पड़ रहा है।
दल-बदल कानून का मामला
झारखंड विकास मोर्चा के विलय का परस्पर दावा दल-बदल कानून का मामला है। यह स्पीकर के न्यायाधिकरण में जा सकता है। 2014 के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद झारखंड विकास मोर्चा के आठ में से छह विधायकों ने भाजपा में शामिल होने का निर्णय किया था। इसे न्यायाधिकरण में चुनौती दी गई थी। लगभग साढ़े चार साल की सुनवाई और दोनों पक्षों से जिरह के बाद तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने इसे सही ठहराया था।
विधानसभा की दलीय स्थिति
भाजपा - 25
झामुमो - 29
कांग्रेस - 16
झाविमो - 03
आजसू - 02
निर्दलीय - 02
भाकपा माले - 01
राकांपा - 01
राजद - 01