अटलजी देश के नेता थे, उन्हें पार्टी की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता
झाविमो के महासचिव प्रदीप यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से देश मर्माहत है।
रांची, जेएनएन। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से देश और हमारी राजनीति को जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही। चाहे उनके जीवन चरित्र की बात करें अथवा उनके राजनीतिक कालखंड की, वह अपने-आप में अद्वितीय था।
उन्होंने अपने जीवन काल में ऐसे कई उदाहरण पेश किए, जिससे वे अमर हो गए। प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने अटल निर्णय लिया और परमाणु परीक्षण कर उन्होंने जहां अदम्य साहस का एहसास पूरे विश्व को कराया, वहीं भारत-पाक की कटुता को पाटने की कोशिश में दिल्ली से लाहौर के बीच सदा-ए-सरहद बस सेवा की शुरुआत लोगों के जेहन में अमर-अजर रहेगा। वे देश के नेता थे, उन्हें सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता।
उनके लिए पहले देश था, फिर राजनीति। प्रतिपक्ष में रहकर भी उन्होंने देश-विदेश के कई हिस्सों को संबोधित किया। उस समय भी उनके भाषणों में देशहित ही सर्वोपरि होता था। उनका स्पष्ट मानना था कि राजनीति में विचारों से जीतना चाहिए, न कि कटूतापूर्ण व्यवहारों से। उन्होंने अपने विचारों, भाषणों, कविताओं आदि के माध्यमों से जो संदेश दिए, विरोधी दल भी उनके नतमस्तक रहे और उनसे सीखने का काम किया। वे युग पुरुष थे।
प्रदीप यादव, प्रधान महासचिव, झाविमो।
झारखंड विकास मोर्चा ने दी श्रद्धांजलि
शुक्रवार को झाविमो के डिबडीह स्थित केंद्रीय कार्यालय में शोकसभा का आयोजन हुआ। पार्टी के पदधारियों और कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सरोज सिंह, ¨रकी झा, उत्तम यादव, राजेंद्र तिवारी, सुनील गुप्ता, जितेंद्र वर्मा, तौहीद आलम, शिवा कच्छप आदि शोकसभा में शामिल हुए।