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JPSC Exam Postpone : शुरू से ही विवादित रही है सातवीं झारखंड लोक सेवा परीक्षा, जानें पूरा मामला

JPSC Exam Postpone झारखंड लोक सेवा आयोग 28 जनवरी से होनेवाली सातवीं झारखंड लोक सेवा प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लिया है। इस परीक्षा में 49 अभ्यर्थी पहले सफल घोषित किए गए थे। जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में शामिल 57 अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट आयोग को नहीं मिली थी।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 01:12 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 01:39 PM (IST)
JPSC Exam Postpone : शुरू से ही विवादित रही है सातवीं झारखंड लोक सेवा परीक्षा, जानें पूरा मामला
JPSC Exam Postpone : शुरू से ही विवादित रही है सातवीं सिविल सेवा परीक्षा

रांची, (राज्य ब्यूरो)। JPSC Exam Postpone : झारखंड में सातवीं सिविल सेवा परीक्षा को लेकर मामला गर्माया हुआ है। झारखंड लोक सेवा आयोग ने 28 जनवरी से होनेवाली सातवीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लिया है। अब इसकी प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी होगा। प्रारंभिक परीक्षा शुरू से ही विवादित रही है।

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49 अभ्यर्थियों को बाद में कर दिया असफल घोषित

इस परीक्षा में 49 अभ्यर्थी पहले सफल घोषित किए गए थे। बाद में इन सभी को असफल घोषित करना पड़ा।

दरअसल, साहिबगंज और लाेहरदगा के एक-एक परीक्षा केंद्रों में शामिल अभ्यर्थियों में सीरियल क्रमांक से कई अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में सफल घोषित हो गए थे। यह मामला उठने के बाद आयोग ने 49 अभ्यर्थियों को बाद में असफल घोषित कर दिया।

प्रारंभिक परीक्षा में शामिल 57 अभ्यर्थियों की आयोग को नहीं मिली थी ओएमआर शीट

इसपर जेपीएससी की ओर से कहा गया कि प्रारंभिक परीक्षा में शामिल 57 अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट आयोग को नहीं मिली थी। हालांकि, इनकी परीक्षा में उपस्थिति बनी थी। परीक्षा के परिणाम जारी करने में देर न हो इसलिए पूर्व में इन अभ्यर्थियों में 49 अभ्यर्थियों को कट ऑफ मार्क्स के बराबर अंक देकर औपबंधिक रूप से उत्तीर्ण किया गया था। इसके पीछे यह तर्क दिया गया कि आयोग को ओएमआर शीट नहीं मिलने के लिए ये अभ्यर्थी जिम्मेदार नहीं थे। शेष आठ को अन्य कारणों से उत्तीर्ण घोषित नहीं किया गया।

49 अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा में किया गया अनुत्तीर्ण

आयोग के अनुसार, इस बीच इस मामले की जांच भी कराई गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद इन 49 अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण किया गया। बता दें कि, प्रारंभिक परीक्षा में ओएमआर शीट की दो कापी होती है। मूल ओएमआर शीट परीक्षा के बाद आयोग के पास पहुंचती है, जबकि दूसरी कार्बन कापी वाली ओएमआर शीट अभ्यर्थियों को दे दी जाती है।

28 से 30 जनवरी को होनेवाली थी मुख्य परीक्षा

सातवीं सिविल सेवा मुख्य परीक्ष 28 से 30 जनवरी तक होनेवाली थी। आयोग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली थी। अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र आनलाइन डाउनलोड हो रहे थे। परीक्षा स्थगित होने से परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों में निराशा है।

सातवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा स्थगित

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार और जेपीएससी ने झारखंड हाई कोर्ट से कहा कि वादी की ओर से उठाया गया मुद्दा, बिल्कुल सही है। जेपीएससी की ओर से प्रारंभिक परीक्षा में दिया गया आरक्षण गलत है। इसलिए झारखंड सरकार फिलहाल मुख्य परीक्षा को स्थगित कर रही है। जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा की समीक्षा के बाद संशोधि रिजल्ट जारी किया जाएगा।

बता दें कि, कुमार सन्यम की ओर से यह कहते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, कि जेपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दे दिया है। जबकि इस तरह का झारखंड सरकार के पास कोई नियमावली नहीं है।

15 फरवरी को होगी मामले में दोबारा सुनवाई

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सरकार का पक्ष रखा और कहा कि तीन सप्ताह में प्रारंभिक परीक्षा का संशोधन से संबंधित निर्णय के लिए समय दिया जाए। इस पर अदालत ने उन्हें तीन सप्ताह का समय दिया है। अदालत ने कहा है कि इसपर अब अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी।

क्‍या कहा था झारखंड हाईकोर्ट ने वर्ष 2021 में

गुलाम सादिक के मामले में 16 जून 2021 को हाई कोर्ट की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि झारखंड सरकार के अनुसार जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने की कोई नीति है। वहीं, वर्ष 2015 में लक्ष्मण टोप्पो के मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि प्रारंभिक परीक्षा में झारखंड सरकार की नीति आरक्षण देने की नहीं है। कोर्ट आरक्षण देने का आदेश नहीं दे सकता। कहा गया कि सामान्य श्रेणी में 114 सीट थी। इसके पंद्रह गुना (1710) परिणाम जारी होना चाहिए, लेकिन मात्र 768 का ही चयन किया गया है। इससे प्रतीत होता है कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है।

कल क्या हुआ था।

कल यानि सोमवार के दिन झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिए जाने के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने जेपीएससी से जवाब मांगा था। अदालत ने जेपीएससी से पूछा था कि सातवीं जेपीएससी में कैटेगरीवाइज कितनी सीटें थी। प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है या नहीं। वहीं, कितने आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी सामान्य कैटगरी में चयनित हुए हैं। इस सभी बिंदुओं पर जेपीएससी को जवाब देना था।

मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की हुई थी मांग

इस दौरान मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इसके बाद अदालत इस मामले में 25 जनवरी यानी मंगलवार को सुनवाई हुई। जिसमें झारखंड सरकार ने झारखंड हाई कोर्ट से कहा कि वादी की ओर से उठाया गया मुद्दा बिल्कुल सही है। जेपीएससी की ओर से प्रारंभिक परीक्षा में दिया गया आरक्षण गलत है। इसलिए झारखंड सरकार फिलहाल मुख्य परीक्षा को स्थगित कर रही है।

सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में दिया गया है आरक्षण

कल हुई सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया था कि सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है। इसको लेकर न तो विज्ञापन में जिक्र किया गया था और न ही ऐसी नीति झारखंड सरकार ने बनाई है, जिसके अनुसार प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ दिया जा सके।

प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है, दावा

उन्होंने दावा किया था कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है। सामान्य कैटेगरी की 114 सीट थी। नियमानुसार इसके पंद्रह गुना परिणाम जारी होना चाहिए। इस तरह सामन्य कैटेगरी में 1710 अभ्यर्थियों का चयन होना चाहिए। लेकिन मात्र 768 का ही चयन किया गया है। इससे प्रतीत होता है कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है।

सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा 28 जनवरी को थी निर्धारित

इस दौरान उनकी ओर से मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने और प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को रद करने की मांग की गई थी। इस पर जेपीएससी की ओर से जवाब दाखिल करने का समय मांगा गया था। बता दें सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा 28 जनवरी से होनी निर्धारित होनी थी।


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