JPSC को भी नहीं पता सरकार की योजनाओं का, माॅडल प्रश्न पत्र में कई उत्तर गलत
Jharkhand. मॉडल उत्तर में सरकारी योजनाओं और विभागों से पूछे गए कई प्रश्नों के उत्तर गलत हैं। इससे अभ्यर्थियों में संशय और निराशा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में सिविल सेवा सहित सभी राजपत्रित पदों पर नियुक्ति की जिम्मेदारी संभालने वाले झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को राज्य सरकार के विभागों व महत्वपूर्ण योजनाओं की ही जानकारी नहीं है। तीन जनवरी को आयोजित प्रथम उपसमाहर्ता सीमित प्रतियोगिता परीक्षा में सामान्य अध्ययन विषय में जिस तरह से प्रश्न पूछे गए और आयोग द्वारा जिस तरह उसके मॉडल उत्तर जारी किए गए, उससे यही साबित होता है।
मॉडल उत्तर में एक दर्जन से अधिक सवालों के उत्तर गलत दिए गए हैं। इससे अभ्यर्थियों में संशय और निराशा है। हालांकि, आयोग ने मॉडल उत्तर पर अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांगी हैं और आयोग का दावा है कि आपत्तियों की समीक्षा के बाद संशोधित उत्तर जारी किया जाएगा। जेपीएससी ने इस परीक्षा में दो प्रश्न राज्य सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग से पूछे हैं, जबकि यह विभाग वर्ष 2015-16 में ही खत्म हो गया है और इसकी जगह दो अलग-अलग विभाग स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग गठित किया गया है।
इतना ही नहीं, कुछ प्रश्न सर्व शिक्षा अभियान तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से भी पूछे गए, जबकि दोनों योजनाओं को समाहित कर समग्र शिक्षा अभियान नई योजना शुरू की गई है। इस परीक्षा के मॉडल उत्तर में राज्य सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं से भी संबंधित कई उत्तर गलत हैं। मसलन, जेपीएससी के मॉडल उत्तर में मछुआरा समुदाय के लिए संचालित आवास योजना भीमराव अंबेडकर आवास योजना को बताया है, जबकि मछुआरों के लिए संचालित योजना का सही नाम वेदव्यास आवास योजना है।
हकीकत यह है कि भीमराव अंबेडकर आवास योजना पिछली सरकार ने विधवाओं के लिए शुरू की थी। भीमराव अंबेडकर योजना से संबंधित पूछा गया एक अन्य प्रश्न का भी उत्तर गलत है। इसी तरह, जेपीएससी ने प्रधानमंत्री युवा योजना को किसानों से संबंधित योजना बताई है, जबकि यह योजना युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने से संबंधित है।
तीन माह पूर्व हुई परीक्षा से पूछ दिए हूबहू 20 से अधिक सवाल
जेपीएससी ने इस परीक्षा में लगभग बीस से अधिक प्रश्न तीन माह पूर्व हुई परीक्षा से हूबहू पूछ डाले हैं। इसे लेकर भी अभ्यर्थियों में नाराजगी है। इस परीक्षा के सामान्य अध्ययन विषय में पूछे गए प्रश्नों में से बीस से अधिक प्रश्न ऐसे हैं, जो आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित पंचम उप समाहर्ता सीमित प्रतियोगिता परीक्षा में भी पूछे गए थे। यह परीक्षा पिछले वर्ष 20 अक्टूबर को आयोजित की गई थी।
'मॉडल उत्तर में कोई गलती न हो, इसीलिए तो अभ्यर्थियों से उनपर आपत्तियां मांगी गई हैं। आपत्तियों की समीक्षा के बाद संशोधित उत्तर जारी किया जाएगा।' - ज्ञानेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक, झारखंड लोक सेवा आयोग।