JPSC News: सहायक अभियंता नियुक्ति मामले में बहस पूरी... 14 जुलाई को फैसला सुनाएगा कोर्ट... जानिए, क्या है पूरा विवाद
JPSC Appointment Controversy हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड हाईकोर्ट में कहा है कि सहायक अभियंता नियुक्ति में नहीं दिया गया पीटी परीक्षा में आरक्षण। उधर अदालत में प्रार्थी ने दावा किया है कि 256 आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में पास हुए हैं। अब अदालत 14 को फैसला सुनाएगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सहायक अभियंता नियुक्ति की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। उम्मीद जताई जा रही है कि अदालत 14 जुलाई को फैसला सुनाएगी। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से अदालत को बताया गया कि सहायक अभियंता नियुक्ति की प्रारंभिक (पीटी) परीक्षा में जेपीएससी की ओर से कोई आरक्षण नहीं दिया गया है। अनारक्षित श्रेणी सभी के लिए होती है। इसलिए इस श्रेणी में सभी श्रेणियों के अभ्यर्थी आ सकते हैं, जिन्होंने निर्धारित कट आफ अंक से ज्यादा नंबर प्राप्त किया है। इसे आरक्षण देना नहीं कहा जा सकता है। वहीं, कोटिवार परिणाम जारी करने के लिए विज्ञापन में ही शर्त दी गई थी।
प्रार्थी भास्कर ने आरक्षण देने का दावा किया
इस दौरान चयनित अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और विजयकांत दुबे ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने पीटी परीक्षा में कोई आरक्षण नहीं दिया गया। इसलिए प्रार्थी की याचिका को खारिज कर देना चाहिए। जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने पक्ष रखा। प्रार्थी की ओर से कहा गया कि सहायक अभियंता नियुक्ति मामले में 256 अभ्यर्थियों को अनारक्षित श्रेणी में शामिल किया गया है, जो आरक्षित श्रेणी से आते हैं। जेपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा में कोटिवार परिणाम जारी किया है। ईडब्ल्यूएस में महिला अभ्यर्थियों का अलग से परिणाम जारी किया गया है। ऐसा करना नियुक्ति नियमावली और विज्ञापन की शर्तों का उल्लंघन है। राज्य सरकार के पास प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने का कोई प्रविधान नहीं है। इसलिए पीटी परीक्षा परिणाम को रद कर देना चाहिए। बता दें कि इस संबंध में प्रार्थी भास्कर ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर पीटी परीक्षा में आरक्षण देने का दावा किया है।