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JPSC Online: अब 21 मार्च तक करें आवेदन, अबतक 4 लाख रजिस्‍ट्रेशन; jpsc.gov.in

JPSC Recruitment-Exam 2021 झारखंड लोक सेवा आयोग ने संयुक्त सिविल सेवा प्रारंभिक प्रतियोगिता के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि आज (सोमवार) रात 11.45 बजे खत्म हो रही थी। अब अभ्यर्थी 21 मार्च तक ऑनलाइन jpsc.gov.in आवेदन कर सकेंगे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 07:24 PM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 10:56 PM (IST)
JPSC Online: अब 21 मार्च तक करें आवेदन, अबतक 4 लाख रजिस्‍ट्रेशन; jpsc.gov.in
JPSC Recruitment-Exam 2021: जेपीएससी परीक्षा के लिए अब 21 मार्च तक आवेदन कर सकते हैं। jpsc.gov.in

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। JPSC Recruitment-Exam 2021, jpsc.gov.in जेपीएससी (JPSC) ने आवेदकों को बड़ी राहत दी है। झारखंड लोक सेवा आयोग (Jharkhand Public Service Commission) ने 2 मई (JPSC Exam Date) को होने वाली संयुक्त सिविल सेवा प्रारंभिक प्रतियोगिता के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। ऑनलाइन आवेदन (JPSC Apply Online) की अंतिम तिथि आज (सोमवार)  रात 11.45 बजे खत्म हो रही थी। अब अभ्यर्थी 21 मार्च तक ऑनलाइन (JPSC Online) आवेदन कर सकेंगे।  22 मार्च तक परीक्षा शुल्क का भुगतान होगा।

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अब 21 मार्च तक भर सकेंगे जेपीएससी परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन

झारखंड लोक सेवा आयोग ने संयुक्त सिविल सेवा प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा-2021 के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि सोमवार को रात 11.45 बजे खत्म हो रही थी। लेकिन अब अभ्यर्थी 21 मार्च रात 11.45 बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

आवेदक 22 मार्च रात 11.45 बजे तक परीक्षा शुल्क का भुगतान कर सकेंगे। आयोग ने अभ्यर्थियों की मांग पर ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई है। बता दें कि पिछले कई दिनों से सर्वर पर अधिक लोड पड़ने पर झारखंड लोक सेवा आयोग का सर्वर स्लो हो गया था। इस कारण कई अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे थे। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए रविवार तक पौने चार लाख रजिस्ट्रेशन हो चुके थे। देश-प्रदेश के आवेदक आयोग से ऑनलाइन आवेदन की तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा 2021 में उम्र की छूट की मांग वाली याचिका खारिज

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में जेपीएससी की ओर से संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा 2021 में उम्र के कट ऑफ डेट को घटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य सरकार के निर्णय को सही मानते हुए प्रार्थियों की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के लिए उम्र की सीमा निर्धारित करने का सरकार का निर्णय सही है। इसमें हस्तक्षेप किए जाने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए प्रार्थियों की याचिका को खारिज किया जाता है।

इस संबंध में मुकेश कुमार व अमित कुमार ने याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि वर्ष 2016 में जेपीएससी की ओर से छठी सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया गया। इसमें उम्र की कट ऑफ डेट एक अगस्त 2011 रखी गई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने वर्ष 2017, 2018, 2019 और 2020 की नियुक्ति को एक साथ संयुक्त रूप से सिविल सेवा परीक्षा के लिए वर्ष 2021 में विज्ञापन निकाला गया है।

इसमें उम्र का कट ऑफ डेट एक अगस्त 2016 रखा गया, जबकि पिछली परीक्षा को देखते हुए कट ऑफ डेट एक अगस्त 2012 होना चाहिए। लेकिन जेपीएससी ने ऐसा नहीं किया है। इसलिए कट ऑफ डेट को वर्ष 2011 या 2012 किया जाना चाहिए। इस पर सरकार ने कहा कि चार साल तक परीक्षा नहीं होने की वजह से ही एक बार में संयुक्त रूप से सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। इसलिए इसका उम्र का कट ऑफ डेट एक अगस्त 2016 रखा गया है। इसके बाद अदालत ने सरकार की दलील को मानते हुए प्रार्थियों की याचिका को खारिज कर दिया।

डिप्टी कलेक्टर नियुक्ति के नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर अप्रैल में सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में लिमिटेड डिप्टी कलेक्टर नियुक्ति के लिए बनी नई नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की है। इस संबंध में चंदन कुमार पांडेय ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2015 में सरकार ने विभागीय (लिमिटेड) डिप्टी कलेक्टर नियुक्ति के लिए नया नियम बनाया है। इस नियुक्ति में शिक्षकों को हटा दिया गया है, जबकि इससे पहले शिक्षक भी इस नियुक्ति में शामिल होते थे। सरकार का ऐसा करना सही नहीं है। इसलिए सरकार के नई नियमावली को निरस्त कर देना चाहिए। इस पर जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि इसको लेकर वर्ष 2018 में विज्ञापन निकाला गया था। इस नियुक्ति के लिए परीक्षा भी हो चुकी है। इस पर अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अप्रैल माह में निर्धारित की है।


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