नैतिकता के बंधन से बंधी है पत्रकारिता
विश्व प्रेस दिवस के अवसर पर सोमवार को दैनिक जागरण के ब्रांड झारखंउ फेसबुक पेज पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, रांची : विश्व प्रेस दिवस के अवसर पर सोमवार को दैनिक जागरण के ब्रांड झारखंड पेज के फेसबुक पर सूचना से जनकल्याण विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें आकाशवाणी से सेवानिवृत प्रकाश देवकुलिश ने कहा कि ज्ञान और जागरूकता का मुख्य स्त्रोत सूचना है। पर सूचना ज्ञान और जागरूकता में तब बदलती है जब सूचना के साथ जन कल्याण का उद्देश्य जुड़ा रहे। एक समय था जब सूचना का अर्थ ही था जन हित और जन कल्याण। 35 वर्ष पहले तक सूचना की भूमिकाओं पर जो भी चर्चा हो, इस बात पर कोई प्रश्न नहीं होता था कि सूचना जन कल्याण के उद्देश्य में सक्षम है या नहीं। हर प्रोफेशन की अपनी अलग नैतिकता होती है। पत्रकारिता एक नैतिकता के बंधन से बंधा हुआ व्यवसाय है। सनसनी पैदा कर पाठकों और दर्शकों की संख्या में आगे बढ़ जाना और परिणामस्वरूप अधिक मुनाफा कमाना इस व्यवसाय का उद्देश्य नहीं हो सकता। यह ठीक है प्रेस तंत्र से जुड़े लोग भी समाज के अंग हैं, उन्हें समाज के अन्य सम्पन्न वर्ग की तरह जीवन यापन का अधिकार है, पर कुछ प्रोफेशन ऐसे होते हैं जिनमें अपने साथ अधिकार से ज्यादा दायित्व की जिम्मेवारी बनती है। दूरदर्शन से सेवानिवृत प्रमोद कुमार झा ने कहा कि मीडिया की भूमिका पर यदि प्रश्न चिह्न लगे तो यह पूरे समाज के लिए खतरा है, इसलिए मीडिया और प्रेस को अपनी वास्तविक और सही भूमिका के प्रति सतर्क और चुस्त रहना होगा, तभी उसका होना सार्थक होगा। रांची विवि के रेडियो खांची के निदेशक डा. आनंद ठाकुर ने कहा कि इस वर्ष का थीम भी है - कोरोना काल में सूचना से जन कल्याण। प्रेस अपने में ही बड़ा व्यापक शब्द है और इसे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में जाना जाता है। जब हमारा तन्त्र बिगड़ जाए तो लोगों तक सही जानकारी पहुंचने वाला एक ही तंत्र बचता है, वो है मीडिया तंत्र। इस कोरोना काल मे जब लोग एक दूसरे से मिल नहीं पा रहे हैं, महामारी को लेकर त्राहि त्राहि मची है, मीडिया की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है। आकाशवाणी से ही सुनील बादल ने कहा कि इस समय सारी सूचनाओं का स्त्रोत एकमात्र मीडिया ही है।