Kidnapping Case: झामुमो नेता का अपहृत बेटा नाटकीय अंदाज में घर लौटा, रात एक बजे अपराधियों के चंगुल से निकल भागा
झामुमो नेता सह हजारीबाग जिला पार्षद संजीव बेदिया का पुत्र अपहरणकर्ताओं के चंगुल से भागकर रविवार- सोमवार की मध्य रात्रि करीब एक बजे सकुशल घर पहुंच गया।
रामगढ़, जासं। झामुमो नेता सह हजारीबाग जिला पार्षद संजीव बेदिया का पुत्र अपहरणकर्ताओं के चंगुल से भागकर रविवार- सोमवार की मध्य रात्रि करीब एक बजे सकुशल घर पहुंच गया। पीयूष को देखकर घरवालों के जान में जान आई। घर के लोग खुशी से रोने लगे। पीयूष ने घरवालों को जो बताया उसके मुताबिक, वह रविवार दोपहर करीब एक बजे घर के बाहर मोबाईल चला रहा था, तभी दो बाइक पर चार लोग वहां पहुंचे।
इस दौरान वे किसी का पता पूछने लगे। इसी दौरान उसे कुछ सूंघा दिया। इससे वह बेहोश हो गया। इसके बाद क्या हुआ, पीयूष को होश नहीं था। देर शाम जब उसे होश आया तो वह पारगढा जंगल में था। अपहरणकर्ता उसे जान से मार डालने की बात कर रहे थे। देर रात जब अपहरणकर्ता खाने-पीने में व्यस्त हो गए, तो वह मौका देखकर वहां से भाग निकला। वह दौड़ते-भागते किसी तरह से अपने घर पहुंचा। उसके हाथ-पैर डर से कांप रहे थे।
पिता संजीव बेदिया ने पुत्र की कुशलता पर ईश्वर का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि एक पल के लिए तो मेरी दुनिया ही लुट चुकी थी। लेकिन सबकी दुवाएं काम आई। मेरा बेटा घर लौट आया। इधर हजारीबाग व रामगढ़ जिला पुलिस भी पीयूष से जानकारी के आधार पर मामले की तफ्तीश में जुट गई है। अपराधियों का सुराग तलाशने में पुलिस की कई टीमें सक्रिय है। हजारीबाग एसपी ने पीयूष से उसके घर पहुंच का रात में ही घटना की जानकारी ली।
शुभचिंतक जंगल में तलाश रहे निशान
पीयूष के घर लौटने के बाद उसके बताई बातों के अनुसार परिजन व दर्जनों शुभचिंतक सोमवार की सुबह परगाढा जंगल पहुंचे। यहां अपराधियों का सुराग जानने के लिए जंगल मे जहां-तहां खोजबीन की जा रही है।