Rajya Sabha Election: डिनर के बहाने जुटेंगे झामुमो-कांग्रेस व राजद विधायक, राज्यसभा चुनाव की बनेगी रणनीति
Rajya Sabha Election 2020.राज्यसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों से भी समर्थन मांगने से गुरेज नहीं किया जा रहा है। साथ ही अपने गुट के दल छिटक न जाएं इसका भी प्रयास किया जा रहा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पार्टियां जोड़-तोड़ में लग गई हैं। इसके लिए विपक्षी दलों से भी समर्थन मांगने से गुरेज नहीं किया जा रहा है। साथ ही अपने गुट के दल छिटक न जाएं, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर रात को डिनर का आयोजन किया गया है। डिनर के बहाने झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी के विधायक एक साथ जुटेंगे। बताया जा रहा है कि इस डिनर के साथ सत्ताधारी दल वोट का गणित सुलझाएंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया देर शाम रांची पहुंचेंगे और सीधे मुख्यमंत्री आवास जाएंगे। यहां डिनर के बहाने राज्यसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी दलों की बैठक बुलाई गई है।
इधर, भाजपा विधायकों की भी आज बैठक होगी। इस बैठक में सहयोगी आजसू पार्टी को भी आमंत्रण दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश माथुर मौजूद रहेंगे। आजसू के रूख पर भाजपा की नजर है। मंगलवार को आजसू प्रमुख सुदेश महतो और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुलाकात के बाद भाजपा सतर्क है। बता दें कि 19 जून को राज्यसभा की रिक्त हो रही दो सीटों के लिए वोटिंग है। इसमें झामुमो के शिबू सोरेन, भाजपा के दीपक प्रकाश के जीत की संभावना है।
आजसू का झुकाव भाजपा की ओर
मुख्यमंत्री के सुदेश महतो से मिलने के बावजूद यह माना जा रहा है कि आजसू का झुकाव अभी भी भाजपा की ओर ही है। झारखंड विधानसभा चुनाव में आजसू ने अपना मुख्य विरोधी दल झामुमो को माना था। इसलिए राज्यसभा चुनाव में शिबू सोरेन को समर्थन देने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। लेकिन, हेमंत सोरेन की मुलाकात से आजसू का कद बढ़ गया है। अब आजसू भाजपा पर दबाव बनाने की स्थिति में आ गई है। यह दबाव विधानसभा उपचुनाव में दो सीटों में एक सीट (बेरमो) पर दावेदारी या केंद्र में राज्यमंत्री का पद की मांग के रूप में भी हो सकता है।
यह है राज्यसभा चुनाव में जीत का गणित
झारखंड में राज्यसभा के लिए रिक्त हो रही दो सीटों पर चुनाव में मुख्य मुकाबला झामुमो और भाजपा में है। दोनों दलों के प्रत्याशियों शिबू सोरेन और दीपक प्रकाश के पास पर्याप्त वोट हैं। जीत के लिए विधायकों के प्रथम वरीयता के 27 वोटों की आवश्यकता है। झामुमो के 29 विधायक हैं। इसके अलावा कमलेश सिंह ने समर्थन की घोषणा की है। भाजपा के विधायकों की संख्या 26 है। चुनाव आयोग की अनुमति के बाद विधानसभा सचिवालय ने बाबूलाल मरांडी को भी भाजपा सदस्य के तौर पर शामिल कर लिया है।
इसके अलावा आजसू के दो विधायकों समेत निर्दलीय सरयू राय और अमित यादव का समर्थन मिलने की पूरी उम्मीद है। उधर, कांग्रेस ने शहजादा अनवर को प्रत्याशी के तौर पर उतार दिया है, लेकिन वे जीत के आंकड़े से दूर है। कांग्रेस के पाले में 15 विधायक हैं। दो निर्दलीय विधायकों प्रदीप यादव, बंधु तिर्की और भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह के समर्थन के बावजूद कांग्रेस पर्याप्त आंकड़े के आसपास नहीं फटकती। कांग्रेस की उदासीनता का आलम यह है कि पर्यवेक्षक तक का पता नहीं है।