झारखंडी एकता संघ ने मुंबई में झारखंड भवन के निर्माण की मांग की, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा पत्र
Jharkhandi Ekta Sangh CM Hemant Soren Jharkhand Bhawan सीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि मुंबई में झारखंड भवन के लिए जमीन आवंटित हो चुकी है। इधर संघ ने कामगारों व प्रवासियों की मदद करने वाले कोराेना योद्धाओं को सम्मानित किया है।
रांची, डिजिटल डेस्क। झारखंडी एकता संघ ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर मुंबई में झारखंड भवन का निर्माण शीघ्र कराने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि मुंबई में झारखंड भवन के लिए जमीन आवंटित हो चुकी है। अतः यथाशीघ्र झारखंड भवन का निर्माण कराया जाए। पत्र में झारखंड प्रवासी कल्याण आयोग का गठन, झारखंड प्रवासी मजदूर/कर्मकार का डाटा बेस तैयार करने समेत नौ मांगें की गई है।
पत्र में कहा गया है कि झारखंडी एकता संघ, मुंबई/झारखंड प्रदेश विगत 16 वर्षों से लगातार प्रवासी मजदूरों, छात्रों एवं जरूरतमंदों की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक एवं सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से हर संभव मदद के अलावा श्रमिकों, कर्मकारों के हित में कार्य कर रही है। संघ मुंबई में वर्ष 2005 से झारखंड स्थापना दिवस मनाती आ रही है।
संपूर्ण लॉकडाउन में विभिन्न प्रदेशों में फंसे झारखंडी के हजारों मजदूरों, कामगारों एवं छात्रों को झारखंडी एकता संघ मुंबई ने भोजन, स्वास्थ्य, पैतृक प्रदेश वापस आने में हर संभव सुविधा प्रदान की थी। कहा गया कि संघ झारखंड प्रवासी मजदूरों, कर्मकारों एवं छात्रों के हित के लिए सरकार से ये मांगें करती है। इधर, 17 जनवरी 2021 को झारखंड विधान सभा सभागार एवं 13 फरवरी 2021 को टाउन हॉल, हजारीबाग में प्रवासी मजदूर जागरूकता सह सम्मान समारोह का आयोजन कर कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को मदद करने वाले योद्वाओं को सम्मानित भी किया गया।
ये हैं मांगें
1. झारखंड प्रवासी कल्याण आयोग का गठन किया जाए।
2. झारखंड प्रवासी मजदूर/कर्मकार का डाटा बेस जल्द से जल्द तैयार किया जाए।
3. मुंबई में झारखंड भवन के लिए जमीन आवंटित हो चुकी है, अतः यथाशीघ्र झारखंड भवन का निर्माण कराया जाए।
4. मुंबई में झारखंड पर्यटक सूचना केंद्र खोला जाए।
5. झारखंड प्रवासी मजदूर/कर्मकार की दुर्घटना में मृत्यु होने पर वर्तमान में एक लाख पचास हजार से बढ़ाकर पाँच लाख किया जाए और यह मुआवजा सामान्य मृत्यु होने पर भी दिया जाए।
6. मृतक के शव को उनके पैतृक आवास पर भेजने की समुचित व्यवस्था हो और मुआवजा की राशि से तत्काल एक लाख रुपया दिया जाए।
7. दुर्घटना/प्राकृतिक आपदा में मजदूर की मृत्यु दूसरे राज्य से कर्मकार/आश्रित परिवार को पैतृक आवास तक पहुँचाने का संपूर्ण व्यय 25000 से बढ़ा कर 40000 किया जाए।
8. प्रवासी मजदूरों/छात्रों एवं जरूरतमंदों की मदद करने एवं प्रवासी मजदूरों के लिए ग्रीन/रेड कार्ड बनाने के लिए झारखंडी एकता संघ को अधिकृत किया जाए।
9. बिहार सरकार की तर्ज पर कैंसर के इलाज के लिए देश के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे गरीब मरीजों को त्वरित वित्तीय सहायता उपलब्ध हो।