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Jharkhand Weather Updates: झारखंड में 3 दिनों तक होगी बारिश, सभी जिलों में ऑरेंज अलर्ट

Jharkhand Weather Updates. बारिश और रात के तापमान में गिरावट से धान की फसल पुष्ट होगी। जहां कम बारिश हो रही है वहां किसान कम पानी वाली फसल का चुनाव करें।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 11:09 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 12:15 PM (IST)
Jharkhand Weather Updates: झारखंड में 3 दिनों तक होगी बारिश, सभी जिलों में ऑरेंज अलर्ट
Jharkhand Weather Updates: झारखंड में 3 दिनों तक होगी बारिश, सभी जिलों में ऑरेंज अलर्ट

रांची, जासं। मौसम विभाग के द्वारा झारखंड में 3 दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विभाग के द्वारा बताया गया है कि सभी जिलों में 3 दिनों तक मध्यम से हल्के दर्जे की बारिश होगी। इसके साथ ही रात के तापमान में भी थोड़ी गिरावट देखी जा सकती है। ऐसे में धान की खेती करने वाले किसानों के लिए बिरसा कृषि विवि (बीएयू) ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि वे 3 दिनों में अपनी धानरोपनी का काम खत्म कर लें।

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ये वक्त धान की रोपनी करने के लिए सबसे उपयुक्त है। बीएयू के डीन एग्रीकल्चर डॉ एमएस यादव ने बताया है कि प्राकृतिक रूप से धानरोपनी के समय बारिश होने से धान की फसल अच्छी होती है। इसके साथ ही विभाग के अनुसार रात के तापमान में थोड़ी गिरावट की संभावना है। ये धान की फसल को पुष्ट करने में मदद करेगा।

इसके साथ ही फसल में खरपतवार नियंत्रित रखने के लिए रोपनी के 4 से 5 दिनों के बाद खरपतवारनाशी दवा प्रेटीलाक्लोर का छिड़काव 4 मिली लीटर प्रति लीटर पानी की दर से करें। डॉ एमएस यादव ने बताया कि राज्य के आठ जिलों में अभी तक 30 प्रतिशत से कम बारिश हुई है।

हालांकि अभी भी बारिश का वक्त है, मगर किसानों को वर्षा की अनियमितता को देखते हुए कम अवधि एवं कम पानी की आवश्यकता वाली फसल जैसे अरहर, उरद, सोयाबीन, मड़ुआ, गुन्दली, ज्वार, आदि की खेती को प्राथमिकता देनी चाहिए। जो किसान ऊपरी खेतों में धान, मकई या मूंगफली की खेती करना चाहते हैं, वे अंतरवर्तीय खेती करें। अनियमित वर्षा की स्थिति में यदि एक फसल मारी जाती है, तो दूसरी फसल से उपज मिल जाती है।

अनुकूल वर्षा होने पर दोनों ही फसल की अच्छी उपज मिल जाती है। साथ ही साथ खेती की सघनता भी बढ़ती है। प्रदेश के लिए अंतरवर्तीय खेती में अरहर+मूंगफली/धान/उरद के लिए दो पंक्ति अरहर (75 सेमी पंक्ति से पंक्ति तथा 20 से 25 सेमी पौधा से पौधा की दूरी पर) के बीच दो पंक्ति मूंगफली या धान या उरद की बोआई करें। अरहर +मकई हेतु एक पंक्ति अरहर तथा एक पंक्ति मकई (75 सेमी पंक्ति से पंक्ति तथा 20 से 25 सेमी पौधा से पौधा की दूरी पर) की बोआई करें। मध्यम जमीन में धान, मकई, मूंगफली या सोयाबीन की सीधी बोआई कम या मध्यम अवधि वाली प्रजाति के साथ करें।


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