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Jharkhand Weather: झारखंड में प्रचंड गर्मी, आठ बजते ही तापमान 30 के पार; जानिए कब दस्तक देगा मानसून

Jharkhand Weather झारखंड में गर्मी के साथ लू के थपेड़ों ने परेशानी बढ़ा दी है। राज्य में 11 जून तक गर्मी सताएगी। वहीं मौसम विभाग के अनुसार 11 जून के बाद कुछ जगहों पर मौसम में बदलाव हो सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiPublished: Sat, 10 Jun 2023 08:02 AM (IST)Updated: Sat, 10 Jun 2023 08:02 AM (IST)
Jharkhand Weather: झारखंड में प्रचंड गर्मी, आठ बजते ही तापमान 30 के पार; जानिए कब दस्तक देगा मानसून
Jharkhand Weather: झारखंड में प्रचंड गर्मी, आठ बजते ही तापमान 30 के पार

रांची, जागरण संवाददाता। झारखंड में भीषण गर्मी पड़ रही है। रांची में शुक्रवार को लू का प्रकोप जारी रहा। राहत की बात है कि केरल में दक्षिणी पश्चिमी मानसून के प्रवेश करने के बाद अब 18 जून तक मानसून झारखंड में पहुंच सकता है।

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राजधानी का अधिकतम 39.7 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। सड़कों पर सुबह 11 बजते-बजते गाड़ियों की संख्या कम हो गई, पैदल चलने वाले भी कम दिखे।

वहीं, मौसम विभाग के अनुसार 11 जून के बाद कुछ जगहों पर मौसम में बदलाव हो सकता है। सामान्य तौर पर झारखंड में मानसून के प्रवेश करने का समय 10 से 15 जून है, लेकिन इस बार तीन दिन देर से मानसून प्रवेश कर रहा है।

11 जून तक सताएगी गर्मी

मौसम विभाग का अनुमान है कि राज्यभर में 11 जून तक गर्मी सताएगी। इसके बाद मौसम में कुछ बदलाव होने की उम्मीद है और प्री-मानसून जैसी स्थिति बन सकती है।

11 जून तक जिले के विभिन्न हिस्सों समेत संताल परगना क्षेत्र में लू चलने की चेतावनी जारी की गई है। शुक्रवार को सबसे अधिक तापमान जमशेदपुर और डालटेनगंज का रहा, यहां अधिकतम तापमान 43.4 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।

लू लगने पर कैसे करें पहचाने

रिम्स मेडिसिन विभाग के डॉक्टर विद्यापति बताते हैं कि लू से बचने के लिए सिर को ढककर बाहर निकलना चाहिए। तरल पेय पदार्थ लेते रहना चाहिए। अत्यधिक ठंडे पेय लेने से बचें। लू लगने पर शरीर कई तरह के लक्षण दिखाने लगता है।

लू लगने पर बुखार, त्वचा का लाल, रूखा व गर्म होना, नम होना, नाड़ी का तेज चलना, चक्कर आना, सिरदर्द होना, जी-मिचलाना, घबराहट होना, अधिक पसीना आना और बेहोश होना आदि शामिल है। ऐसी स्थिति में ओआरएस या नमक और चीनी का घोल दें।

डॉक्टर बताते हैं कि वृद्ध और शिशुओं को लू लगने का अधिक खतरा होता है। उनके शरीर तापमान को अच्छी तरह से नियंत्रित करने में सक्षम नहीं होते हैं।


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