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Monsoon 2022: झारखंड में मौसम ने ली करवट... तापमान में गिरावट, मौसम विभाग ने कब जताई बारिश की आशंका, जानिए

Jharkhand Weather News राजधानी रांची समेत आसपास के जिलों में प्री-मानसून बारिश का असर देखने को मिल रहा है। लगभग झारखंड के सभी जिलों में आंशिक बादल छाए रहने व बारिश के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 07:26 AM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 07:27 AM (IST)
Monsoon 2022: झारखंड में मौसम ने ली करवट... तापमान में गिरावट, मौसम विभाग ने कब जताई बारिश की आशंका, जानिए
Jharkhand Weather News: झारखंड में मौसम विभाग का येलो अलर्ट जारी

रांची, जासं। Jharkhand Weather News प्री-मानसून बारिश का असर राजधानी रांची समेत आसपास के जिलों में देखने को मिल रहा है। अमूमन झारखंड के सभी जिलों में आंशिक बादल छाए रहने व बारिश के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। मजेदार बात यह कि पिछले तीन माह के दरम्यान मेदिनीनगर का तापमान पहले नंबर पर रहा और एकाध दिन ही 40 के नीचे पहुंचा लेकिन बुधवार को बोकारो थर्मल का राज्य में सबसे अधिक तापमान अधिकतम 36.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि मेदिनीनगर का 34.6 डिग्री दर्ज किया गया है।

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राजधानी रांची की बात करें तो यहां के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। बुधवार को रांची का अधिकतम 33.2 जबकि न्यूनतम 20.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं सबसे अधिक बारिश हजारीबाग के हिंदगिर में 60.4 मिमी रिकार्ड की गई है।

मौसम विज्ञान केंद्र रांची के वरीय विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि प्री-मानसून के कारण मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। तापमान में गिरावट के साथ ही गर्मी से भी राहत मिल रही है। उन्हाेंने कहा कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में आंशिक बादल छाए रहने व बारिश की संभावना है।

उन्होंने कहा कि आज व शुक्रवार को राज्य के उत्तर पूर्वी यानी देवघर, दुमका, जामताड़ा, साहेबगंज, गोड्डा, पाकुड़ व धनबाद में कहीं कहीं हल्की व मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है। इसे लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। जबकि 28 व 29 मई को राज्य के दक्षिण पूर्वी यानी पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, सरायकेला खरसावां के साथ साथ देवघर, धनबाद, गोड्डा, पाकुड़, साहेबगंज, जामताड़ा, दुमका में भी बारिश की संभावना है।

इन जगहों पर हुई बारिश

पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक हजारीबाग के हिंदगिर में 60.4 मिमी दर्ज की गई। जबकि मोहारो में 40.4 मिमी, पाथरगामा में 38.2 मिमी, मंदार में 32.4 मिमी, सतगांव में 26 मिमी, सिलाएचक में 24 मिमी, महगावां 22.2 मिमी, पाकुड़िया में 14.6 मिमी, भुरकुंडा में 14.2 मिमी, बोरियो में 14 मिमी, सिमडेगा में 13 मिमी, कुरडेग में 12.8 मिमी, कोडरमा में 4.2 मिमी, खूंटी में 09 मिमी, लातेहार में 3.5 मिमी, रामगढ़ में 2.8 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है।

बारिश के बाद तापमान की स्थिति

पिछले 24 घंटे के दरम्यान राजधानी रांची का तापमान अधिकतम 33.2 डिग्री जबकि न्यूनतम 20.1 डिग्री सेल्सियस, जमशेदपुर का अधिकतम 35.6 डिग्री जबकि न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस, मेदिनीनगर का अधिकतम 34.6 डिग्री जबकि न्यूनतम 24.7 डिग्री सेल्सियस, बोकारो का अधिकतम 36.1 डिग्री जबकि न्यूनतम 24.1 डिग्री सेल्सियस, चाईबासा का अधिकतम 34.4 जबकि न्यूनतम 24.6 डिग्री सेल्सियस, देवघर का अधिकतम 35.5 डिग्री जबकि न्यूनतम 23.1 डिग्री सेल्सियस, गोड्डा का अधिकतम 35.5 डिग्री जबकि न्यूनतम 23.4 डिग्री सेल्सियस, साहेबगंज का अधिकतम 34.8 डिग्री जबकि न्यूनतम 22.4 डिग्री सेल्सियस, रामगढ़ का अधिकतम 34 डिग्री जबकि न्यूनतम 20.6 डिग्री सेल्सियस, गिरिडीह का अधिकतम 35.1 डिग्री जबकि न्यूनतम 22.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

बारिश के साथ ही धान की खेती के लिए अब खेतों की जुताई शुरू करने का समय

पूरे झारखंड में मानसून पूर्व बारिश सक्रिय है। मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक अगले 4-5 दिनों तक आकाश में हल्के बादल छाए रहेंगे। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में इस वर्ष 5-6 दिनों पूर्व ही मानसून दस्तक होगी। बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के कुलपति डा ओंकार नाथ सिंह ने किसानों को खरीफ फसलों की खेती के लिए खेतों को तैयार करने की सलाह दी है।

कुलपति ने खरीफ मौसम में खेती किसानी पर विचार साझा करते हुए बताया कि प्रदेश में 80 प्रतिशत कृषि कार्य इसी मौसम यानी खरीफ में होने से किसानों को कई बातों पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। झारखंड में मानसून दस्तक का एक पखवाड़े से भी कम समय बचा है। मानसून कुछ दिनों पहले आने एवं सामान्य बारिश की संभावना है। ऐसे में किसानों को खेतीबाड़ी में अधिक से अधिक कृषि यंत्रों के उपयोग से खेतों की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। सही समय पर खरीफ खेती की तैयारी राज्य के किसानों के लिए बेहद उपयोगी एवं लाभप्रद होगी।

उन्होंने कहा कि इस समय खेतों में जुताई के लिए उपयुक्त नमी मौजूद है। ऐसे में किसान अपने खाली पड़े खेतों की जुताई ढाल के विपरीत दिशा में करें तथा खेतों के मेड़ को दुरूस्त कर लें। खेतों की तैयारी में जून माह में बोई जाने वाली फसलों के लिए खेत की जुताई को प्राथमिकता के साथ पूरी कर लें। अंतिम जुताई से पहले खेतों में कंपोस्ट खाद डालकर अच्छी तरह मिट्टी में मिला दें।

बीज व सही कीटनाशक का करें चयन

खरीफ फसलों का समय पर बुआई के लिए शुद्ध, स्वस्थ प्रमाणित व उन्नत बीज का ही चयन करें। बीज को उपचारित करने के लिए फफूंदनाशी, कीटनाशी दवा, खरपतवार नाशक दवा की व्यवस्था करनी चाहिए। दलहनी एवं तेलहनी फसलों के बीज को उपचारित करने के लिए संबंधित फसल का राईजोबियम कल्चर यानी जीवाणु खाद को इस्तेमाल में लाएं। खेती किसानी में बेहतर उपज के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

किसानों के लिए मिट्टी जांच के आधार पर अनुशंसित उर्वरकों की मात्रा का प्रयोग करना उचित होगा। मिट्टी जांच रिपोर्ट नहीं होने की स्थिति में किसानों को संबंधित फसल के लिए अनुशंषित खाद एवं उर्वरकों की संतुलित मात्रा का अवश्य प्रयोग करना चाहिए। खेतों की मिट्टी अम्लीय प्रकृति का होने पर किसानों को मक्का, दलहनी एवं तेलहनी फसलों की खेती में अनुशंसित उर्वरकों के अलावे बुआई के समय 4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से चूना का प्रयोग पंक्तियों में करके मिट्टी में अच्छी तरह मिलाना चाहिए।

किसानों को अपने खेतों की उर्वरा शक्ति बनाए रखने तथा अधिक पैदावार के लिए फसल-चक्र में दलहनी फसलों को अवश्य शामिल करना चाहिए। कच्चे गोबर खाद का प्रयोग न करें तथा दीमक के प्रकोप से बचाव के लिए क्लोरपाईरीफोस 2 मिली प्रति लीटर पानी में डालकर बुआई के बाद इस्तेमाल में लाएं।


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