झारखंड जनजातीय समाज के विकास के लिए 50 वर्षों से अधिक से काम कर रहा वनवासी कल्याण केंद्र
झारखंड के 23 जिलों में वनवासी कल्याण केंद्र जनजातीय समाज के बीच अपने सर्वागीण विकास हेतु निरंतर प्रयत्नशील है। संस्था के सेवा प्रकल्प व्यापक रूप से चल रहे हैं। वनवासी कल्याण केंद्र झारखंड की नई कार्यकारिणी का गठन रविवार को किया गया।
रांची, जागरण संवाददाता। Jharkhand News : वनवासी कल्याण केंद्र, झारखंड में 1969 से जनजातीय समाज के बीच उनके सर्वागीण विकास हेतु निरंतर प्रयत्नशील है। झारखंड के 23 जिलों में संस्था के सेवा प्रकल्प व्यापक रूप से चल रहे हैं। शिक्षा के प्रसार के लिए 389 एकल विद्यालय, 108 प्राथमिक एवं उच्च विद्यालय एवं 22 छात्रावास चलाये जा रहे हैं। इसके साथ ही एक अस्पताल, कंप्यूटर एवं सिलाई प्रशिक्षण केंद्र चलाए जा रहे हैं।
झारखंड की नई कार्यकारिणी का गठन
वनवासी कल्याण केंद्र, झारखंड की नई कार्यकारिणी का गठन रविवार को किया गया। नई समिति अगले तीन वर्षों तक कार्यरत रहेगी। चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में अखिल भारतीय उपाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह, संगठन मंत्री अतुल जोग और मार्गदर्शक सोमाया जुलू विशेष रूप से उपस्थित थे।
सभी पदों के लिए सर्वसम्मति से नामों की घोषणा की गई। आरएसएस के क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन और जयप्रकाश देवरालिया को संरक्षक बनाया गया।
रिझु कच्छप को बनाया गया महामंत्री
वहीं डा. सुखी उरांव को अध्यक्ष और पवन मंत्री, सुदन मुंडा व सुशील सोरेन को उपाध्यक्ष और रिझु कच्छप को महामंत्री बनाया गया।
इसके साथ ही बिनीत लाल मंत्री व ओम प्रकाश अग्रवाल कोषाध्यक्ष चुने गए।
ये है नई समिति में सदस्य
नई समिति में सदस्य के रूप में देवनंदन सिंह, जादो उरांव, प्रतिभा गोयल, बॉबी नाग, विवेक भसीन, जगलाल पाहन, राजेंद्र झुनझुनवाला, मनोज जैन, सिद्धार्थ पारिक, अश्विनी मिश्र, मोतीलाल मुर्मू, मनोज लियांगी, बीएन. झा व कैलाश उरांव रखा गया।