Jharkhand Tribal Festival: झारखंड जनजातीय महोत्सव में किस दिन क्या होगा, यहां पढ़िए दो दिवसीय कार्यक्रम का पूरा विवरण
Jharkhand Tribal Festival 2022 झारखंड में पहली बार दो दिवसीय झारखंड जनजातीय महोत्सव का आयोजन 9 अगस्त से प्रारंभ होने जा रहा है। रांची में देश भर के आदिवासी विद्वान और विशेषज्ञ इसमें एकत्र होंगे। दो दिनों तक यहां रहकर आप आदिवासी दुनिया से रूबरू हो सकते हैं।
रांची, डिजिटल डेस्क। Jharkhand Tribal Festival 2022 झारखंड जनजातीय महोत्सव-2022 का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 9 अगस्त को दोपहर एक बजे विधिवत उदघाटन करेंगे। इस मौके पर झामुमो सुप्रीमो व सांसद शिबू सोरेन भी मौजूद रहेंगे। इस मौके पर 150 नगाड़ा वादक पारंपरिक रूप से नगाड़ा का वादन करेंगे। इसके साथ ही दो दिवसीय इस महोत्सव का शुभारंभ हो जाएगा। विविध औपचारिकताएं अपराह्र 2.20 बजे तक पूरी कर ली जाएंगी। यह पूरा आयोजन रांची के माेरहाबादी मैदान में होगा। इसमें झारखंड समेत देश के कई राज्यों के आदिवासी विद्वान, कलाकार, साहित्यकार, इतिहास विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता भाग लेंगे।
विविध लोक कलाओं का लीजिए आनंद
पहले दिन इस मौके पर शाम साढ़े तीन बजे से मयूरभंज के कलाकार छऊ लोकनृत्य प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद असम, ओडिशा के लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। इसके बाद नंदलाल नायक अपनी प्रस्तुति देंगे। दूसरे दिन इस महोत्सव में सुबह से शाम तक आप मध्यप्रदेश का भील डांस, भगोरिया डांस के अलावा झारखंड के मधु मंसूरी समेत कई कलाकारों की प्रस्तुति आप देख सकते हैं। आंध्र प्रदेश के कलाकार भी अपना जलवा बिखेरेंगे। इस दिन शाम चार बजे में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहेंगे। महोत्सव के पहले दिन आदिवासी इतिहास पर गहन विमर्श का सत्र भी है। सुबह 9 बजे से दोपहर एक बजे तक यह कार्यक्रम प्रस्तावित है। प्रो विनिता दामोदरन अपना वक्तव्य रखेंगी। डा राहुल रंजन भी इस सत्र में मौजूद रहेंगे। 10 अगस्त तक चलने वाले इस कार्यक्रम में कई विषयाें पर सेमिनार, फैशन शो, गीत-संगीत आदि का आयोजन प्रस्तावित है।
दिनांक 9 अगस्त 2022
- पहला सत्र: दोपहर 2 से अपराह्न 3:30 बजे तक
- विषय : वाचिकता की सैद्धांतिकी और वाचिक परंपराः लोक कथा, लोक गाथा, आख्यान, लोक गीत, महापाप।
- वक्ता : सुरेश जगन्नाथम, श्रीमती स्नेहलता नेगी, अरुण कुमार उरांव, डा जमुना बीनी, प्रो. जयराम पासवान
- संचालन : सुश्री पार्वती तिर्की
- रिर्पोट लेखन : सुश्री सेनेल टेटे
दूसरा सत्र : अपराह्न 3:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक
- विषय : वाचिकता : लोक में इतिहास और दर्शन (उत्पति/सृष्टि, कथा, ज्ञान मीमांसा)।
- वक्ता : प्रो. जर्नादन गोंड, प्रो. दीपक कुमार लेपचाओं के वाचिक इतिहास, रूद्र चरण मांझी, कविता कर्मकार- असम के चाय बागान के आदिवासियों का वाचिक साहित्य इतिधर्म चेतना एवं संघर्ष, बिनोद कुमरे, कमल कुमार तांती, देवमाइत लकड़ा, लक्ष्मण एम गैकवाड, दिनकर कुमार।
- संचालन : प्रवीण बसती खेस
- रिपोट लेखन : पार्वती तिर्की
दिनांक- 10 अगस्त 2022
- पहला सत्र : सुबह 10 बजे से 11 बजे तक
- विषय : आदिवासी भाषा: दैनिक व्यवहार में प्रयोग और प्रभाव
- वक्ता : प्रो नामदेव, शांता नायक, शांति खलखो, कुसुम माधुरी टोप्पो, जसिंता केरकेट्रटा, पार्वती तिर्की, संजय कुमार तांती।
- संचालक : कविता कर्मकार
- रिपोर्ट लेखन : कुसुम माधुरी टोप्पो
दूसरा सत्र : सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक
- विषय : विलुप्त आदिवासी भाषाएं: बेदिया, चेरो, खेरवार, असुर, बड़ाईक व गोंड आदि।
- वक्ता : दयमंती सिंकू, हेमंत दलपति, डा हरि उरांव, डा जिंदर मुंडा, डा महेश्वरी गावित, गुंजल इकिर मुंडा।
- संचालन : रूद्र चरण मांझी
- रिपोर्ट लेखन : गुंजल इकिर मुंडा
तीसरा सत्र : दोपहर 12 बजे से अपराह्र 2 बजे तक
- विषय : आधुनिक आदिवासी साहित्य की प्रगित
- वक्ता : महादेव टोप्पो, रणेन्द्र कुमार, डा रविभूषण, डा अशोक प्रियदर्शी, निर्मला पुतुल, महेश कुमार, संतोष कुमार सोनकर, डा सावित्री बड़ाइक, गौतम भाईदास कुंवर, वंदना चौबे, रूपम मिश्र।
- संचालन : जर्नादन गोंड
- रिपोर्ट लेखन : कविता कर्मकार
चौथा सत्र : शाम 4.30 बजे से शाम 6 बजे तक
- विषय : कविता पाठ
- कविगण : रणेन्द्र कुमार, महादेव टोप्पो, निर्मला पुतुल, जसिंता केरकेट्टा, वंदना चौबे, रूपम मिश्र, कमल कुमार तांती, प्रेमी मोनिका टोप्पो, जमुना बीनी ताडर, स्नेहलता नेगी, जनार्दन गोंड, कविता कर्माकार, पार्वती केरकेट्टा, दिनकर कुमार।
- संचालन : कुसुम माधुरी टोप्पो
- रिपोर्ट लेखन : रूद्र चरण मांझी