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Jharkhand News: शिक्षक नियुक्ति मामले में शिक्षा सचिव को सुप्रीम कोर्ट से राहत... हाई कोर्ट ने जारी की थी अवमानना नोटिस

Jharkhand News झारखंड हाई कोर्ट ने जारी की थी अवमानना नोटिस। झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है एसएलपी। इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने कार्मिक विभाग और शिक्षा सचिव को राहत दे दी है। मामला संस्कृत शिक्षकों के नियोजन से संबंधित है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Mon, 18 Apr 2022 10:35 PM (IST)Updated: Mon, 18 Apr 2022 10:38 PM (IST)
Jharkhand News: शिक्षक नियुक्ति मामले में शिक्षा सचिव को सुप्रीम कोर्ट से राहत... हाई कोर्ट ने जारी की थी अवमानना नोटिस
Jharkhand News: शिक्षक नियुक्ति मामले में शिक्षा सचिव को सुप्रीम कोर्ट से राहत...

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Teacher Appointment Case सुप्रीम कोर्ट से झारखंड के कार्मिक और शिक्षा सचिव को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इनके खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट की ओर जारी अवमानना के नोटिस पर रोक लगा दी है। इस मामले की अगली सुनवाई चार जनवरी को होगी। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है। हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने पांच मार्च को गैर अनुसूचित जिलों में संस्कृत शिक्षकों को दो सप्ताह में नियुक्ति करने का निर्देश दिया था।

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अदालत ने कहा था कि यदि दो सप्ताह में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं होगी तो कार्मिक और शिक्षा सचिव पर अवमानना का मामला चलाया जाएगा। राज्य में वंदना दादेल कार्मिक और राजेश शर्मा शिक्षा सचिव हैं। दरअसल, राज्य के गैर अनुसूचित जिलों में संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। सुनवाई के दौरान कार्मिक सचिव और शिक्षा सचिव ऑनलाइन हाजिर हुए थे।

अदालत ने कहा था कि इस मामले अदालत ने गैर अनुसूचित जिलों में नियुक्ति करने पर रोक नहीं लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी नियुक्ति करने की छूट दी है। बावजूद इसके सरकार कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही है। कोर्ट ने कहा था कि दोनों अधिकारियों ने आदेश की अवमानना की है, लेकिन उन्हें अंतिम अवसर दिया जा रहा है। यदि दो सप्ताह में नियुक्ति नहीं की गई तो दोनों अधिकारियों पर अवमानना की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। प्रार्थियों की ओर से कहा गया था कि वर्ष 2016 में कई विषयों में हाईस्कूल शिक्षकों नियुक्ति निकाली गई थी।

जेएसएससी ने संस्कृत के शिक्षकों की नियुक्ति की अनुशंसा वर्ष 2018 में की गई। देवघर सहित दो जिलों में संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई। बाकी नौ जिलों में कोर्ट के आदेश के बाद भी नियुक्ति नहीं की गई है। जबकि इतिहास और नागरिक शास्त्र के शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई, जिनकी अनुशंसा बाद में की गई थी।


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