Mission Gold : झारखंड स्पोर्ट्स अकादमी ने बच्चों को घर भेजा, चार महीने से नहीं दी फीस
Jharkhand State Sports Promotion Society. पैसे के अभाव में अकादमी का मेस हुआ बंद चार माह से स्कूल में फीस नहीं दी गई प्रशिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को भी नहीं मिला वेतन।
रांची, [संजीव रंजन]। राज्य सरकार व सीसीएल की महत्वाकांक्षी योजना मिशन गोल्ड पर ग्रहण लग गया है। राज्य सरकार व सीसीएल के बीच की खींचतान में भविष्य के प्रतिभावान खिलाड़ी पिस रहे हैं। पैसे के अभाव के कारण बच्चों को वापस घर भेज दिया गया है। वहीं अकादमी के कोचों को भी पिछले दो माह से वेतन नहीं दिया गया है और वे भी सरकार व सीसीएल के रवैये से नाखुश हैं।
अकादमी में मेस का संचालन करने वालों ने किचन बंद कर दिया है और कहा है कि जब तक हमें बकाया नहीं दिया जाएगा तब तक हम मेस नहीं चलाएंगे। इस विषम परिस्थिति को देखते हुए झारखंड स्टेट स्पोट्र्स प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएसपीएस) ने बच्चों को वापस घर भेजने का निर्णय लिया है। सूत्रों ने बताया कि जब तक पैसे का प्रबंध नहीं हो जाता तब तक उन्हें वापस नहीं बुलाया जाएगा।
सीसीएल बोर्ड ने और भुगतान करने से किया मना
सरकार व सीसीएल द्वारा होटवार में खेल अकादमी की स्थापना की गई थी। सरकार व सीसीएल के बीच हुए एमओयू के तहत दोनों को इस पर 50-50 प्रतिशत खर्च देना था। इस वर्ष अकादमी का बजट 25 करोड़ पास हुआ था। बताया गया कि इसमें 12.5 करोड़ सीसीएल ने दे दिए जबकि जेएसएसपीएस का कहना है कि सरकार द्वारा एक भी पैसा नहीं मिला। वर्ष 2016-17 के लिए भी राज्य सरकार ने एक भी पैसा नहीं दिया।
सरकार के इस रवैये को देखते हुए सीसीएल बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक राज्य सरकार अपने हिस्से की राशि नहीं देती है तब तक सीसीएल पैसा नहीं देगा। सीसीएल के इस रवैये के कारण जेएसएसपीएस का पिटारा पूरी तरह खाली हो गया। ऐसे में मेस चलाने वालों के साथ साथ स्कूल में भी बच्चों की फीस भी जमा नहीं हुई। प्रशिक्षकों को वेतन मिलना भी बंद हो गया। इसके अलावा अन्य दैनिक कर्मचारियों का वेतन भी रुक गया।
18 को सभी बच्चों को घर भेज दिया गया
मेस संचालक ने किसी तरह चार माह तक मेस चलाया लेकिन भुगतान न होने पर उसने किचन में ताला लगा दिया और आगे सेवा देने से इन्कार कर दिया। चार माह से स्कूल में फीस भी जमा नहीं हुई। ऐसी स्थिति में जेएसएसपीएस ने अकादमी के बच्चों को घर वापस भेजने का निर्णय लिया। बताया गया कि जब तक पैसे की पूरी व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक उन्हें घर पर रहने को कहा गया है।
कुछ बच्चे परीक्षा समाप्त होने के बाद घर चले गए थे उन्हें भी अभी घर में रहने को कहा गया। सभी को 24 मार्च तक वापस आना था। बच्चे का अभ्यास बंद हो जाने से प्रशिक्षकों ने कहा कि ऐसी स्थिति में बच्चे जो कुछ सीखे हैं सब भूल जाएंगे।
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खर्च का पूरा ब्यौरा नहीं मिलने के कारण सरकार ने रोकी राशि
जेएसएसपीएस द्वारा खर्च का पूरा ब्यौरा नहीं मिलने के कारण सरकार ने पैसे देने पर रोक लगा रखी है। खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह ने इस संदर्भ में जेएसएसपीएस को पत्र द्वारा अवगत भी करा दिया था। वहीं जेएसएसपीएस का कहना है कि हमने सारे कागजात खेल विभाग को उपलब्ध करा दिये हैं। वहीं खेल विभाग के अधिकारियों को कहना है कि खर्च का हिसाब नहीं मिल रहा है और जब तक सरकार द्वारा दिये गए पैसे के खर्च का हिसाब नहीं मिल जाता है तब तक पैसे रिलीज नहीं किये जाएंगे।
मामला मुख्य सचिव तक पहुंचा
गुरुवार को यह मसला मुख्य सचिव के पास पहुंचा। खेल अकादमी संचालित करने में हो रही परेशानी की व्यथा लेकर जेएसएसपीएस के पदाधिकारी मुख्य सचिव के पास पहुंचे और 31 मार्च से पहले कुछ पैसे दिलाने की गुहार लगाई।