Jharkhand Assembly : सरकार का दावा- 347 घाटों पर 100 रुपये CFT मिल रहा बालू, विपक्ष बोला- किसी घाट का नाम बताएं
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार ने दावा किया कि राज्य के 347 घाटों पर 100 रुपये सीएफटी बालू मिल रहा है, जिसका विपक्ष ने विरोध किया। भाजपा व ...और पढ़ें

विधानसभा में उठा बालू घाटों का मुद्दा।
राज्य ब्यूरो, रांची । झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चली। पहली पाली में निर्बाध ढंग से प्रश्नकाल चला, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, खान, पर्यटन से जुड़े सवालों पर सरकार के जवाब आए। एक सवाल के जवाब के क्रम में सरकार ने दावा किया कि राज्य के 347 घाटों पर 100 रुपये सीएफटी (क्यूबिक फीट) बालू मिल रहे हैं।
विपक्ष ने इस दावे को गलत बताते हुए कहा कि सरकार उन घाटों का नाम बता दे, जहां इस दर पर बालू मिल रहा है। BJP MLA कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से कहा कि झारखंड राज्य खनिज विकास निगम द्वारा राज्य में बालू घाटों के संचालन की व्यवस्था के दौरान काफी कम दर पर एमडीओ का चयन किए जाने के कारण राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ है।
जवाब में विभागीय मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि राज्य को नुकसान नहीं, बल्कि फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि पेसा नियमावली गठित नहीं होने से शेष घाटों की नीलामी पर उच्च न्यायालय की रोक है। इसपर भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने सवाल किया कि पेसा नियमावली कौन लागू करेगा? सरकार सदन को गुमराह न करे।
शिवपूजन मेहता ने कहा कि सरकार सिर्फ पलामू के घाटों की ही सूची दे दे, जहां 100 रुपये प्रति सीएफटी बालू मिल रहा है। जवाब में मंत्री ने 171 घाटों की सिर्फ संख्या ही बताई। इस बीच योगेंद्र प्रसाद ने विधायक को जानकारी नहीं होने की बात कही। जवाब में कुशवाहा ने कहा कि वे मंत्री से कम पढ़े-लिखे नहीं हैं। डबल एमए और एलएलबी उत्तीर्ण हैं।
गुणवत्ता के आधार पर इंटर कालेजों को मिलेगा अनुदान
राज्य के वित्त रहित इंटर कालेजों को अब छात्र संख्या की जगह उनकी गुणवत्ता के आधार पर अनुदान मिलेगा। सदन में प्रभारी मंत्री सुदिव्य कुमार विधायक देवेंद्र कुंवर के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में कहा कि सरकार के पास इंटर कालेजों के 75 प्रतिशत अनुदान वृद्धि का प्रस्ताव विचाराधीन है। लेकिन अनुदान को गुणवत्ता से जोड़ने की पहल की जा रही है।
उन्होंने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से संस्थानों को इसी आधार पर बढ़ा हुआ अनुदान मिलेगा। मंत्री ने कहा कि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा डिग्री कालेजों को नैक ग्रेड के आधार पर संशोधित दर पर अनुदान दिया जा रहा है। लेकिन इंटर कालेजों के लिए अभी तक गुणवत्ता का पैमाना निर्धारित नहीं किया जा सका है।
डिग्री कालेजों की बात करें तो न्यूनतम सी नैक ग्रेड तथा नैक एक्रीडिएशन रहित कालेजों को वित्तीय वर्ष 2027-28 तक ही अनुदान की राशि देय होगी। वित्तीय वर्ष 2027-28 के बाद वित्त रहित स्थायी संबद्धता प्राप्त डिग्री कालेजों को सहायता अनुदान की राशि की स्वीकृति के लिए न्यूनतम नैक बी ग्रेड से नीचे स्तर के कालेजों को अनुदान नहीं दिया जाएगा।
धनबाद में वृद्धजनों के उपकरण खरीद में गड़बड़ी की होगी जांच
भाजपा विधायक राज सिन्हा ने धनबाद के स्वास्थ्य उपकेंद्रों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में वृद्धजनों के बीच सपोर्टिंग डिवाइस आर्थोपेडिक कैलीपर्स की जगह मापने वाला वर्नियर कैलिपर्स की आपूर्ति का मामला अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से उठाया। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई तथा एजेंसी को काली सूची में डालने की मांग की।
उन्होंने कहा कि इसमें जिस सिविल सर्जन की जवाबदेही है, उसी से रिपोर्ट मंगाकर सदन को जानकारी दी जा रही है। जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि क्योंकि महज दो लाख 48 हजार 500 रुपये का सामान था, इसलिए इसे घपला नहीं कहा जा सकता। लालदेव रजक नामक शख्स ने विभाग को गुमराह किया था। उन्होंने इसकी जांच कराकर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई का आश्वासन सदन को दिया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।