कोविड वार्ड में बढ़ा संक्रमण का खतरा, 10 दिनों में भी बदली नहीं जा रही कोरोना मरीजों की बेडशीट
RIMS Ranchi News कोविड मरीजों के प्रति प्रबंधन का ध्यान नहीं है। हर दिन 800 से 1000 बेडशीट की धुलाई होती है। बावजूद इसके गंदी बेडशीट संक्रमित मरीज पड़े रहते हैं।
रांची, जासं। रांची के रिम्स अस्पताल में कोविड मरीजों पर प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है। कभी कोविड वार्ड के बेड से मरीज जमीन पर गिरा मिलता है तो कभी गंदगी को लेकर शिकायत मिलती है। इधर, कुछ दिनों से ट्रॉमा सेंटर के कोविड वार्ड और पेइंग वार्ड के कोविड वार्ड में गंदी बेडशीट की शिकायतें मिल रही हैं। पेइंग वार्ड में भर्ती मरीजों ने बताया कि जब से वे वार्ड में भर्ती हुए हैं, तब से एक बार भी बेडशीट नहीं बदली गई है। जबकि कोविड मरीजों के बीच खास तौर पर साफ-सफाई रखने का निर्देश दिया गया है।
हर तीसरे दिन बेडशीट को बदलने का निर्देश है। मरीजों को यह सुविधा नहीं मिल रही है। पेइंग वार्ड के कमरे में भर्ती मरीज ने बताया कि 9 दिन बाद उसके कमरे की बेडशीट कई बार ड्यूटी सिस्टर से कहने के बाद बदली गई। वहीं इसी पेइंग वार्ड में हाई कोर्ट के जज भी भर्ती हैं। उनके कमरे में 13 दिन बाद बेडशीट बदली गई है। प्रबंधन की इसी लापरवाही की शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री से लेकर बड़े अधिकारी तक फटकार लगाते हैं लेकिन व्यवस्था में सुधार न के बराबर है।
हर दिन 800 से 1000 बेडशीट की होती है धुलाई
इधर, रिम्स से मिली जानकारी के अनुसार हर दिन पूरे अस्पताल में 800 से 1000 बेडशीट की धुलाई होती है। शनिवार को 1016 और शुक्रवार को 960 बेडशीट की वाशिंग की गई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि बेडशीट की धुलाई के बाद भी आखिर वार्डों में बदलने में क्या परेशानी होती है। कई कमरे में बेड में बिछाए गए बेडशीट का कलर तक उड़ चुका है। रिम्स के लॉन्ड्री में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि कोविड के कुछ वार्डों में डिस्पोजेबल बेडशीट का इस्तेमाल होता है। अगर ऐसा भी है तब भी बेडशीट समय पर क्यों नहीं बदला जाता।