गिरफ्तार पीएलएफआई उग्रवादियों की निशानदेही पर तीन और धराए, पुलिस कर रही पूछताछ Ranchi News
Jharkhand Ranchi News रांची के नामकुम इलाके में पुलिस ने कार्रवाई की है। पुलिस ने बड़े पैमाने पर हथियार भी बरामद किए हैं। आज पुलिस मामले का खुलासा कर सकती है।
रांची, जासं। रांची पुलिस ने शनिवार की रात गिरफ्तार किए गए तीन पीएलएफआई उग्रवादियों की निशानदेही पर तीन और उग्रवादियों को दबोचा है। यह तीनों भी लेवी के लिए शहर में शरण लिए हुए थे। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है, हालांकि इनकी गिरफ्तारी की अब तक आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है। बता दें कि चुटिया के केतारीबगान और पंडरा इलाके से शनिवार को तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया था। छापेमारी के दौरान एक उग्रवादी सीवरेज पाइप के सहारे भागने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस की ओर से एके-47 राइफल कॉक कर गोली मारने की चेतावनी दी गई। तभी सरेंडर किया और पाइप के सहारे ऊपर चढ़ा।
गिरफ्तार उग्रवादियों में नगड़ी थाना क्षेत्र के सपारोम स्थित सीएनआई चर्च के पास रहने वाला विनय तिग्गा व सनी कच्छप और नयासराय टून्दुलमठ टोली निवासी कचना पाहन शामिल है। तीनों उग्रवादी पीएलएफआई के एरिया कमांडर पुनई उरांव के दस्ते के हैं। पुनई के इशारे पर ही इलाके में लेवी की वसूली कर रहे थे। पुलिस ने पकड़े गए उग्रवादियों के पास से दो पिस्टल के अलावा 29 गोलियां भी बरामद की है। पकड़े गए उग्रवादियों से अब तक हुई पूछताछ में पता चला है कि रंगदारी नहीं देने पर तीनो रांची के एक जमीन कारोबारी की हत्या करने की फिराक में थे। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
35 लोगों से पीएलएफआई के नाम पर मांगी जा चुकी है रंगदारी
पूछताछ में उग्रवादियों ने खुलासा किया है कि चुटिया व रांची से सटे इलाके के जमीन कारोबारी और व्यवसायी उनके निशाने पर हैं। रांची के 35 लोगों से संगठन के नाम पर रंगदारी मांगी गई है। इसमें ज्यादातर जमीन कारोबारी ही हैं। उनसे 50 से लेकर दस लाख रुपये तक की रंगदारी मांगी गई थी। इसमें से कुछ कारोबारियों ने उन्हें रकम भी दिया है। कई कारोबारियों ने जल्द पैसा देने की बात कही है। पूछताछ में उग्रवादियों ने उन व्यवसायियों व जमीन कारोबारियों के नाम का भी खुलासा किया है।
कमीशन की लालच में पीएलएफआई से जुड़े थे अपराधी
पकड़े गए उग्रवादी एरिया कमांडर पुनई उरांव के दस्ते में शामिल हैं। इसके दस्ते में वसूले गए रंगदारी की रकम में से कमीशन का लालच दिया गया था। इसी वजह से अपराधी लगातार पीएलएफआई संगठन से जुड़ रहे हैं। व्यवसायियों व जमीन कारोबारियों से रंगदारी की रकम वसूलने के बाद पुनई उरांव के पास जमा करते हैं। राशि वसूली के एवज में उन्हें 20 से 30 प्रतिशत तक कमीशन भी दिया जाता है। इसके अलावा किराए व खाने पीने की व्यवस्था भी संगठन ही करता है।
किराए के मकान में शिफ्ट होने वाले थे
चुटिया के केतारीबगान निवासी विरेंद्र मंडल के घर पर बाइक से उग्रवादी कचना पाहन व विनय तिग्गा पहुंचे थे। उनका मकान किराए पर मांग रहे थे। लेकिन कागजात भी नहीं दे रहे थे। संदेह होने पर मंडल ने इसकी जानकारी नामकुम पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने दोनो को छापेमारी कर गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर सनी कच्छप को पंडरा से पकड़ा गया।
इंटरनेट कॉल के जरिए मांगते थे रंगदारी
ग्रामीण एसपी ने बताया कि पकड़े गए उग्रवादी इंटरनेट कॉल के जरिए रंगदारी मांग रहे थे। विनय व सनी कच्छप के पास से पुलिस को एक सीम बरामद हुआ है। उस नंबर से दोनो ने कई जमीन कारोबारियों से रंगदारी मांगी है। उस सिम से केवल इंटरनेट चलाया जा रहा था। पुलिस ने तकनीकी सेल की मदद से उग्रवादियों को दबोचा है।
उग्रवादियों का रहा है अपराधिक इतिहास
पकड़े गए उग्रवादियों का आपराधिक इतिहास रहा है। सनी कच्छप नगड़ी में 21 अक्टूबर 2018 को हुई बाबू खान हत्याकांड में शामिल था। इस मामले में फरार चल रहा था। इसके अलावा रातू थाना क्षेत्र में हुई इम्तियाज अंसारी के हत्याकांड में भी फरार चल रहा था। ओरमांझी इलाके में सुंदरदास नाम के व्यक्ति को गोली मारी थी। जबकि विनय तिग्गा अपने ही चाचा प्रकाश तिग्गा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा नगड़ी थाना में रंगदारी लूटपाट और आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज हैं।
छापेमारी टीम में ये थे शामिल
मुख्यालय वन के डीएसपी नीरज कुमार, नामकुम थाना प्रभारी प्रवीण कुमार, पीएसआई अनिमेष शांतिकारी, एएसआई बलेंद्र कुमार, सिपाही प्रवीण तिवारी, कृष्णा तिवारी सहित नामकुम थाने की टीम शामिल थी।