देश के सभी कैंसर अस्पतालों में होगा पूजा का रिसर्च पेपर, कीमोथेरेपी के साथ मिलेगी म्यूजिक थेरेपी
पटना के आइजीआइएमएस से एमएससी नर्सिंग और पीएचडी कर चुकी पूजा चार वर्षों के शोध के दौरान गोल्ड मेडलिस्ट रही। 18 फरवरी को उसे राष्ट्रपति नई दिल्ली में गोल्ड मेडल से सम्मानित करेंगे।
रांची, [विनीत कुमार]। रांची जिले के डकरा के भूतनगर बस्ती निवासी पूजा गुप्ता ने कैंसर मरीजों के इलाज में संगीत के प्रभाव पर एक शोध पुस्तक प्रकाशित की है। खास बात यह है कि इस पुस्तक को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अनुमोदित कर दिया है। अब इस शोध पुस्तक का उपयोग देश के सभी कैंसर अस्पतालों में होगा। पूजा ने अपनी शोध टीम के साथ चार वर्षों तक शोध कर 100 कैंसर मरीजों के इलाज में कीमोथेरेपी के साथ-साथ संगीत के प्रभाव पर रिसर्च कर 500 पृष्ठों की यह शोध पुस्तक तैयार की है।
पटना के आइजीआइएमएस से एमएससी नर्सिंग और पीएचडी कर चुकी पूजा चार वर्षों के शोध के दौरान गोल्ड मैडलिस्ट रही। 18 फरवरी को उसे राष्ट्रपति नई दिल्ली में गोल्ड मेडल से सम्मानित करेंगे। पूजा गुप्ता ने बताया कि अपने संघर्ष और मेहनत के बल पर उसने यह मंजिल पाई है। पूजा गुप्ता का जन्म रांची जिले के छोटे से गांव मांडर में 26 जुलाई 1988 को एक मध्यम परिवार में हुआ।
23 फरवरी 1996 को उसके सिर से पिता का साया छीन गया। उस वक्त वह संत अन्ना कान्वेंट मांडर में 5वीं कक्षा में पढ़ रही थीं। किसी तरह से उसने पढ़ाई जारी रखी। 2001 में मां के निधन के बाद वह बुआ के यहां भूतनगर डकरा आ गई। उसकी बुआ गायत्री देवी उन दिनों सब्जी बेचा करती थी। उसी ने पूजा की आगे की पढ़ाई का जिम्मा उठाया। इसके बाद पूजा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
पूजा ने पटना के आइजीआइएमएस से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई की है। पढ़ाई के साथ उसने कैंसर मरीजों की चिकित्सा में संगीत के प्रभाव का आकलन किया और रिसर्च पेपर व पुस्तक का प्रकाशन किया। इस कार्य में छह लोगों की टीम बनी। टीम लीडर पूजा गुप्ता थी, जबकि टीम की गाइड रूपश्री दास गुप्ता थी। टीम में पूजा गुप्ता,अमीषा नयन दिव्या रानी, नीतू कुमारी, रानी कुमारी, पूजा कुमारी थी।