Rajya Sabha Chunav 2022: झामुमो ने कांग्रेस से कहा- आंख न दिखाओ, हमसे भीख मांगो... राज्यसभा सीट पर ठेंगा
Jharkhand Newsझारखंड मुक्ति मोर्चा ने सहयोगी दल कांग्रेस को राज्यसभा सीट पर ठेंगा दिखा दिया है। झामुमो इस चुनाव में अपना उम्मीदवार देगा। शनिवार को विधायक दल की बैठक में उम्मीदवार पर निर्णय होगा। झामुमो ने कहा कि कांग्रेस आंख न दिखाए झामुमो से याचना करे।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News राज्यसभा चुनाव में अपनी दावेदारी को लेकर झामुमो के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बना रही कांग्रेस को शुक्रवार को जोर का झटका लगा। झामुमो ने खुलकर कह दिया है कि प्रत्याशी उसका होगा। लगे हाथों यह भी सलाह दी गई है कि गठबंधन धर्म के नाम पर कांग्रेस झामुमो को डिक्टेट नहीं करे। झामुमो के इस रुख से सत्तारूढ़ गठबंधन के रिश्ते में खटास आना स्वाभाविक है। नई दिल्ली में कांग्रेस नेताओं की चल रही कवायद को इससे झटका लग सकता है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उम्मीदवार का नाम तय करने के लिए शनिवार को पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई है। बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सरकारी आवास पर होगी। संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन प्रत्याशी हो सकती है। हेमंत सोरेन के भाई विधायक बसंत सोरेन की पहली पत्नी ममता सोरेन के नाम की भी अटकलें हैं। झामुमो के केंद्रीय सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस आंख दिखाकर याचना नहीं करे। याचक कभी निर्वाचक नहीं हो सकते। जो लोग शिबू सोरेन की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, उन्हें सबक सिखाना आवश्यक है।
झामुमो ने कहा कि कांग्रेस को गठबंधन धर्म के नाम पर डिक्टेट नहीं करना चाहिए। सवाल उठाया कि पिछले राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना आधिकारिक उम्मीदवार क्यों उतारा? जनता ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को जनादेश दिया है। राज्यसभा चुनाव में झामुमो उम्मीदवार देगा। यह भी कहा कि देश में क्षेत्रीय पार्टियां ही भाजपा से मुकाबला कर रही है। कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि जब हम मजबूत होंगे, तभी कांग्रेस मजबूत होगी।
कांग्रेस ने कहा, हम न आंख दिखा रहे न याचना कर रहे
झारखंड मुक्ति मोर्चा के रुख पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस न तो किसी को आंख दिखा रही है, न याचना कर रही है। गठबंधन हमेशा सहमति के आधार पर कामयाब होता है। निर्देश पर गठबंधन नहीं चलता। कांग्रेस और झामुमो का गठबंधन चुनाव पूर्व का है और जनादेश गठबंधन को मिला है। गठबंधन की गांठ खोलने वाली बयानबाजी से झामुमो को बचना चाहिए। पिछले राज्यसभा चुनाव में मुख्यमंत्री और तत्कालीन प्रभारी की सहमति से दोनों सीटों पर उम्मीदवार देने का निर्णय हुआ था। शिबू सोरेन सर्वमान्य नेता हैं और इसमें किसी को संशय नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में किया कैंप
राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में कैंप कर रखा है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. अजय कुमार, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय फिलहाल रेस में हैं। इसके अलावा पार्टी के कई राष्ट्रीय नेताओं का भी नाम लिया जा रहा है, जिसे कांग्रेस आलाकमान एडजस्ट करना चाहता है।झारखंड प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रधान महासचिव संजय प्रसाद यादव ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी महागठबंधन के सभी दलों की सहमति से तय होना चाहिए। सभी दलों के बीच बेहतर तालमेल बना रहना चाहिए। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस व राजद को आपसी सहमति से ही उम्मीदवार तय करना चाहिए। उन्होंने सभी सहयोगी दलों से आग्रह किया है कि राज्यसभा चुनाव में संथाल परगना से ही किसी अल्पसंख्यक को प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए।
फुरकान अंसारी के लिए विधायकों की लॉबिंग
राज्यसभा चुनाव को लेकर नई दिल्ली में जमे कांग्रेस के आठ विधायकों ने शुक्रवार को पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। विधायकों ने पूर्व सांसद फुरकान अंसारी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने की मांग उठाई। इसका नेतृत्व जामताड़ा के विधायक डा. इरफान अंसारी कर रहे थे। सभी विधायकों ने बारी-बारी से अपना पक्ष रखा। प्रतिनिधिमंडल में दीपिका पांडे सिंह, उमाशंकर अकेला, राजेश कच्छप, पूर्णिमा नीरज सिंह, ममता देवी, रामचंद्र सिंह, सन्नी सिंकू शामिल थे। इरफान अंसारी ने बताया कि केसी वेणुगोपाल से लगभग एक घंटा विस्तार से बात हुई। उन्होंने विधायकों का मनोबल बढ़ाया। विधायकों ने कहा कि फुरकान अंसारी कांग्रेस के मजबूत योद्धा है। समाज में इनकी काफी पकड़ है। झारखंड में अकलियतों की आबादी में पिछले अल्पसंख्य 96 प्रतिशत हैं। उन्हें मौका देने से अच्छा संदेश जाएगा।
आज दिल्ली जा सकते हैं हेमंत सोरेन
राज्यसभा चुनाव को लेकर दावेदारी के बीच झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार को दिल्ली जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक झामुमो विधायक दल की बैठक के बाद वे दिल्ली जा सकते हैं। वे वहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखेंगे।