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    Jharkhand Politics: सीएम हेमंत सोरेन 4 दिसंबर को दिल्ली से लौटेंगे, 5 से विधानसभा का शीत सत्र

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 10:12 PM (IST)

    झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 4 दिसंबर को दिल्ली से लौटेंगे। उनके लौटने के अगले दिन से ही विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होगा। सत्र में सरकार कई म ...और पढ़ें

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    झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन।

    राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चार दिसंबर को दिल्ली से वापस रांची लौट रहे हैं। लौटते ही शाम में सत्तारूढ़ गठबंधन (झामुमो-कांग्रेस-राजद) के विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक में वे शामिल होंगे। यह बैठक आगामी विधानसभा सत्र से पहले रणनीति तय करने के लिए अहम मानी जा रही है। अगले दिन यानी पांच दिसंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, जिसमें सरकार अपनी योजनाओं को जोर-शोर से रखेगी और विपक्ष पर हमलावर रहने की रणनीति बनेगी।

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    बैठक में सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रमुख नेता भी उपस्थित रहेंगे। शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर तक चलेगा। उल्लेखनीय है कि 28 नवंबर को सरकार की स्थापना के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संपन्न समारोह में शिरकत करने के बाद निजी कार्य से दिल्ली गए थे।

    इधर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल पर मंगलवार को लिखा गया- झारखंड झुकेगा नहीं।

    पार्टी प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने भी भाजपा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा है- घाटशिला में चुनाव हारने वाली भाजपा सरेंडर मोड में है। हाथी घोड़े तोप तलवारें, फौज भी तेरी सारी है, जंजीरों में जकड़ा राजा मेरा, फिर भी सब पर भारी है। झारखंड में भाजपा घाटशिला का उपचुनाव हारते ही सरेंडर मोड पर है। इनके नेतागण जान चुके हैं कि अगले 20 साल भाजपा झारखंड के सत्ता के केंद्र में नहीं लौटेगी। इसलिए हर रोज एक नया शिगूफा - हर रोज एक नया सपना। पर सब ये जान लें - झारखंड ना झुका था - ना झुकेगा।

    भ्रम फैलाने में लगी है भाजपा - कांग्रेस

    झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भाजपा के साथ जाने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार और भाजपा के इशारे पर हेमंत सोरेन को छह माह तक बिना ठोस कारण जेल में रखा गया, जिसकी पीड़ा और अन्याय को वह आज भी नहीं भूले हैं। झारखंड में भाजपा के पास न तो कोई सक्षम नेता है और न ही विकास को लेकर कोई स्पष्ट नीति। अफवाहों के सहारे भ्रम फैलाकर भाजपा राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रही है।

    उन्होंने आगे कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कांग्रेस और गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर राज्य को नई दिशा दी है। जनता ने आईएनडीआईए को जनादेश दिया था और भाजपा और एनडीए के सहयोगियों को पूरी तरह नकार दिया था। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को राज्य में पार्टी अध्यक्ष के लिए योग्य चेहरा नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते एक वर्ष से संगठन और नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी एक ही नेता संभाल रहे हैं।