Jharkhand: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बोले- साक्षी महाराज को क्वारंटाइन मुक्त करें, नहीं तो आंदोलन
Jharkhand Politics दीपक प्रकाश ने कहा कि क्वारंटाइन मामले में राज्य सरकार का दोहरा चरित्र सामने आया है। पदाधिकारियों को भी आगाह किया कि वे सरकार की कठपुतली बनने से बाज आएं।
रांची, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसद साक्षी महाराज के जबरन क्वारंटाइन किए जाने से भाजपा नेताओं में आक्रोश है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि यदि उन्हें क्वारंटाइन से मुक्त नहीं किया जाता तो पार्टी हेमंत सरकार के दोहरे चरित्र के खिलाफ आंदोलन करेगी। उन्होंने प्रशासनिक पदाधिकारियों को भी आगाह किया कि वे सरकार की कठपुतली बनने से बाज आएं।
दीपक प्रकाश ने कहा कि सांसद साक्षी महाराज निजी कार्यक्रम में शामिल होने गिरिडीह आए थे और शुक्रवार को जब वे लौट रहे थे तब उन्हें अपराधी की तरह बैरिकेडिंग करके रोकना और फिर क्वारंटाइन करना, राज्य सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध से युक्त दोहरी नीति का परिचायक है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार पर नियमों के अनुपालन को लेकर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया है।
कहा, लॉकडाउन का उल्लंघन कर भारी भरकम काफिले के साथ लालू प्रसाद से मिलने आने वाले तेज प्रताप रांची आते हैं, सड़कों पर हंगामा करते हैं और मिलकर वापस लौट जाते हैं लेकिन प्रशासन कुछ नहीं करता। क्वारंटाइन के नियम धरे रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के प्रारंभ से ही राज्य सरकार के इशारे पर पदाधिकारी चेहरा देखकर कार्रवाई कर रहे हैं, जबकि पदाधिकारियों से सामान्य नागरिक से लेकर वीआइपी, सत्ता पक्ष और विपक्ष सब के साथ नियमों के अनुपालन में एकरूपता की उम्मीद की जाती है।
दीपक प्रकाश ने कहा कि लॉकडाउन के शुरुआती दौर में जब आम जनता घरों में बंद थी तो राज्य सरकार के मंत्री बसों में भरकर विदेशियों को भेज नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे। नेता विधायक दल एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सहित मुझे दिल्ली से लौटने पर 14 दिन के क्वारंटाइन में भेजा जाता है, जबकि कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी दिल्ली से रांची आकर संगठन की बैठक लेते है, कार्यक्रम में शामिल होते हैं फिर भी उन्हें दिल्ली वापस जाने दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि अभी राज्य के एक मंत्री के कोरोना पॉजिटिव होने पर पूरी कैबिनेट को क्वारंटाइन होने का निर्देश दिया गया फिर भी कई मंत्री खुलेआम घूमते रहे और कार्यक्रमों में भी शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के लोग, जिसमे सरकार के मंत्री भी शामिल हैं बड़ी संख्या में राजभवन के सामने धरना देकर राजनीतिक कार्यक्रम करते हैं और प्रशासन मूक दर्शक बना रहता है।