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Jharkhand Politics: हाथी से जुड़ी कहावत पर झारखंड में भिड़ गई भाजपा-कांग्रेस

Jharkhand Politics अब धरती का यही भारी-भरकम स्तनपायी प्राणी राज्य की राजनीति में भी उथल-पुथल मचा रहा है। हाथी पर मशहूर कहावत(Phrases) हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और कहकर भाजपा(BJP) कांग्रेस(Congress) के प्रदेश अध्यक्ष पर तंज कसा।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 02:32 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 02:32 PM (IST)
Jharkhand Politics: हाथी से जुड़ी कहावत पर झारखंड में भिड़ गई भाजपा-कांग्रेस
Jharkhand Politics: हाथी से जुड़ी कहावत पर झारखंड में भिड़ गई भाजपा-कांग्रेस

रांची(प्रदीप सिंह)। झारखंड(Jharkhand) के जंगलों से निकलकर हाथी अक्सर रिहायशी इलाकों में उत्पात मचाता है। अब धरती का यही भारी-भरकम स्तनपायी प्राणी राज्य की राजनीति में भी उथल-पुथल मचा रहा है। दरअसल हुआ कुछ ऐसा कि हाथी पर मशहूर कहावत(Phrases) 'हाथी के दांत, खाने के और, दिखाने के और' कहकर भाजपा(BJP) के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस(Congress) के प्रदेश अध्यक्ष पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहूलियत की राजनीति(Politics) करती है। अगर नीतिगत मामलों पर कांग्रेस के नेता अलग राय रखते हैं तो उन्हें सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए। तत्काल भाजपा के इस आरोप पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी पलटवार किया और इसके लिए सहारा भी हाथी को बनाया।

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ठाकुर बोले - हाथी उड़ाने वाले तानाशाह के सामने भाजपाई मुंह नहीं खोल पाते थे। इन्हें नसीहत देने के पहले अपने घर में झांकना चाहिए। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने शासनकाल में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मोमेंटम झारखंड का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम का शुभंकर 'उड़ता हुआ हाथी' था। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में भाजपा के खिलाफ बोलने वालों को इसी बहाने एक मौका मिल गया। वे अक्सर अपनी सभाओं में इसका उल्लेख करते हैं कि भाजपाई चाहें तो भारी-भरकम हाथी तक को उड़ा सकते हैं।

कांग्रेस करती है सहूलियत की राजनीति - दीपक प्रकाश

झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कांग्रेस पर सहूलियत की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की का एसटी-एससी की प्रोन्नति मामले को लेकर बयान और फिर प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर का दूसरे प्रदेश से 10 वीं और 12 वीं पास करने वाले खतियानी को नौकरी देने का बयान कुछ ऐसा ही दर्शाता है। इन सवालों पर झामुमो और कांग्रेस का अलग-अलग राग जनता को केवल दिग्भ्रमित करने वाला है। कांग्रेस नेताओं का बयान महज राजनीतिक है। कांग्रेस अगर वास्तव में जनता और आदिवासियों की हितैषी है तो बयानबाजी छोड़कर तत्काल सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा करे। प्रोन्नति की सारी अड़चनें तत्काल दूर करने की भाजपा पक्षधर है, परंतु सरकार में रहकर भी कांग्रेस के मुंह से इस प्रकार का बयान शोभा नहीं देता। कांग्रेस केवल झूठा बयानबाजी कर आदिवासियों की हितैषी होने का ढोंग रचती है। परंतु जब आदिवासियों को वास्तव में न्याय और मरहम की जरूरत होती है तब यही कांग्रेस सरकार के पक्ष में मजबूती से खड़ी नजर आती है। कांग्रेस नेताओं का उपरोक्त बयान हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और वाली कहावत चरितार्थ कर रहा है।

दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद भी अधिकारियों की इतनी हिम्मत है कि वह रोड़ा अटका सकते हैं। आरोप लगाया कि झारखंड सरकार के दो चेहरे हैं। दिखावे के लिए मुख्यमंत्री प्रोन्नति की अड़चनों को दूर करने का कुछ और आदेश देते हैं और अनुपालन के लिए अधिकारियों को बाद में मौखिक कुछ और आदेश मिलता है। अब दोनों में सच क्या है, यह या तो सरकार बता सकती है।

हाथी उड़ाने वाले तानाशाह के पास इनका मुंह नहीं खुलता था: राजेश ठाकुर

झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भाजपा पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि हाथी उड़ाने वालों को हाथी के ज्यादा सपने आते हैं और खाने के दांत अलग और दिखाने के दांत अलग वाली कहावत भाजपा नेताओं पर चरितार्थ होती है। जो लोग आज हमें नसीहत देने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि हाथी उड़ाने वाले तानाशाह के सामने इनका मुंह खुल पाता था? हरमू मैदान का वीडियो इसका उदाहरण है। गठबंधन की सरकार में आंतरिक लोकतंत्र है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सबकी बात गंभीरता से सुनते हैं और राज्य हित में निर्णय भी लेते हैं। जब हाथी उड़ाने वाले की सरकार थी तो उनके सामने मुंह खोलने की हिम्मत नहीं थी। इन्हें याद रहना चाहिए कि उनके मंत्रिमंडल के सदस्य पद पर रहते हुए लगातार बोलते रहे। सवाल उठाया कि राज्य में हमारे गठबंधन की सरकार है तो हम सरकार को बात नहीं बताएंगे तो किसे बताएंगे। गठबंधन में लोकतंत्र हैं। भाजपा के नेताओं को हमें सलाह देने के पहले अपना घर झांकना चाहिए।

दीपक प्रकाश खुद हमारे प्रतिनिधिमंडल के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने गए हैं तो उन्हें इसका अहसास होना चाहिए कि झारखंड में गठबंधन की सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों पर कितनी गहराई से विश्वास करती है। तानाशाह के कार्यकाल में संतोषी भात-भात चिल्लाते मर गई। निर्दोष आदिवासियों, दलितों पर गोलियां बरसाई गई। पारा शिक्षकों पर मुकदमे लादे गए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष यह भूल गए कि तानाशाह के राज में सीएम आवास के सामने अपराधी अपराध कर निकल जाते थे। विधानसभा चुनाव में जनता ने इन्हें बेदखल कर दिया।दरअसल राज्य सरकार की लोकप्रियता देखकर भाजपा के नेता बौखला गए हैं। अफवाह फैलाने का तरीका भाजपाइयों को खूब आता है, लेकिन झारखंड को भाजपा की प्रयोगशाला नहीं बनने दिया जाएगा।


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