Jharkhand: बाबूलाल मरांडी ने लैंड म्यूटेशन बिल को बताया काला कानून, बोले- सड़क से सदन तक होगा विरोध
Jharkhand Political Updates उन्होंने कहा कि इस कानून के प्रभावी होने के बाद अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय जाने के विकल्प भी समाप्त हो जाएंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल-2020 को काला कानून बताया है। रविवार को रांची स्थित प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि भू-माफिया को सरकारी संरक्षण देने के लिए इस विधेयक को लाया गया है। भाजपा सड़क से सदन तक इसका विरोध करेगी, क्योंकि इसके माध्यम से राज्य सरकार भ्रष्ट अफसरों को लूट की खुली छूट देना चाह रही है।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड सरकार ने चुपके-चुपके झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल-2020 को कैबिनेट से पारित कराया है। सूचना है कि मानसून सत्र के दौरान विधानसभा से इस विधेयक को पारित कराने की कोशिश होगी। उन्होंने कहा कि इस बिल के सेक्शन-22 के अनुसार म्यूटेशन में किसी भी तरह के फर्जीवाड़ा होने पर संबंधित पदाधिकारी के खिलाफ ना ही सिविल और ना ही क्रिमिनल किसी तरह का केस बनेगा।
कहा, अगर यह विधेयक पारित होकर कानून बन गया, तो झारखंड की गरीब जनता अपनी जमीन से हाथ धो बैठेगी। हमारी मांग है कि इस विधेयक को झारखंड सरकार अविलंब वापस ले। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है, तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सड़क से सदन तक इसका पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में जमीन के ट्रांसफर में भारी गड़बड़ी की शिकायतें आए दिन देखने को मिलती रहती हैं। झारखंड में गैरमजरूआ और सरकारी जमीन का भी फर्जीवाड़ा हो रहा है।
फर्जी तरीके से म्यूटेशन हो रहा है। गैरमजरूआ जमीन को सरकारी पदाधिकारी और जमीन के दलाल मिलकर बेच रहे हैं। ऐसे सैकड़ों मामले आने के बाद अफसरों पर कार्रवाई करने के लिए मैंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा था। किंतु, सरकार तो पदाधिकारियों के प्रोटेक्शन के लिए कानून ही बनाने को लेकर बेताब दिख रही है। इस मौके पर मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक भी उपस्थित थे।