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IPS अनुराग गुप्‍ता अपने खिलाफ करवाना चाहते हैं CBI जांच, नहीं रहा झारखंड पुलिस पर भरोसा

Jharkhand Police IPS Anurag Gupta झारखंड के निलंबित आइपीएस अनुराग गुप्‍ता ने अपने खिलाफ दर्ज मामले व निलंबन को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी है। हार्स ट्रेडिंग मामले की सीबीआइ से जांच कराने का आग्रह किया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 07:47 PM (IST)
IPS अनुराग गुप्‍ता अपने खिलाफ करवाना चाहते हैं CBI जांच, नहीं रहा झारखंड पुलिस पर भरोसा
अनुराग गुप्‍ता ने कहा कि उन्‍हें झारखंड पुलिस से न्‍याय की उम्‍मीद नहीं है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Police IPS Anurag Gupta राज्यसभा चुनाव-2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में जगन्नाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी के आरोपित एडीजी अनुराग गुप्ता अब हाई कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने जगन्नाथपुर थाने में अपने ऊपर दर्ज प्राथमिकी के साथ-साथ सरकार के निलंबन से संबंधित आदेश को भी चुनौती दी है। हाई कोर्ट में आवेदन देकर उन्होंने अपने ही खिलाफ सीबीआइ से जांच कराने का आग्रह किया है और बताया है कि झारखंड पुलिस के अनुसंधान से उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं है। अब एडीजी अनुराग गुप्ता के आवेदन के आधार पर हाई कोर्ट ने सरकार को शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया है। शपथ पत्र के माध्यम से सरकार को केस संबंधित सभी तथ्य व केस की वर्तमान स्थिति से हाई कोर्ट को अवगत कराना है।  

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11 माह से निलंबित चल रहे हैं एडीजी अनुराग गुप्ता

एडीजी अनुराग गुप्ता लगभग 11 माह से निलंबित चल रहे हैं। गत वर्ष 14 फरवरी 2020 को हेमंत सरकार ने एडीजी अनुराग गुप्ता को निलंबित कर दिया था। तब वे सीआइडी के एडीजी थे। उनके खिलाफ राज्यसभा चुनाव 2016 में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को लालच देने और उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप है।

निर्वाचन आयोग के निर्देश पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी

विशेष शाखा के तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता पर वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में कांग्रेस की विधायक निर्मला देवी को पैसे का लालच देने का आरोप लगा था। भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड विकास मोर्चा की शिकायत पर इसकी जांच कराई थी। आयोग ने प्रथम ²ष्ट्या आरोप को सही पाते हुए उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।

इसके बाद एडीजी अनुराग गुप्ता व तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के सलाहकार अजय कुमार के विरुद्ध जगन्नाथपुर थाने में 29 मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज हुई थी। जनवरी 2018 में राज्य सरकार ने आयोग से इस मामले में पुनर्विचार करने को कहा था। आयोग ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और पूर्व के निर्देश के अनुपालन की हिदायत दी थी। इसके बाद ही सभी संबंधित आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई थी।

तत्कालीन विधायक का बयान

तत्कालीन बड़कागांव की विधायक निर्मला देवी ने जगन्नाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी की जांच के दौरान अपना बयान भी दर्ज कराया। उन्होंने अपने बयान में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास, तत्कालीन एडीजी विशेष शाखा अनुराग गुप्ता, तत्कालीन मुख्यमंत्री के सलाहकार अजय कुमार पर राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के एवज में पांच करोड़ रुपये की पेशकश करने का आरोप लगाया था। यह भी आरोप लगाया था कि आरोपितों ने उनपर भाजपा में शामिल होने का भी दबाव बनाया था।


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