Move to Jagran APP

बॉडीगार्ड रखने वालों की जेब टटोल रही पुलिस, पुराना हिसाब चुकता करेगी...

भुगतान के आधार पर बॉडीगार्ड रखने वाले रसूखदारों से अब बकाया वसूलने की तैयारी है। पिछले दिनों हुई समीक्षा में यह बात सामने आई थी कि वर्षों से बॉडीगार्ड की सेवा ले रहे कई लोगों ने निर्धारित राशि का भुगतान नहीं किया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 07:31 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 04:38 AM (IST)
बॉडीगार्ड रखने वालों की जेब टटोल रही पुलिस, पुराना हिसाब चुकता करेगी...
Jharkhand Police: बॉडीगार्ड रखने वाले रसूखदारों से अब बकाया वसूलने की तैयारी है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Police, Jharkhand News in Hindi भुगतान के आधार पर बॉडीगार्ड रखने वाले रसूखदारों से अब बकाया वसूलने की तैयारी है। पिछले दिनों हुई समीक्षा में यह बात सामने आई थी कि वर्षों से बॉडीगार्ड की सेवा ले रहे कई लोगों ने निर्धारित राशि का भुगतान नहीं किया है। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया था। आदेश के आलोक में अब जिला स्तर पर ऐसे  रसूखदारों की सूची खंगाली जा रही है, जिन्होंने बकाया का भुगतान नहीं किया है। अनुमान है कि यह बकाया करोड़ों में हो सकता है।

loksabha election banner

बताते चलें कि प्रभारी डीजीपी एमवी राव ने पिछले दिनों रसूखदारों के यहां तैनात पुलिसकर्मियों की समीक्षा की थी। इसके बाद दो अप्रैल 2020 की शाम पांच बजे तक निजी व्यक्तियों के यहां से सारे बॉडीगार्ड वापस ले लिए गए थे। तर्क दिया गया था कि जब लॉकडाउन में घर से बाहर निकलना ही नहीं है तो खतरा कैसा। वापस बुलाए गए सभी बॉडीगार्ड को विधि-व्यवस्था ड्यूटी में लगाया गया था।

केवल हाई कोर्ट के न्यायाधीश, न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारी, विधायक, सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और सरकारी अधिकारी की सुरक्षा में लगे बॉडीगार्ड को नहीं हटाया गया था। इधर, अनलॉक के बाद जैसे ही सभी गतिविधियां शुरू होने लगी, सभी रसूखदार अपने-अपने बॉडीगार्ड वापस लेने लगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.