Jharkhand Panchayat Chunav 2022: हार-जीत का अंतर 51, रद हो गए 295 मत, क्या बैलेट पेपर से वोटिंग का प्रत्याशियों को उठाना पड़ा नुकसान?
Jharkhand Panchayat Chunav 2022 झारखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2022 में बैलेट पेपर से वोटिंग कराया जा रहा है। जिसके परिणाम अच्छे नहीं दिख रहे हैं। एक पंचायत के चुनाव परिणाम में हार-जीत का अंतर 51 रहा जबकि यहां 295 मत रद हो गए।
मेदिनीनगर (पलामू)। Jharkhand Panchayat Chunav 2022 झारखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2022 में ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) के बजाय बैलेट बाक्स (मतपेटी ) का प्रयोग हो रहा है। इसके परिणाम पलामू में अच्छे नहीं दिख रहे हैं। बड़ी संख्या में मतदाताओं के मत रद हो रहे हैं। कई निर्वाचन क्षेत्रों में रद मतों की संख्या कई प्रत्याशियों को मिले कुल मतों से ज्यादा है। पंचायत चुनाव लोकतंत्र में चुनाव की सबसे निचली इकाई है। इसमें हार-जीत का फैसला बहुत कम मतों के अंतर से होता है। ऐसे में बड़ी संख्या में मतों को रद होना चिंता की बात है। साथ ही मतगणना में काफी समय लग रहा है। पलामू के हुसैनाबाद प्रखंड में तो मात्र 65 हजार मतों की गिनती में चार दिन के समय लग गए।
हार-जीत का अंतर 51, रद हो गए 295 मत
ऊंटारी रोड प्रखंड की करकट्टा पंचायत का चुनाव परिणाम गौरतलब है। यहां से कमला देवी मुखिया निर्वाचित हुई हैं। कमला को 650 मत मिले। निकटम प्रतिद्वंदी नीलम कुमारी के पक्ष में 599 मत पड़े। दोनों के बीच हार-जीत का अंतर 51 मत का है। जबकि रद वाटों की संख्या 295 हैं। सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है कि अगर इतने मत रद नहीं हुए होते तो परिणाम कुछ और होता। ऐसे में सवाल ये उठता है कि, क्या बैलेट पेपर से वोटिंग के कारण इतने वोट का रद होना, इसका नुकसान प्रत्याशियों को उठाना पड़ा?
मोहम्मदगंज में करीब 7 प्रतिशत मत अमान्य मोहम्मदगंज प्रखंड में जिला परिषद संख्या-2 में रद होने वाले वोटों की संख्या करीब 7 प्रतिशत है। यहां कुल 23449 मत पड़े। इनमें 1624 मत रद कर दिए गए। त्रिस्तीरय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में पलामू के 6 प्रखंडों में 14 मई को मतदान हुआ था। 17 मई को मतगणना के बाद रद मतों के जो आंकड़ें सामने आ रहे हैं वह चिंताजनक हैं।
मत रद होने के प्रमुख कारण...
- कई स्थानों पर मतदाता मतपत्र पर मुहर लगाने के बजाय अंगूठे का निशान लगा रहे हैं।
- मुहर की गुणवत्ता सही नहीं होने कारण मतपत्र पर मतदान के सही तरीके से चिह्न नहीं बन रहे हैं।
- खराब गुणवत्ता के कारण मुहर टूट जा रहे हैं। टूटे हुए मुहर का मतदाता प्रयोग कर दे रहे हैं। ऐसे मत अवैध करार दिए जा रहे हैं।
- जागरूकता के अभाव में कई मतदाता मतपत्रों पर डबल मुहर लगा दे रहे हैं।
प्रथम चरण के बाद पलामू प्रशासन सचेत
प्रथम चरण के मतदान की मतगणना के बाद रद होने वाले वोटों की संख्या को लेकर पलामू जिला प्रशासन चिंतित है। शुक्रवार को उपायुक्त शशि रंजन ने एसपी, डीडीसी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी के साथ बैठक की। सभी आरओ और प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ वीसी कर आवश्यक निर्देश दिए। दो चरण के मतदान हो चुके हैं। तीसरे और चाथे चरण में मतदान कराने जाने वाले मतदान पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे। जिला पंचायत राज पदाधिकारी शैलेष सिंह ने बताया कि 15-20 मिनट के अंतराल पर पीठासीन अधिकारी चेक करते रहेंगे कि कहीं मतदाता टूटे हुए मुहर का तो प्रयोग नहीं कर रहे हैं। साथ ही मतदान से पहले मतदाताओं को बताएंगे कि कैसे मतदान करना है।
ईवीएम से मतदान की पड़ चुकी आदत
साल 2004 के आम लोकसभा चुनाव में पूरे देश में एक साथ ही ईवीएम का प्रयोग शुरू हुआ। इसके बाद से सभी लोकसभा और विधानसभा चुनाव ईवीएम के माध्यम से ही हो रहा हैं। ईवीएम में मतदान रद होने की संभावना नहीं के बराबर रहती है। मतदाता ईवीएम से वोटिंग करने के अभ्यस्त हो चुके हैं। पंचायत चुनाव में गुजरे जमाने के पैटर्न (मतपेटी और मतपत्र) से मतदान करने के कारण गलती हो रही है। और बड़े पैमाने पर मत रद हो रहे हैं।